मुंबई 06 अगस्त ।कोविड-19 महामारी के मद्देनजर रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोने के जेवरों पर उनके मूल्य के 90 प्रतिशत तक ऋण देने की वाणिज्यिक बैंकों को अनुमति प्रदान कर दी है।
मौजूदा नियमों के अनुसार, सोने के जेवरों पर बैंक उनके मूल्य के 75 फीसदी तक ऋण दे सकते हैं। आरबीआई ने अब यह सीमा बढ़ाकर 90 प्रतिशत करने का फैसला किया है। हालाँकि यह अस्थायी छूट है जो अगले साल 31 मार्च तक के लिए दी गई है।
केंद्रीय बैंक ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद जारी विकास एवं नियामक नीति संबंधी बयान में कहा है “आम गृहस्थों, नवोद्यमियों और छोटे कारोबारियों पर कोविड-19 के आर्थिक प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से सोने के गहनों के बदले दिये जाने वाले गैर-कृषि ऋण की सीमा मौजूदा 75 प्रतिशत से बढ़ाकर मूल्य का 90 प्रतिशत करने का फैसला किया गया है। यह छूट 31 मार्च 2021 तक उपलब्ध होगी।”
आरबीआई ने इसके लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि 01 अप्रैल 2021 से सोने के आभूषणों पर दिये जाये जाने वाले नये ऋण की सीमा फिर उसके मूल्य के 75 प्रतिशत के बराबर रह जायेगी।
ऑफलाइन डिजिटल भुगतान प्रणाली से कैशलेस बनेंगे गाँव
ग्रामीण इलाकों में कनेक्टिविटी की समस्या को देखते हुये रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ऑफलाइन डिजिटल भुगतान प्रणाली लाने की आज घोषणा की।
आरबीआई के गर्वनर शक्तिकांता दास ने केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद बताया कि ऑफलाइन मोड में कार्ड और मोबाइल डिवाइसों के जरिये खुदरा डिजिटल भुगतान की योजना जल्द शुरू की जायेगी। परीक्षण के तौर पर पहले छोटी राशि की भुगतान के लिए इस तरह की प्रणाली लायी जायेगी। परीक्षण सफल रहने पर इसका दायरा बढ़ाया जायेगा।
विकास एवं नियामक नीतियों पर आरबीआई के बयान में कहा गया है “मोबाइल फोन, कार्ड, डिजिटल वॉलिट आदि के माध्यम से डिजिटल भुगतान काफी बढ़ा है, लेकिन दूरदराज के इलाकों में इसे अपनाने में इंटरनेट कनेक्टिविटी की दिक्कत आ रही है। इसलिए कार्ड, मोबाइल डिवाइसों और वॉलिट के जरिये ऑफलाइन भुगतान के विकल्प पर विचार किया जा रहा है ताकि डिजिटल भुगतान को और बढ़ावा मिले।”
केंद्रीय बैंक ने कहा है कि ऑफलाइन मोड में डिजिटल भुगतान प्रणाली में भी ग्राहकों के हितों और उनके पैसे की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जायेगा।
परीक्षण परियोजना के लिए जल्द ही दिशा-निर्देश जारी किये जायेंगे। परीक्षण सफल रहने के बाद वृहद पैमाने पर उसे लागू करने से पहले आरबीआई विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करेगा।
नीतिगत दरें यथावत, एनएचबी और नाबार्ड को 10 हजार करोड़ रुपये
कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ महामारी के बीच रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत दरों को यथावत रखने का निर्णय लेते हुए गुरुवार को कहा कि महँगाई को लक्षित दायरे में रखने और इस महामारी के प्रभाव से अर्थव्यवस्था के उबरने तक उसका रुख एकोमोडेटिव बना रहेगा।
चालू वित्त वर्ष में समिति की तीन दिवसीय दूसरी बैठक के आज समाप्त होने के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि समिति ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि रेपो दर को चार प्रतिशत, रिवर्स रेपो दर को 3.35 प्रतिशत, बैंक दर को 4.25 प्रतिशत और मार्जिनल स्टैंडिंग फैस्लीलिटी (एमएसएफ) को 4.25 प्रतिशत पर यथावत रखा गया है।
समाधान प्रस्तावों पर सिफारिश के लिए के.वी. कामथ की अध्यक्षता में समिति
रिजर्व बैंक ने श्री के.वी. कामथ की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति बनायी है जिसे समाधान प्रस्तावों के लिए आवश्यक वित्तीय पैरामीटरों पर अपने सुझाव देगी।
गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह घोषणा करते हुये कहा कि यह समिति एक निर्धारित ऋण की सीमा वाले खातों के लिए समाधान प्रस्तावों के वास्ते प्रक्रिया पर भी विचार करेगी।