भारतीय अर्थव्यवस्था की कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को समर्थन देने के लिए वित्त मंत्री ने व्यवसायों से संबंधित राहत और ऋण सहायता के उपायों की घोषणा की, खासकर सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यमों के लिए-
इन उपायों की घोषणा के बिंदु:
· सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यमों सहित व्यवसायों के लिए 3 लाख करोड़ रुपये की इमरजेंसी वर्किंग कैपिटल फैसिलिटी
· स्ट्रेस्ड सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यमों के लिए 20,000 करोड़ रुपये का अधीनस्थ ऋण
· सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम फंड ऑफ फंड्स के माध्यम से 50,000 करोड़ रुपये का इक्विटी इन्फ्यूजन
· सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम की नई परिभाषा और सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम के लिए अन्य उपाय
· 200 करोड़ तक की सरकारी निविदाओं के लिए कोई वैश्विक निविदा नहीं
· जून, जुलाई और अगस्त 2020 के वेतन महीनों के लिए अन्य 3 महीने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि सहायता का विस्तार
· कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की परिधि में आने वाले सभी प्रतिष्ठानों के नियोक्ता और कर्मचारियों के लिए अगले 3 महीनों के लिए ईपीएफ योगदान 10% से घटा कर 10% किया जाएगा
· गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, हाउसिंग फाइनेन्स कंपनियों तथा माइक्रो फाइनेंस संस्थाओं के लिए 30,000 करोड़ की विशेष तरलता योजना
· गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों तथा माइक्रो फाइनेंस संस्थाओं की देयताओं के लिए 45,000 करोड़ की आंशिक ऋण गारंटी योजना 2.0
· डिस्कोम्स (डिस्ट्रीब्यूशन कंपनीज़) के लिए 90,000 करोड़ रुपये का तरलता अन्तःक्षेपण (इंजेक्शन)
· ठेकेदारों को ईपीसी और रियायत समझौतों के संबंध में सहित अनुबंध दायित्वों को पूरा करने के लिए छह महीने तक के लिए वृद्धि की राहत दी गई
· रियल एस्टेट परियोजनाओं को राहत; सभी पंजीकृत परियोजनाओं के लिए पंजीकरण और पूर्ण होने की तारीख को छह महीने तक बढ़ाया जाएगा।
· व्यापार के लिए कर राहत: धर्मार्थ ट्रस्टों और गैर-कॉर्पोरेट व्यवसायों तथा पेशेवरों को लंबित आय कर का रिफ़ंड तुरंत जारी किया जाएगा
· ‘स्रोत पर कर कटौती’ और वित्त वर्ष 20-21 की शेष अवधि के लिए ‘स्रोत पर कर संग्रहण’ की दरों में 25% तक कमी पर
· विभिन्न कर संबंधित करदाताओं के लिए देय तिथियां बढ़ाई गईं
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की पत्रकार वार्ता
नई दिल्ली,13 मई,।माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कल 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक और व्यापक पैकेज की घोषणा की जो भारत के जीडीपी के 10% के बराबर है। उन्होंने आत्म निर्भर भारत के लिए आह्वान किया। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के पांच स्तंभों- अर्थव्यवस्था, ढांचागत व्यवस्था, प्रणाली, जीवंत जनसांख्यिकी और मांग को भी रेखांकित किया।
आज यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्रमोदी ने कल राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में एक व्यापक दृष्टिकोण रखा।
उन्होंने यह भी कहा कि काफी समय बिताने के बाद प्रधानमंत्री ने खुद सुनिश्चित किया है कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में व्यापक परामर्श से प्राप्त इनपुट का आर्थिक पैकेज में उपयोग किया जाय। वास्तव में जो लक्ष्य है वह है एक आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना। यही कारण है कि आर्थिक पैकेज को आत्म निर्भर भारत अभियान कहा गया है। उन स्तंभों का हवाला देते हुए जिस पर हम आत्म निर्भर भारत अभियान का निर्माण करना चाहते हैं श्रीमती सीतारमण ने कहा कि हमारा ध्यान भूमि, श्रम, तरलता और कानून पर होगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार सब की सुन रही है और क्योंकि वह एक उत्तरदायी सरकार है इसलिए वह 2014 के बाद किए गए कुछ सुधारों को वापस लेना ही उपयुक्त समझा गया है।
श्रीमती सीतारमण ने कहा “बजट 2020 के तुरंत बाद कोविड-19 आया और लॉकडाउन 1.0 की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की घोषणा की गई।” उन्होंने कहा कि हम इस पैकेज पर आगे निर्माण करने जा रहे हैं।
श्रीमती सीतारमण ने कहा “आज से शुरू होकर, अगले कुछ दिनों तक मैं प्रधानमंत्री के कल के विज़न को विस्तार से बताने के लिए वित्त मंत्रालय की पूरी टीम के साथ आउंगी।
श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज “काम पर वापस लौटने” के उपायों पर ध्यान केंद्रित करने की घोषणा की, अर्थात्, कर्मचारियों और नियोक्ताओं, व्यवसायों, विशेष रूप से माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज को सक्षम करने के लिए, उत्पादन और श्रमिकों को वापस रोजगार दिलाने के लिए उपाय। गैर-बैंकिंग वित्त संस्थानों (एनबीएफसी), हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (एचएफसी), माइक्रो फाइनेंस सेक्टर और पावर सेक्टर को मजबूत करने के प्रयास भी बताए गए।
इसके अलावा घोषणाओं में व्यापार को कर राहत, सार्वजनिक खरीद में ठेकेदारों को अनुबंध की प्रतिबद्धताओं से राहत और रियल एस्टेट क्षेत्र को अनुपालन राहत भी शामिल थी।
पिछले पांच वर्षों में, सरकार ने सक्रिय रूप से उद्योग और सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यमों के लिए विभिन्न उपाय किए हैं। रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए, रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम 2016 में उद्योग में और अधिक पारदर्शिता लाने के लिए व्यवस्था की गई थी। इस सेगमेंट में तनाव से निपटने के लिए किफायती और मध्यम आय वाले आवास के लिए एक विशेष फंड पिछले साल स्थापित किया गया था। किसी भी सरकारी विभाग या सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा देरी से भुगतान के मुद्दे के साथ सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यमों की मदद करने के लिए, समाधान पोर्टल 2017 में शुरू किया गया था। स्टार्टअप के लिए एक फंड ऑफ फंड भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक के तहत स्थापित किया गया था ताकि देश में उद्यमिता को बढ़ावा दिया जा सके और सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यमों को ऋण प्रवाह में मदद करने के लिए विभिन्न अन्य क्रेडिट गारंटी योजनाएं चालू की गई थी।
निम्नलिखित उपायों की घोषणा आज की गई:
1. सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यमों सहित व्यवसायों के लिए 3 लाख करोड़ रुपये की इमरजेंसी वर्किंग कैपिटल फैसिलिटी
व्यवसाय को राहत देने के लिए 29 फरवरी 2020 तक बकाया ऋण के 20% के बराबर अतिरिक्त कार्यशील पूंजी रियायती दर पर टर्म लोन के रूप में प्रदान की जाएगी। यह 25 करोड़ रुपये तक के बकाया और 100 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाली इकाइयों के लिए उपलब्ध होगी जिनके खाते मानक हैं। इन इकाइयों को स्वयं की कोई गारंटी या कोलेटरल नहीं प्रदान करना होगा। इस रकम की भारत सरकार द्वारा 100% गारंटी दी जाएगी। इससे 45 लाख से अधिक सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यमों को 3.0 लाख करोड़ की कुल तरलता प्रदान होगी।
2. स्ट्रेस्ड सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यमों के लिए 20,000 करोड़ रुपये का अधीनस्थ ऋण
दो लाख सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यमों के लिए 20,000 करोड़ रुपयों का अधीनस्थ ऋण प्रावधान जो एनपीए हैं या तनाव में हैं। सरकार सूक्ष्म लघु और माध्यम उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट के लिए उन्हें 4,000 करोड़ रुपये की मदद करेगी। बैंकों से अपेक्षा की जाती है कि वे इस तरह के सूक्ष्म लघु और माध्यम उद्यमों के प्रवर्तकों को अधीनस्थ-ऋण प्रदान करेंगें जो इकाई में उसकी मौजूदा हिस्सेदारी के 15% के बराबर अधिकतम 75 लाख रुपये होगा।
3. सूक्ष्म लघु और माध्यम उद्यमों के फंड ऑफ फंड्स के माध्यम से 50,000 करोड़ रुपये का इक्विटी इन्फ्यूजन
सरकार 10,000 करोड़ रुपये के कोष की स्थापना करेगी जो सूक्ष्म लघु और माध्यम उद्यमों के लिए इक्विटी फंडिंग में सहायता प्रदान करेगी। निधियों के कोष को एक मदर और कुछ डॉटर निधियों के माध्यम से संचालित किया जाएगा। यह उम्मीद की जाती है कि डॉटर फंड के स्तर पर 1:4 का लाभ उठाने के साथ, फंड ऑफ फंड लगभग 50,000 करोड़ रुपये की इक्विटी जुटा सकेगा।
4. सूक्ष्म लघु और माध्यम उद्यमों की नई परिभाषा
निवेश की सीमा बढ़ाकर सूक्ष्म लघु और माध्यम उद्यमों की परिभाषा को संशोधित किया जाएगा। टर्नओवर का एक अतिरिक्त मानदंड भी शामिल किया जा रहा है। विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के बीच के अंतर को भी समाप्त किया जाएगा।
5. सूक्ष्म लघु और माध्यम उद्यमों के लिए अन्य उपाय
सूक्ष्म लघु और माध्यम उद्यमों के लिए ई-मार्केट लिंकेज को व्यापार मेलों और प्रदर्शनियों के प्रतिस्थापन के रूप में कार्य करने के लिए बढ़ावा दिया जाएगा। सरकार और सीपीएसई से प्राप्य 45 दिनों में जारी किए जाएंगे।
6. 200 करोड़ रुपये तक की सरकारी निविदाओं के लिए कोई वैश्विक निविदा नहीं
200 करोड़ रुपये से कम मूल्य की वस्तुओं और सेवाओं की खरीद में वैश्विक निविदा पूछताछ को अस्वीकार करने के लिए सरकार के सामान्य वित्तीय नियम (जीएफआर) में संशोधन किया जाएगा।
7. कर्मचारी भविष्य निधि व्यापार और संगठित श्रमिकों के लिए सहायता
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के एक भाग के रूप में शुरू की गई योजना जिसके तहत भारत सरकार ने नियोक्ता और कर्मचारी दोनों को ईपीएफ में से प्रत्येक के वेतन का 12% योगदान दिया है, को जून, जुलाई और अगस्त 2020 के वेतन महीनों के लिए 3 महीने तक बढ़ाया जाएगा। कुल लाभ 72.22 लाख कर्मचारियों के लिए लगभग 2500 करोड़ रुपये का है।
8. ईपीएफ अंशदान नियोक्ता और कर्मचारियों के लिए 3 महीने तक कम किया जाएगा
ईपीएफओ द्वारा कवर किए गए सभी प्रतिष्ठानों के नियोक्ता के लिए अगले 3 महीनों के लिए वैधानिक पीएफ योगदान 12% से घटा कर 10% किया गया। इससे प्रति माह लगभग 2,250 करोड़ रुपये की तरलता मिलेगी।
9. गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, हाउसिंग फाइनेन्स कंपनियों तथा माइक्रो फाइनेंस संस्थाओं के लिए 30,000 करोड़ की विशेष तरलता योजना
सरकार भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्रदान की गई तरलता के आधार पर सरकार 30,000 करोड़ रुपये की विशेष तरलता योजना शुरू करेगी। एनबीएफसी, एचएफसी और एमएफआई के निवेश ग्रेड ऋण पत्र में प्राथमिक और द्वितीयक बाजार लेनदेन में निवेश किया जाएगा। इसे भारत सरकार की 100 प्रतिशत गारंटी होगी।
10. गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों तथा माइक्रो फाइनेंस संस्थाओं की देयताओं के लिए 45,000 करोड़ की आंशिक ऋण गारंटी योजना 2.0
मौजूदा आंशिक क्रेडिट गारंटी योजना को नया रूप दिया जा रहा है और अब इसे कम रेटेड एनबीएफसी, एचएफसी और अन्य माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस (एमएफआई) के उधार को कवर करने के लिए बढ़ाया जाएगा। भारत सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 20 प्रतिशत प्रथम हानि संप्रभु गारंटी प्रदान करेगी।
11. डिस्कोम (डिस्ट्रीब्यूशन कंपनीज़) के लिए 90,000 करोड़ रुपये का तरलता अन्तःक्षेपण (इंजेक्शन)
पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन और रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन, वितरण कंपनियों में तरलता को दो बराबर किश्तों में 90000 करोड़ रुपये तक सीमित कर देगा। इस राशि का उपयोग वितरण कंपनियों द्वारा ट्रांसमिशन और जेनरेशन कंपनियों को उनके बकाये का भुगतान करने के लिए किया जाएगा। इसके अलावा, सीपीएसई, जीईएनसीओ तथा वितरण कंपनियों को इस शर्त पर छूट देंगे कि अंतिम उपभोक्ताओं को उनके स्थायी शुल्क के प्रति राहत के रूप में पारित किया जाए।
12. ठेकेदारों को राहत
रेलवे, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय और सीपीडब्ल्यूडी जैसी सभी केंद्रीय एजेंसियां ठेकेदारों को संविदात्मक दायित्वों को पूरा करने के लिए 6 महीने तक का विस्तार देंगी, जिसमें ईपीसी और रियायत समझौते शामिल हैं।
13. रियल एस्टेट परियोजनाओं को राहत
राज्य सरकारों को रेरा के तहत फोर्स मेजर क्लॉज को लागू करने की सलाह दी जा रही है। सभी पंजीकृत परियोजनाओं के लिए पंजीकरण और पूर्णता तिथि 6 महीने तक बढ़ाई जाएगी और राज्य की स्थिति के आधार पर अन्य 3 महीनों तक इसे और बढ़ाया जा सकता है। रेरा के तहत विभिन्न वैधानिक अनुपालनों को भी समवर्ती रूप से बढ़ाया जाएगा।
14. व्यवसायों को कर राहत
चैरिटेबल ट्रस्टों और गैर-कॉरपोरेट व्यवसायों और प्रोपराइटरशिप, साझेदारी और एलएलपी और सहकारी समितियों सहित व्यवसायों के लंबित आयकर रिफंड तुरंत जारी किये जाएंगे।
15. कर संबंधी उपाय
‘स्रोत पर कर कटौती’ और वित्त वर्ष 20-21 की शेष अवधि के लिए ‘स्रोत पर कर संग्रहण’ की दरों में 25% तक कमी –
· सभी गैर-वेतनभोगी भुगतानों के लिए टीडीएस दर, और स्रोत दर पर एकत्र किए गए कर वित्त वर्ष 20-21 की शेष अवधि के लिए निर्दिष्ट दरों के 25 प्रतिशत तक कम हो जाएंगे। यह 50,000 करोड़ रुपये की तरलता प्रदान करेगा।
· आकलन वर्ष 2020-21 के लिए सभी आयकर रिटर्न की नियत तारीख को 30 नवंबर, 2020 तक बढ़ाया जाएगा। इसी तरह कर लेखा परीक्षा की देय तिथि को 31 अक्टूबर 2020 तक बढ़ाया जाएगा।
· “विवाद से विश्वास” योजना के तहत अतिरिक्त राशि के बिना भुगतान करने की तारीख 31 दिसंबर, 2020 तक बढ़ा दी जाएगी