जयपुर, 24 जुलाई ।राजस्थान उच्च न्यायालय ने व्हिप उल्लंघन के मामले में राजस्थान के निष्कासित उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को विधानसभाध्यक्ष डा़ सी पी जोशी के दिये गये नोटिस पर रोक लगा दी है।
उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता ने आज फैसला सुनाते हुए यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया। न्यायालय ने दल बदल विरोधी कानून के तहत फैसला करने का अधिकार अध्यक्ष पर छोड़ा है।
पायलट गुट ने अदालत से उन्हें अयाेग्य घोषित नहीं करने के मामले में गुहार की थी, लेकिन अदालत ने मामला अध्यक्ष पर छोड़ते हुए कहा है कि अदालत इसमें कोई दखल नहीं दे सकती।
विधानसभाध्यक्ष डा़ सी पी जोशी व्हिप नोटिस के मामले में उच्चतम न्यायालय की शरण ली थी तथा सुनवाई पर रोक लगाने की मांग की थी, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली और आदेश दिया कि उच्च न्यायालय का निर्णय अंतिम नहीं होगा। अब इस मामले की सुनवाई उच्चतम न्यायालय में सोमवार को होगी।
विधानसभा अध्यक्ष ने सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी की याचिका पर व्हिप उल्लंघन मामले में नोटिस जारी किया था, जिसे पायलट गुट ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी1
अदालत ने आज केंद्र सरकार को पक्षकार बनाने की याचिका भी स्वीकार की है। जिस पर सुनवाई बाद में की जायेगी।
बसपा विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने पर उच्च न्यायालय में सुनवाई सोमवार को होगी
राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश महेन्द्र गोयल बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) के छह विधायकों को कांग्रेस में शामिल करने के मामले में सोमवार को सुनवाई करेंगे।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक मदन दिलावर ने अदालत में इस मामले में याचिका दायर की है। श्री दिलावर ने विधानसभा अध्यक्ष डा सी पी जोशी के समक्ष भी इस मामले में याचिका दायर की थी।
विधानसभा अध्यक्ष ने बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने का प्रार्थना पत्र स्वीकार कर इसकी इजाजत दे दी थी।
नये राजनीतिक घटनाक्रम के तहत विधानसभा सत्र बुलाने का मामला इस मुद्दे पर अदालत का फैसले को देखते हुये टाला भी जा सकता है।