मुंबई, 19 मार्च । देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के कई डिजिटल माध्यमों पर लेनदेन में जबर्दस्त इजाफा हुआ है। एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने शुक्रवार को कहा कि बैंक के विभिन्न मंचों पर डिजिटल लेनदेन बढ़कर 67 प्रतिशत हो गया है, जो महामारी से पहले 60 प्रतिशत था।
उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान लॉकडाउन अंकुशों की वजह से ई-कॉमर्स गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं जिससे डिजिटल लेनदेन में भी बढ़ोतरी हुई है।
खारा ने कहा, ‘‘जब ई-कॉमर्स गतिविधियां बढ़ती हैं, तो डिजिटल माध्यमों की स्वीकार्यता बढ़ती है। यही वजह है कि हमारा डिजिटल लेनदेन अब 67 प्रतिशत के उच्चस्तर पर पहुंच गया है।’’
खारा ने बातचीत में कहा, ‘‘मेरा मानना है कि यह काफी अच्छा आंकड़ा है। यह देखते हुए कि बैंक में हम डिजिटल रूप से जागरूक के अलावा उन उपभोक्ताओं को भी सेवाएं देते हैं, तो डिजिटल लेनदेन में इतने कुशल नहीं होते।’’
उन्होंने कहा कि रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम (आरटीजीएस) की चौबीसों घंटे उपलब्धता तथा नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) की वजह से भी बैंक को डिजिटल लेनदेन बढ़ाने में मदद मिली है।
खारा ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि ऊंचा डिजिटल लेनदने पारिस्थतिकी तंत्र की वजह से आया है। इसका एक हिस्सा बैंक के खुद के प्रयासों से हासिल हुआ है।’’
उन्होंने कहा कि बैंक के डिजिटल ऋण मंच योनो (यू ओनली लीड वन ऐप) ने भी चालू वित्त वर्ष के दौरान अच्छी वृद्धि दर्ज की है। अभी योनो के पंजीकृत प्रयोगकर्ताओं की संख्या 3.5 करोड़ है। खारा ने बताया कि बैंक मोबाइल ऐप के जरिये रोजाना 35,000 से 40,000 बचत खाते खोल रहा है।