नयी दिल्ली, चार फरवरी। सीबीआई के नवनिर्वाचित निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला ने सोमवार को जांच एजेंसी प्रमुख का पदभार संभाला।
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1983 बैच के अधिकारी शुक्ला ऐसे समय में सीबीआई का कार्यभार संभाल रहे हैं जब एजेंसी तथा कोलकाता पुलिस के बीच विवाद राजनीतिक रूप ले चुका है और केन्द्र तथा पश्चिम बंगाल सरकारें एक-दूसरे के सामने खड़ी हैं।
श्री शुक्ला इससे पहले मध्य प्रदेश पुलिस आवास एवं ढांचागत विकास निगम के अध्यक्ष पद पर काम कर रहे थे। वह दो वर्ष तक राज्य के पुलिस महानिदेशक के पद पर भी रहे। लगभग 35 वर्ष के कैरियर में उन्होंने खुफिया एजेन्सी गुप्तचर ब्यूरो में भी काम किया।
श्री शुक्ला दर्शनशास्त्र में स्नातकोत्तर हैं। उन्हें वर्ष 1999 में उल्लेखनीय सेवा के लिए पुलिस पदक और 2007 में विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति के पदक से सम्मानित किया गया था। उन्होंने देश- विदेश में विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रशिक्षण कार्यक्रमों में हिस्सा लिया है।
निदेशक का पद संभालने के बाद उन्होंने कहा कि इस जांच एजेन्सी की गौरवशाली परंपरा है और देश के लोगों में इसकी अच्छी साख है इसलिए सभी को पेशेवर कौशल पर ध्यान देना होगा।
सीबीआई के प्रवक्ता नितिन वाकणकर ने बताया कि आईपीएस आर के शुक्ला ने सोमवार सुबह सीबीआई निदेशक का पद संभाला।
मध्य प्रदेश पुलिस के पूर्व डीजीपी और खुफिया विभाग के अनुभवी अधिकारी शुक्ला के पूर्ण निदेशक के रूप में कार्यभार संभालने से एजेंसी के कामकाज में स्थिरता आने की संभावना है। एजेंसी पहले ही पोंजी घोटाला मामलों में पश्चिम बंगाल सरकार की कार्रवाई को चुनौती देने के लिए उच्चतम न्यायालय जाने का फैसला कर चुकी है।
सीबीआई के अंतरिम प्रमुख एम. नागेश्वर राव की स्थिति कुछ अजीबो-गरीब हो गई और वह पश्चिम बंगाल पुलिस की इस कार्रवाई का तत्काल जवाब नहीं दे सके। पश्चिम बंगाल में ना सिर्फ सीबीआई टीम को हिरासत में लिया गया बल्कि साल्ट लेक के सीजीओ परिसर स्थित एजेंसी के कार्यालय की भी घेराबंदी कर ली गई।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केन्द्र की कथित मनमानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के इस कदम से हुए उनके (ममता के) अपमान के खिलाफ रविवार शाम धरने पर बैठ गईं थीं।
सीबीआई का एक दल शारदा और रोज वैली घोटाला मामलों में अचानक कोलकाता पुलिस प्रमुख राजीव कुमार से पूछताछ करने उनके घर पहंची, जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ी।
पश्चिम बंगाल पुलिस ने सीबीआई के दल को दरवाजे पर ही रोक दिया और बाद में उन्हें थाने ले गई।
राज्य पुलिस अधिकारियों ने कहा कि पश्चिम बंगाल पुलिस ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि एजेंसी के अधिकारियों के पास कोई वारंट नहीं था।
बनर्जी के एक करीबी सहयोगी से उनके आवास पर हाल ही में पूछताछ की गई थी। आम चुनावों के मद्देनजर जांच में तेजी कर दी गई है
attacknews.in
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