नयी दिल्ली, 19 जून । रिलायंस इडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी ने शुक्रवार को कहा कि पिछले दो महीनों में राइट्स इश्यू और वैश्विक निवेशकों से रिकॉर्ड 1.69 लाख करोड़ रुपये जुटाने के बाद कंपनी का शुद्ध ऋण शून्य हो गया है।
पिछले 58 दिनों में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने वैश्विक प्रौद्योगिकी निवेशकों से 1.15 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं। कंपनी ने यह राशि अपने जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड में हिस्सेदारी बेचकर जुटायी है। वहीं 53,124.20 करोड़ रुपये उसने राइट्स इश्यू जारी करके जुटाए हैं।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि पिछले साल ईंधन विपणन कारोबार में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी ब्रिटेन की बीपी को 7,000 करोड़ रुपये में बेचने और हाल में हासिल निवेश से कंपनी ने कुल 1.75 लाख करोड़ रुपये की राशि जुटायी है।
बयान क मुताबिक रिलायंस पर 31 मार्च 2020 की समाप्ति पर 1,61,035 करोड़ रुपये का शुद्ध ऋण था। ‘इस निवेश के साथ ही रिलांयस का शुद्ध ऋण शून्य हो गया है।’’
अंबानी ने कहा, ‘‘ मैंने कंपनी के शेयरधारकों से किया वादा पूरा किया। रिलायंस का शुद्ध ऋण 31 मार्च 2021 की तय अवधि से बहुत पहले शून्य हो गया है।’’
देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो, जियो प्लेटफॉर्म्स का ही हिस्सा है। कंपनी ने फेसबुक, सिल्वर लेक, विस्टा इक्विटी पार्टनर्स, जनरल एटलांटिक, केकेआर, मुबाडला, एडीआईए, टीपीजी, एल कैटेरटन और पीआईएफ जैसे वैश्विक प्रौद्योगिकी निवेशकों से 22 अप्रैल 2020 से अब तक 1,15,693.95 करोड़ रुपये की राशि जुटायी है।
बयान में कहा गया है कि 18 जून को सऊदी अरब के पीआईएफ के 11,367 करोड़ रुपये में जियो प्लेटफॉर्म्स की 2.32 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के साथ ही कंपनी के साथ वित्तीय सहयोगी जोड़ने का मौजूदा चरण खत्म हो गया है।
इसी के साथ-साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज ने देश का सबसे बड़ा राइट्स इश्यू भी जारी किया। इसे 1.59 गुना अधिक अभिदान मिला। इस निर्गम का आकार 53,124 करोड़ रुपये रहा। हालांकि कंपनी को अभी इसका मात्र 25 प्रतिशत ही मिला है। शेष राशि का भुगतान अगले वित्त वर्ष में किया जाएगा।
अंबानी ने 12 अगस्त 2019 को कंपनी की वार्षिक आम बैठक में रिलायंस इंडस्ट्रीज का शुद्ध ऋण 31 मार्च 2021 तक शून्य करने का लक्ष्य पेश किया था।
उन्होंने कहा था कि कंपनी के पास खुद को शुद्ध ऋण से मुक्त बनाने के लिए अगले 18 महीने की पूरी योजना है।
शुक्रवार को अपने बयान में अंबानी ने कहा कि उन्हें अपना वादा पूरा करने की खुशी है। हम अपने शेयरधारकों और सभी हितधारकों की उम्मीद पर बार-बार खरे उतरे हैं, यह रिलायंस के डीएनए में है।
रिलायंस ने रचा इतिहास, बनी 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक बाजार पूंजीकरण की पहली कंपनी
इधर देश के अग्रणी औद्योगिक समूह रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने कर्जमुक्त होने के ऐलान के साथ शुक्रवार को इतिहास रचते हुए 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक बाजार पूंजीकरण वाली देश की पहली कंपनी होने का गौरव हासिल किया और साथ ही चौतरफा लिवाली से कंपनी के शेयरों ने भी नया मुकाम हासिल किया।
मुकेश अंबानी ने आज सुबह ही रिलायंस के लक्ष्य से नौ माह पहले कर्ज मुक्त होने की घोषणा की। इस ऐलान के बाद शेयर बाजारों में रिलायंस के शेयर ने छलांग लगानी शुरू कर दी।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में आज शुरुआत में रिलायंस का शेयर 1667 रु पर खुला और ऐतिहासिक 1788.80 रु के उच्चतम स्तर तक जा पहुंचा। पिछले दिन के मुकाबले शेयर 100 रु से अधिक ऊपर चढ़ा। बाजार बंद होने पर 6.48 फीसदी की छलांग के साथ रिलायंस का शेयर 1763.20 रुपये पर 107.30 रुपये ऊपर बंद हुआ। एनएसई पर रिलायंस के करीब चार करोड़ 88 लाख से अधिक शेयरों में खरीद फरोख्त हुई।
रिलायंस के निवेशकों की भी बल्ले-बल्ले है। इस वर्ष 23 मार्च के बाद मात्र 59 कारोबारी सत्र में उनका पैसा दो गुना से ज्यादा हो गया। तेईस मार्च को रिलायंस का शेयर 867.50 रुपये का था जो आज 1763.20 रुपए पर बंद हुआ।
शेयर में छंलाग के साथ ही रिलायंस ने 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक के बाजार पूंजीकरण वाली देश की पहली कंपनी बनने का इतिहास भी रचा। रिलायंस का मार्केट कैप 11.50 लाख करोड़ रुपये था। इससे पहले देश की कोई भी कंपनी 11 लाख का आंकड़ा अभी तक नही छू पायी थी। रिलायंस ने इस बाधा को पार करते हुए अपने मार्केट कैप को 11 लाख 50 हजार करोड़ के पार पहुंचा दिया। भारतीय कॉरपोरेट इतिहास में यह अभूतपूर्व उपलब्धि है।
रिलायंस अब विश्व की तेल क्षेत्र की महारथी टोटल एस ए, रायल डच शैल और बी पी से अधिक मूल्यवान हो गई है।
श्री अंबानी ने आरआईएल को पूरी तरह ऋणमुक्त होने की आधिकारिक घोषणा करते हुए कहा कि समूह में निवेशकों के विश्वास और रिलायंस के राइट इश्यू को मिले जोरदार समर्थन से यह लक्ष्य साढ़े नौ माह पहले ही हासिल करने में सफलता मिल गई।
उन्होंने 12 अगस्त 2019 को आरआईएल को मार्च 2021 तक ऋणमुक्त करने का लक्ष्य तय किया था और इस वर्ष 31 मार्च तक समूह पर एक लाख 61 हजार 35 करोड़ रुपए का रिण था। कंपनी ने दस निवेशकों के ग्यारह प्रस्तावों और राइट इश्यू से कोरोना वायरस महामारी की वजह से लाकडाउन के बावजूद मात्र 58 दिन में कुल एक लाख 68 हजार 818 करोड़ रुपये जुटा लिये जो उसके शुद्ध ऋण की तुलना में अधिक राशि है।
कंपनी ने जियो प्लेटफॉर्म्स में 11 निवेश प्रस्तावों में 24.70 प्रतिशत इक्विटी बेचकर एक लाख 15 हजार 693 करोड़ 93 लाख रुपये जुटाये। इसके अलावा 30 वर्षों में पहली बार लाए राइट इश्यू से 53124.20 करोड़ रुपये की राशि है। किसी गैर वित्तीय संस्थान के दस वर्षों में आए राइट इश्यू को लाॅकडाउन की वजह से तरलता की तंगी के बावजूद आकार की तुलना में 1.59 गुना अधिक अभिदान मिला। कंपनी ने 15 शेयरों पर एक शेयर राइट इश्यू पर दिया है।
श्री अंबानी ने कहा कि पेट्रो संयुक्त उद्यम में बीपी को बेची इक्विटी को मिलाकर कुल जुटाई रकम 1.75 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गई है।