नयी दिल्ली, 30 अगस्त । हजारों करोड़ रुपये के कर्ज में डूबी और दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गए फ्यूचर ग्रुप को रिलायंस रिटेल ने खरीदकर कोरोना के इस संकटकाल में हजारों कर्मचारियों की आजीविका छिनने से बचाई है।
मुकेश अंबानी की रिलायंस रिटेल ने शनिवार को 24,713 करोड़ में फ्यूचर ग्रुप का अधिग्रहण कर लिया। फ्यूचर ग्रुप में बिग बाजार, ईजीडे जैसी ऋंखला में हजारों लोग की रोजी-रोटी जुड़ी थी।
इसके अलावा किशोर बियानी के इस खुदरा कारोबार की आपूर्ति श्रंखला से भी हजारों लोगों का रोजगार अप्रत्यक्ष रुप से जुड़ा है। कर्ज नहीं चुका पाने की हालात में कंपनी पर ताला लगने की आशंका दिनोंदिन गहराती जा रही थी।
मात्र छब्बीस साल की उम्र में फ्यूचर ग्रुप के संस्थापक किशोर बियानी ने पहला स्टोर पैंटालून के नाम से खोला था, तब किसी ने नही सोचा था कि किशोर बियानी को खुदरा क्षेत्र के ‘ धर्म पिता ‘ के रुप में पहचान बना लेने के 33 वर्ष बाद उनका यह साम्राज्य कर्ज के इतने बड़े बोझ के नीचे दबकर और उस ऋण का ब्याज चुकाने में भी असमर्थ हो जाएगा।
कंपनी भुगतान में चूक करने लगी थी। फ्यूचर ग्रुप पर कर्ज का संकट इतना विकट था कि उसे इस बात से समझा जा सकता है कि कंपनी को विदेशी बॉंड्स पर ही 100 करोड़ के ब्याज की अदायगी करनी थी जिसे कंपनी छूट अवधि खत्म होने के आखिरी दिन ही चुका सकी थी।
कोरोना ने कंपनी की वित्तीय हालत को और खस्ताहाल कर दिया था। लॉकडाउन के दौरान ज्यादातर स्टोर्स को बंद करना पड़ा। फ्यूचर ग्रुप के सभी तरह के स्टोर्स की संख्या 1650 से भी अधिक है और हजारों जहां प्रत्यक्ष रुप से रोजगार मिला था वहीं लाखों लोगों की आजीविका इससे अप्रत्क्ष रूप से भी जुड़ी थी। कर्ज बढ़ने से कंपनी के डूबने के खतरे के बीच कर्मचारियों को भी अपनी नौकरी की चिंता सता रही थी। रिलायंस रिटेल के निवेश ने कंपनी को उसके दुर्दिनों से उबार लिया है।
सवाल यह है कि अधिग्रहण के बाद फ्यूचर ग्रुप के बिग बाजार और अन्य ब्रांड्स का क्या होगा , क्या उनका नाम भी बदल दिया जाएगा, तो इसका जवाब खुद रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड की निदेशक ईशा अंबानी ने दिया है।
सौदे पर खुशी जाहिर करते हुए ईशा अंबानी ने कहा, “फ्यूचर ग्रुप के प्रसिद्ध ब्रांडों के साथ-साथ उसके व्यावसायिक ईको सिस्टम को संरक्षित करने में हमें प्रसन्नता होगी। भारत में आधुनिक रिटेल के विकास में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। हमें आशा है कि छोटे व्यापारियों, किराना स्टोर्स और बड़े उपभोक्ता ब्रांडों की सहभागिता के दम पर खुदरा क्षेत्र में विकास की गति बनी रहेगी, हम देश भर में अपने उपभोक्ताओं को बेहतर मूल्य प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
शहरी उभोक्ताओं के लिए बिग बाजार वर्षों से रोजमर्रा के सामान की पूर्ति का केंद्र रहा है। बिग बाजार सरीखी श्रंखला में रिलायंस रिटेल का पेशेवर रवैया जरूर देखने को मिल सकता है पर ईशा अंबानी के बयान के बाद यह तो तय है कि रिलायंस बिग बाजार की रीब्रांडिंग नहीं करने जा रहा इसलिए उपभोक्ताओं के लिए बिग बाजार में कुछ भी नहीं बदलेगा।