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रिपोर्ट:- 30,984 करोड़ का 2G घोटाला,पूर्व मंत्री राजा और द्रमुक नेता कनीमोई और 15 अन्य व तीन कंपनियां बरी Attack News 

नईदिल्ली 21 दिसंबर । 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले की सुनवायी कर रही एक विशेष अदालत ने पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा और द्रमुक नेता कनीमोई दोनों को आज इस मामले में बरी कर दिया।

अदालत ने इस मामले में अन्य 15 आरोपियों और तीन कंपनियों को भी बरी कर दिया है।

मामले में बरी किये गये अन्य लोग हैं… दूरसंचार विभाग के पूर्व सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, राजा के पूर्व निजी सचिव आर. के. चंदोलिया, स्वान टेलीकॉम के प्रोमोटर्स शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका, यूनिटेक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय चन्द्रा और रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (आरएडीएजी) के तीन शीर्ष कार्यकारी अधिकारी गौतम दोशी, सुरेन्द्र पिपारा और हरी नायर।

अदालत से आज बरी होने वाले अन्य लोग हैं….. कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक आसिफ बलवा और राजीव अग्रवाल, कलैग्नार टीवी के निदेशक शरद कुमार और बॉलीवुड फिल्म निर्माता करीम मोरानी।

इनके अलावा अदालत ने तीन कंपनियों… स्वान टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड, रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड और यूनिटेक वायरलेस (तमिलनाडु) लिमिटेड को भी आरोपों से बरी कर दिया है।

सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओ. पी. सैनी ने 2जी घोटाला मामले में आज फैसला सुनाया। इस फैसले ने पूर्ववर्ती संप्रग सरकार को बहुत परेशान किया था।

राजा और अन्य आरोपियों के खिलाफ अप्रैल 2011 में दायर अपने आरोपपत्र में सीबीआई ने आरोप लगाया था कि 2जी स्पेक्ट्रम के 122 लाइसेंसों के आवंटन के दौरान 30,984 करोड़ रुपये की राजस्व हानि हुई थी। उच्चतम न्यायालय ने दो फरवरी, 2012 को इन आवंटनों को रद्द कर दिया था।

सुनवायी के दौरान सभी आरोपियों ने अपने खिलाफ लगे आरोपों से इनकार किया था।

कनीमोई ने कहा-

द्रमुक सांसद कनीमोई ने 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामलों में उन्हें और अन्य को बरी करने विशेष अदालत के फैसले के बाद आज कहा कि न्याय मिल गया है।

फैसला सुनाए जाने के बाद कनीमोई ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं है और न्याय मिल गया है।’’ राज्यसभा सदस्य और द्रमुक सुप्रीमो एम करूणानिधि की बेटी कनीमोई कलैग्नार टीवी प्राइवेट लिमिटेड को 200 करोड़ रुपए का अनुचित लाभ पहुंचाने के मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और अन्य सह आरोपियों के साथ मिलकर साठगांठ करने की आरोपी थीं। कनीमोई कलैग्नार टीवी प्राइवेट लिमिटेड की प्रमोटर हैं।

ए राजा ने कहा:

पूर्व दूरसंचार मंत्री एवं द्रमुक नेता ए. राजा ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में आज आये विशेष अदालत के फैसले का स्वागत किया। सीबीआई की विशेष अदालत ने आज अपने फैसले में राजा और द्रमुक नेता कनीमोई समेत अन्यों को आरोपों से बरी कर दिया है।

अदालत कक्ष से बाहर आते हुए राजा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं फैसला पढ़ने के बाद कुछ कहूंगा। आप देख रहे हैं, सभी खुश हैं।’’ राजा उनके बरी होने की खुशी में जश्न मना रहे पार्टी कार्यकर्ताओं से घिरे हुए थे।

2 जी घोटाले की पूरी रिपोर्ट, कैसे एक झटके में गिर गई थी UPA-2

2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले का घटनाक्रम निम्नलिखित है। इस मामले में विशेष अदालत ने पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और अन्य सभी को आज बरी कर दिया। मई 2007: ए राजा ने दूरसंचार मंत्री के रूप में प्रभार संभाला।

अगस्त 2007: दूरसंचार विभाग ने यूनिफाइड एक्सेस सर्विसेस (यूएएस) लाइसेंसों के साथ 2 जी स्पेक्ट्रम के आवंटन की प्रक्रिया आरंभ की।

25 सितंबर, 2007: दूरसंचार मंत्रालय ने आवेदन के लिए एक अक्तूबर, 2007 की अंतिम तिथि तय करते हुए प्रेस नोट जारी किए।

एक अक्तूबर, 2007: दूरसंचार विभाग को 46 कंपनियों के 575 आवेदन मिले।

दो नवंबर, 2007: तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने निष्पक्ष लाइसेंस आवंटन एवं प्रविष्टि शुल्क की उचित समीक्षा सुनिश्चित करने के लिए राजा को पत्र लिखा।

22 नवंबर, 2007: वित्त मंत्रालय ने अपनाई गई प्रक्रिया के संबंध में चिंताएं व्यक्त करते हुए दूरसंचार विभाग को पत्र लिखा।

10 जनवरी, 2008: दूरसंचार विभाग ने ‘पहले आओ, पहले पाओ’ की तर्ज पर लाइसेंस जारी करने का निर्णय लिया। आवेदन की अंतिम तारीख निर्धारित तिथि से पहले कर 25 सितंबर तय की गई।

2009: केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने सीबीआई को 2 जी स्पेक्ट्रम के आवंटन में अनियमितताओं के आरोपों की जांच का आदेश दिया।

21 अक्तूबर, 2009: सीबीआई ने दूरसंचार विभाग के अज्ञात अधिकारियों, अज्ञात निजी व्यक्तियों/कंपनियों और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।

2जी मामले में फैसले को अपनी शान न समझे कांग्रेस: जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस को 2जी स्पेक्ट्रम मामले में फैसले को अपनी शान नहीं समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की कोई भी नुकसान न होने वाली जीरो लॉस थ्योरी उसी समय गलत साबित हो गई थी जब उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 2012 में स्पेक्ट्रम आवंटन रद्द कर दिया था।

गौरतलब है कि एक विशेष अदालत ने गुरुवार को 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। जेटली ने कहा कि निचली अदालत के फैसले में हालांकि कहा गया है कि कोई भी भ्रष्टाचार का दोषी नहीं पाया गया। लेकिन जांच एजेंसियां मामले का व्यापक अध्ययन और इस पर विचार करेंगी।

वित्त मंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा कांग्रेस 2जी स्पेक्ट्रम मामले में फैसले को अपनी शान समझ रही है लेकिन उसकी शून्य नुकसान की थ्योरी उसी समय गलत साबित हो गई थी जब उच्चतम न्यायालय ने फरवरी 2012 में स्पेक्ट्रम आवंटन रद्द कर दिया था।attacknews.in

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