अयोध्या, 17 अक्टूबर । दशकों से लंबित विवादित रामजन्मभूमि मामले के फैसले की घड़ी नजदीक आने के साथ अयोध्या में एहतियात के तौर पर सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किये गये हैं।
उच्चतम न्यायालय में विवादित रामजन्मभूमि/बाबरी मस्जिद मामले की सुनवाई बुधवार को पूरी हुयी थी जबकि इस मामले का ऐतिहासिक फैसला नवम्बर में आने की उम्मीद है।
फैसला आने के बाद निपटेंगे धवन से : वेंदाती
उधर उच्चतम न्यायालय में विवादित रामजन्मभूमि मामले में सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता राजीव धवन द्वारा नक्शा फाड़े जाने की घटना की भर्त्सना करते हुये रामजन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य एवं पूर्व सांसद डॉ. रामविलासदास वेदान्ती ने कहा कि इस घटना से देश की एक अरब तीस करोड़ की जनता का अपमान हुआ है और फैसला आने के बाद जनता खुद कानूनी ढंग से धवन को जवाब देगी।
डॉ. वेदान्ती ने गुरूवार को कहा कि मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता राजीव धवन के खिलाफ उन्होने आज एफआईआर दर्ज कराने का मन बना लिया था लेकिन संगठन के लोगों ने सलाह दिया कि पक्ष में निर्णय आ रहा है तो बेवजह मामले को तूल न दिया जाये। हालांकि मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता राजीव धवन ने सर्वोच्च न्यायालय में नक्शा फाड़कर एक अरब तीस करोड़ भारत की जनता , संविधान और न्यायालय का अपमान किया है। कोर्ट के फैसले के बाद राजीव धवन को देख लेंगे।
नये साल में मिलेगा राम मंदिर का उपहार : दास
श्रीरामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष एवं मणिरामदास छावनी के महंत नृत्यगोपाल दास ने उच्चतम न्यायालय में अयोध्या विवाद पर सुनवाई खत्म होने और फैसला सुरक्षित रख लिये जाने का स्वागत करते हुए कहा कि अब नये वर्ष में प्रभु राम के भव्य मंदिर के निर्माण का उपहार मिलने की उम्मीद और प्रबल हो गयी है।
महंत दास ने कहा कि लम्बे समय तक हिन्दू पक्ष ने अदालती कार्यवाही के दौरान धैर्य से इंतजार किया। अब फैसले का वक्त आ गया है। उम्मीद है कि फैसला हिन्दू समाज के पक्ष में आयेगा।
अयोध्या पर न्यायालय के फैसले का सम्मान होगाः कल्बे जव्वाद
जौनपुर में मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य शिया धर्मगुरू मौलाना कल्बे जव्वाद ने गुरूवार को कहा कि बाबरी मस्जिद प्रकरण उच्चतम न्यायालय जो फैसला सुनायेगा, उसे देश का मुस्लिम समाज एकमत से स्वीकार करेगा।
मौलाना ने यहां समाजसेवी हैदर अब्बास के आवास पर पत्रकारों से बातचीत में कहा मुसलमान नहीं चाहता कि देश की एकता और अखण्डता को खतरा पैदा हो। ऐसे में सभी धर्मों के लोगों को चाहिये कि न्यायालय के फैसले का सम्मा