Home / International/ World / मानवाधिकारों के हनन का कलंकित देश बना पाकिस्तान में अघोषित मार्शल लॉ लागू ,अल्पसंख्यकों को दबाए जाने और अधिकारों से वंचित रखे जाने की नीति वर्षों से लागू, attacknews.in

मानवाधिकारों के हनन का कलंकित देश बना पाकिस्तान में अघोषित मार्शल लॉ लागू ,अल्पसंख्यकों को दबाए जाने और अधिकारों से वंचित रखे जाने की नीति वर्षों से लागू, attacknews.in

वाशिंगटन, 13 अक्टूबर । पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को “सैन्य कठपुतली” करार देते हुए पूर्व और मौजूदा सांसदों समेत प्रमुख पाकिस्तानी असंतुष्टों ने देश में स्थायित्व न होने, असुरक्षा और पड़ोसियों के साथ चलने की अक्षमता के लिये शक्तिशाली सेना को आरोपी ठहराया।

पश्तून नेता और पूर्व सेनेटर अफरासियाब खटक ने ‘साउथ एशियन अगेंस्ट टेररिज्म एंड फॉर ह्यूमन राइट्स’ (एसएएटीएच) के पांचवें वार्षिक सम्मेलन में कहा, “पाकिस्तान में अघोषित मार्शल लॉ लागू है।”

एसएएटीएच लोकतंत्र समर्थक पाकिस्तानियों का एक समूह है जिसकी स्थापना अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी और अमेरिका स्थित स्तंभकार डॉ. मोहम्मद तकी ने की थी। एक बयान के मुताबिक पूर्व में एसएएटीएच के वार्षिक सम्मेलन लंदन और वाशिंगटन में हुए थे लेकिन इस बार सम्मेलन में प्रतिभागी डिजिटल तौर पर शामिल हुए।

इसमें कहा गया कि प्रतिभागियों ने प्रधानमंत्री खान को एक “सैन्य कठपुतली” करार दिया।

समूह के सदस्यों में नेता, पत्रकार, ब्लॉगर, सोशल मीडिया कार्यकर्ता और नागरिक संस्थाओं से जुड़े लोग शामिल हैं। इनमें से कई विभिन्न देशों में निर्वासन में रहने को मजबूर हैं।

बयान के मुताबिक पाकिस्तानी सुरक्षा सेवाओं ने पूर्व में एसएएटीएच की बैठकों को बाधित करने की कोशिश की और पाकिस्तान में रहने वाले उसके सदस्यों की विदेश यात्रा पर प्रतिबंध भी लगाया, लेकिन इस साल डिजिटल प्रारूप में होने वाली बैठक में देश में रह रहे कई प्रमुख असंतुष्ट चेहरों ने भी इसमें हिस्सा लिया।

पाकिस्तान से सम्मेलन को डिजिटल रूप से संबोधित करते हुए खटक ने कहा, “यह पाकिस्तान में सबसे खतरनाक मार्शल लॉ है क्योंकि इसने संवैधानिक संस्थानों को अभद्र और विकृत किया है।”

उन्होंने कहा, “मौजूदा सैन्य व्यवस्था देश के राजनीतिक संस्थानों को सीमित कर रही है और हालात यह हैं कि खुफिया एजेंसियां सांसदों को यह निर्देश दे रही हैं कि सत्र में कब शामिल होना है और कब मतदान नहीं करना है।”

हक्कानी ने कहा कि प्रधानमंत्री खान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए हाल में उनपर और एसएएटीएच पर आरोप लगाया था।

उन्होंने कहा, “पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देने और स्वतंत्रता को दबाने की अपनी नीतियों की वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी जमीन खो रहा है, न कि मानवाधिकारों के लिये आवाज उठाने वाले कार्यकर्ताओं की वजह से।”

सम्मेलन में कई वक्ताओं ने पाकिस्तान में विभिन्न अल्पसंख्यकों को दबाए जाने और अधिकारों से वंचित रखे जाने का मुद्दा भी उठाया।

About Administrator Attack News

Dr.Sushil Sharma Admin/Editor

Check Also

भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से कहा:पाकिस्तान से आतंकवादी संगठनों के खिलाफ ‘प्रमाणिक’ कार्रवाई करने की अपील करे attacknews.in

भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से कहा:पाकिस्तान से आतंकवादी संगठनों के खिलाफ ‘प्रमाणिक’ कार्रवाई करने की अपील करे

कोरोना वायरस के प्रसार पर अंकुश के लिए ब्रिटेन से आने वाली यात्री उड़ानों पर रोक लगाएगा हांगकांग; जो भी व्यक्ति ब्रिटेन में दो घंटे से अधिक समय रहा उसे विमानों में चढ़ने की अनुमति नहीं होगी attacknews.in

कोरोना वायरस के प्रसार पर अंकुश के लिए ब्रिटेन से आने वाली यात्री उड़ानों पर रोक लगाएगा हांगकांग; जो भी व्यक्ति ब्रिटेन में दो घंटे से अधिक समय रहा उसे विमानों में चढ़ने की अनुमति नहीं होगी

रूसी कंपनी रोसातोम ने भारत की कुडनकुलम परमाणु संयंत्र की पांचवीं इकाई का निर्माण शुरू किया attacknews.in

रूसी कंपनी रोसातोम ने भारत की कुडनकुलम परमाणु संयंत्र की पांचवीं इकाई का निर्माण शुरू किया

हांगकांग के एप्पल डेली अखबार के संपादकीय लेखक फंग वाई कोंग को राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए विदेशी साठगांठ करने के संदेह पर किया गया गिरफ्तार attacknews.in

हांगकांग के एप्पल डेली अखबार के संपादकीय लेखक फंग वाई कोंग को राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए विदेशी साठगांठ करने के संदेह पर किया गया गिरफ्तार

सऊदी अरब के पुरुष संरक्षकता कानूनों की खुलकर आलोचना करने वाली महिला अधिकार कार्यकर्ताओं समर बदावी और नसीमा अल-सदा – को जेल से रिहा किया,सुनाई गई थी 5 साल के कारावास की सजा attacknews.in

सऊदी अरब के पुरुष संरक्षकता कानूनों की खुलकर आलोचना करने वाली महिला अधिकार कार्यकर्ताओं समर बदावी और नसीमा अल-सदा - को जेल से रिहा किया,सुनाई गई थी 5 साल के कारावास की सजा