नयी दिल्ली, 01 अगस्त । राज्यसभा सांसद और समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व महासचिव अमर सिंह का आज निधन हो गया । वह चौसठ वर्ष के थे। उनके परिवार में पत्नी और दो पुत्री हैं।
श्री सिंह गुर्दा रोग से पीड़ित थे और छह माह से अधिक समय से सिंगापुर में उनका उपचार चल रहा था।
सांसद का दूसरी बार गुर्दा प्रत्यारोपण हुआ था, हालांकि गुर्दा प्रत्यारोपण सफल रहा था। उनकी हालत में सुधार हो रहा था किंतु फिर संक्रमण होने से उनका स्वास्थ्य बिगडता चला गया। डाक्टरों ने श्री सिंह को बचाने का भरपूर प्रयास किया किंतु असफल रहे।
श्री सिंह ने मृत्यु से तीन घंटे पहले दो ट्वीट किये थे। उन्होंने अपने ट्वीट में ईद-उल-अजहा की देशवासियों को बधाई दी थी। एक अन्य ट्वीट में दिवंगत नेता ने लोकमान्य बाल गंगाधर की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी थी।
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में 27 जनवरी 1956 में जन्मे श्री सिंह सपा संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के सबसे खासमखास थे।
अमर सिंह की मेगास्टार अमिताभ बच्चन के भी निकटतम थे किंतु बाद में दोनों के बीच अनबन हो गई थी।
श्री सिंह ने 2010 में सपा महासचिव पद और राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था। बाद में दो फरवरी 2010 को सपा प्रमुख मुलायम सिंह ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था। वह 2011 में कुछ समय जेल में भी रहे और कुछ समय तक राजनीति से दूर रहने के बाद श्री सिंह 2016 में सपा के समर्थन से फिर राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए इसी वर्ष अक्टूबर में उन्हें फिर सपा महासचिव बनाया था।
बेबाक बयानबाजी और किंगमेकर की भूमिका के तौर पर याद आयेंगे अमर
बालीवुड की ग्लैमरस दुनिया से लेकर उत्तर प्रदेश के राजनीतिक गलियारे तक अपनी अहमियत का अहसास कराने वाले राज्यसभा सांसद अमर सिंह के जीवन का सफर आज थम गया लेकिन राजनीति के क्षेत्र में उन्हे लंबे समय तक बेबाक बयानबाजी और किंगमेकर की भूमिका के तौर पर याद किया जायेगा।
समाजवादी पार्टी (सपा) संस्थापक मुलायम सिंह के बेहद करीबी समझे जाने वाले अमर सिंह ने हाल ही में किडनी प्रत्यारोपण करवाया था और वह पिछले छह महीने से अस्पताल में भर्ती थे।
रामगोपाल से तल्ख ही रहे अमर के रिश्ते
समाजवादी पार्टी (सपा) सरंक्षक मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी होने के बावजूद पूर्व महासचिव और राज्यसभा सांसद अमर सिंह के यादव परिवार के अहम सदस्य प्रो रामगोपाल से विचार कभी नहीं मिले।
दोनो नेताओं के बीच यूं तो ज्यादा बातचीत नहीं होती थी लेकिन वर्ष 2010 में दोनो के बीच जुबानी तकरार इस कदर हावी हुयी कि अमर सिंह ने कहा कि विवाद पर खेद व्यक्त करते हुये प्रो रामगोपाल ने उनसे माफी मांग ली है वहीं प्रो यादव का कहना था कि अमर सिंह कोई खुदा नहीं है जो वह उनसे माफी मांगेगे।