झुंझुनू, 17 मार्च । राजस्थान में झुंझुनू जिले के विशिष्ठ पॉक्सो न्यायालय ने पांच वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म के आरोपी को आज फांसी की सजा सुनाई।
पॉक्सो न्यायालय के विशिष्ट न्यायाधीश सुकेश कुमार जैन ने घटना के 26 दिन में आरोपी सुनील कुमार काे दोषी करार देते हुये उसे मौत की सजा सुनाई है। विशिष्ट लोक अभियोजक लोकेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि दरिंदगी की यह घटना गत 19 फरवरी को हुई थी।
पुलिस ने इस मामले में घटना के नौ दिन में चालान पेश कर दिया था तथा न्यायालय ने इस मामले में चालान पेश होने के 15 दिन में फैसला सुना दिया है।
इस मामले में पुलिस की तरफ से 27 गवाह पेश किए।
मामले में सोमवार को बहस पूरी हो गई थी तथा फैसला सुरक्षित कर लिया था।
गौरतलब है कि निवासी श्योराणों की ढाणी थाना पिलानी निवासी आरोपी सुनील कुमार गांव में खेल रही पांच साल की मासूम का अपहरण कर ले गया था।
जिसने करीब 40 किमी दूर ले जाकर गाड़ाखेड़ा में दुष्कर्म किया।
इसके बाद वह मासूम को गांव के समीप छोड़ कर भाग गया था।
पुलिस ने सूचना के महज पांच घंटे में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था।
कोर्ट ने कहा कि इतना जघन्य अपराध करने के बावजूद दोषी के दिल में पश्चाताप का एक बार भी नहीं आया। ऐसे वहशी दरिंदे को फांसी ही दी जानी चाहिए।
40 गवाह और 250 दस्तावेज
इन दिनोें अपने कुकृत्यों से सवालों के घेरे में आने वाली पुलिस ने इस मामले में काबिले तारीफ काम किया। दुष्कर्म की वारदात 19 फरवरी को हुई और पुलिस ने नौ दिन में ही कोर्ट में चालान पेश कर दिया।
पुलिस ने दुष्कर्मी के खिलाफ मजबूत केस बनाया, जिसके चलते उसे फांसी की सजा मिली. इतनी कम अवधि में पुलिस ने 40 गवाह और करीब 250 दस्तावेज सुबूत के तौर पर पेश किए।
नौ दिन में चालान पेश
मासूम से दुष्कर्म का यह केस पिलानी थाने के तहत श्योराणों की ढाणी का है. खेत में खेल रही पांच साल की मासूम को स्कूटी पर आए आरोपी सुनील कुमार ने बहला-फुसलाकर अपने साथ ले लिया।
मासूम के भाई-बहनों ने आरोपी का पीछा भी किया था, लेकिन वे उसे नहीं पकड़ पाए।पुलिस को सूचना के बाद SP मनीष त्रिपाठी के निर्देश पर पुलिस ने तुरंत नाकाबंदी की. इस बीच रात करीब 8 बजे मासूम गाड़ाखेड़ा गांव में लहूलुहान स्थिति में मिली थी।
गाड़ाखेड़ा चौकी प्रभारी शेरसिंह तुरंत मौके पर पहुंचे और मासूम को अस्पताल पहुंचाया।हालत गंभीर होने पर उसे जयपुर रैफर किया गया था।घटना के पांच घंटे बाद ही पुलिस ने शाहपुर निवासी आरोपी सुनील को गिरफ्तार कर लिया।एसपी ने टीम का गठन का जल्द से जल्द चालान पेश करने को कहा।आरोपी के खिलाफ 9वें दिन ही 1 मार्च को चालान पेश कर दिया. तब से मामले की नियमित सुनवाई हो रही थी. बुधवार को पॉक्सो कोर्ट के जज सुकेश कुमार जैन ने आरोपी सुनील को फांसी की सजा सुनाई।
पॉक्सो एक्ट: झुंझुनूं में फांसी का दूसरा केस
इस मामले में 40 से अधिक गवाह जुटाए और साथ ही करीब 250 दस्तावेज बतौर सबूत रखे. जल्द से जल्द चालान पेश करने के लिए पुलिस ने इस मामले में रोजाना 12 से 13 घंटे काम किया. पॉक्सो एक्ट लागू होने के बाद मासूम से रेप को फांसी का यह झुंझुनूं का दूसरा मामला है. इससे पूर्व तीन साल पहले ऐसे ही एक मामले में आरोपी विनोद कुमार को फांसी की सजा सुनाई गई थी. यह फैसला घटना के 29 दिन में आया था।