रियाद 26 अप्रेल। अपने कट्टर रुख में नरमी ला रहा सऊदी अरब अब भी अपराधियों को लेकर नरम नहीं पड़ा है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में पिछले चार महीने में करीब 48 लोगों को मौत की सजा दी जा चुकी है. इनमें से अधिकतर मामले ड्रग्स से जुड़े थे.
अमेरिका की मानवाधिकार संस्था ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सऊदी अरब को अपनी न्याय प्रणाली में सुधार लाने चाहिए.
संस्था ने मौजूदा न्याय प्रणाली को अनुचित करार दिया है.
संस्था के मुताबिक सऊदी अरब में पिछले चार महीने के दौरान 48 लोगों को मौत की सजा दी गई. इनमें से अधिकतर मामले के दोषी ड्रग्स अपराधों से जुड़े थे.
मौत की सजा देने के मामले में सऊदी अरब दुनिया में काफी आगे है. यहां आतंकवाद, बलात्कार, हत्या, लूटपाट, ड्रग्स की तस्करी जैसे मामलों में अपराधी साबित होने पर मौत की सजा दिया जाना आम बात है.
इस्लामिक कानून को मानने वाले सऊदी अरब की न्याय प्रणाली के खिलाफ मानवाधिकार समूह हमेशा से आवाज उठाते आए हैं. लेकिन सरकार का दावा है कि मौत की सजा अपराधों को लेकर डर पैदा करती है. और, लोग ऐसा कुछ भी करने से हिचकते हैं.
एचआरडब्ल्यू में मध्यपूर्व क्षेत्र की निदेशक सारा लेह व्हिटसन कहती हैं, “सऊदी अरब में इतने लोगों को मौत की सजा दे दी जाती है, तब भी जब वे किसी जघन्य अपराध में शामिल नहीं होते.”
एचआरडब्ल्यू के मुताबिक सऊदी अरब में साल 2014 के बाद से अब तक लगभग 600 लोगों को मौत की सजा दी गई है. सजा पाने वालों में हर तीसरा व्यक्ति ड्रग्स मामलों में शामिल था.
पिछले साल करीब 150 लोगों को यहां मौत की सजा दी गई. इसमें दोषियों के सिर कलम करने के आदेश दिए गए. लेकिन अब सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से कुछ उम्मीद नजर आती है.
टाइम मैग्जीन को दिए अपने इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि देश में मौत की सजा जैसे प्रावधानों को बदलने पर विचार किया जाएगा.attacknews.in