मुंबई 13 मार्च। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को देश में आयात के लिए कारोबारी साख प्राप्त करने के लिए बैंकों की ओर से वचन पत्र यानी लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) जारी करने की प्रथा रद्द कर दी। केंद्रीय बैंक ने यह फैसला पिछले महीने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में उजागर हुए फर्जीवाड़े के आलोक में लिया है।
आरबीआई की अधिसूचना के मुताबिक, यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू होगा।
आरबीआई ने अधिसूचना में कहा, ‘‘अधिकृत केटेगरी-1 के बैंकों द्वारा भारत में आयात के मद्देनजर कारोबारी साख के लिए एलओयू/ सहूलियत पत्र यानी लेटर्स ऑफ कंफर्ट जारी करने की परंपरा रद्द करने का फैसला लिया गया है।’’
भारत के केंद्रीय बैंक ने कहा, ‘‘व्यापार साख के लिए साख पत्र व बैंक गारंटी विनियनों के अनुपालन के अधीन जारी रह सकता है।’’
एलओयू बैंकों की ओर से दी जाने वाली गारंटी है जिसके माध्यम से बैंक ग्राहकों को दूसरे भारतीय बैंकों की विदेशी शाखा से लघु अवधि साख के तौर पर धन निकालने की अनुमति देता है। हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चोकसी ने उनको जारी किए गए एलओयू का उपयोग करके कथित तौर पर पीएनबी को चूना लगाया।attacknews.in