इंदौर 28 अक्टूबर । आरोग्य भारती की दो दिवसीय बैठक में शिरकत करने पहुंचे संघ प्रमुख मोहन भागवत ने जीवन जीने के दो तरीकों का जिक्र किया, जिनमें एक देव और दूसरा राक्षसों का तरीका बताया, साथ ही उन्होंने बॉर्डर के पार यानि पाकिस्तान में राक्षसों का वास बताया।
आरोग्य भारती की बैठक में अपने विचार प्रकट करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कई तरह के उदाहरण दिए, उन्होंने सबसे पहले बेहतर जीवन शैली जीने वाले सम्मान से नवाजे गए रतनलाल वर्मा का धन्यवाद किया, आरोग्य भारती के कार्यकर्ताओं को आदर्श बताते हुए कहा कि आरोग्य के साथ भारती जुड़ा है, तो ये किस अखाड़े से जुड़ा है। यह आसानी से समझा जा सकता है। इसके बाद इसका विरोध और बढ़ जाता है, आरोग्य भारती भी लगातार चलने वाला संगठन है।
वहीं भागवत ने उदाहरण देते हुए जीवन जीने के दो तरीके बताये, पहला तरीका राक्षसों का और दूसरा तरीका देवों का, हर समय रखने वाला वो राक्षस और हर समय देने वाला देव का उदाहरण देते हुए भागवत ने एलओसी पार वालों को राक्षस प्रवृत्ति का बताते हुए कहा कि वो सिर्फ जमीन लेने की ही बात करते हैं, यदि हम देते रहेंगे तो हमारे पास क्या काम बचेगा?
आरोग्य भारती ने 2 दिवसीय प्रतिनधि बैठक का आयोजन किया। आयोजन मे भाग लेने के लिए केंद्र सरकार के आयुष राज्यमंत्री श्रीपद नाइक भी पहुंचे। नाइक ने कहा कि औषधि की खेती और परीक्षण का ज्ञान देने, देश के कौने-कौने में स्वस्थ सेवाएं पहुंचनाने का काम आरोग्य भारती कर रहा है।
सरकार द्वारा 900 से अधिक आयुष हॉस्पिटल देश भर में खोलने की योजना बनाने कि बात भी नाइक ने कही। 84 देश के नागरिकों ने योग दिवस की तरह आयुष दिवस अनाने की पहल की है। राज्यमंत्री ने बताया कि पीएम मोदी ने पुणे में आयुष संस्थान का जीणोद्धार किया है। ये आयुष संस्थान 2000 बेड का बनेगा। साथ ही आयुष विभाग अलग-अलग विभागों में आयुर्वेद और अन्य उपचार की सुविधा शुरू कर रहा है।
आयुष विभाग आयुर्वेद उपचार में भी इंयोरेन्स प्रणाली की व्यवस्था कर रहा है। नवजात स्वस्थ शिशु के लिए भी व्यवस्था आयुष विभाग द्वारा की जा रही है। डेंगू और चिकनगुनिया बीमारी के बारे में भी आरोग्य भारती में प्रतिनिधियों ने बातया। 18 यूनिवर्सिटी में आयुष विभाग के प्रोफेसर छात्रों को शिक्षा प्रदान कर रहे है। वहीं 12 देशों से आयुष विभाग ने इलाज से संबंधित एमओयु भी साइन किये है।