झुंझुनू,10 जून।राजस्थान में झुंझुनू जिले के खिरोड़ गांव के डॉ. दशरथ सिंह शेखावत ने विभिन्न विषयों में 68 डिग्री एवं डिप्लोमा प्राप्त कर यह साबित कर दिखाया है कि शिक्षा एवं ज्ञान हासिल करने की कोई उम्र नहीं होती है।
डा दशरथ सिंह ने देश सेवा करने के साथ-साथ पढ़ाई करते हुये अपने जीवन में इतनी डिग्रियां हासिल कर ली है कि वे हर किसी के लिए प्रेरणादायक है।
डा. दशरथ सिंह शेखावत ने बताया कि उनका इतनी डिग्रियां हासिल करने का मकसद अधिक से अधिक ज्ञान प्राप्त करना हैं।
शिक्षा के प्रति उनकी शुरू से ही ललक रही हैं।अब तक वे विभिन्न विषयों में कुल 68 डिग्री व डिप्लोमा प्राप्त कर चुके हैं।
उनका डिग्री प्राप्त करने का सिलसिला सेना से रिटायर होने के बाद भी जारी हैं।
वर्तमान में भी वे अपनी मेहनत व पढ़ाई के बलबूते पर डिग्री हासिल करने में जुटे हुए हैं।
डा. दशरथसिंह शेखावत ने तीन विषयों में पीएचडी, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, राजनीति शास्त्र, शिक्षा शास्त्र, विधि शास्त्र, योग शास्त्र, अंग्रेजी साहित्य, हिन्दी साहित्य, राजस्थानी साहित्य , पत्रकारिता, पुस्तकालय विज्ञान, मनोविज्ञान, लोक प्रशासन आदि विषयों में एमए, बीए, बीकाम, बीएजी, बीएड, एलएलबी, ऑल इंडिया बार ए गजाम, आर्मी कैडेट कॉलेज एगजाम, आर्म्डफोर्स मेडिकल कोर्स, आर्मी मैप रीडिंग, बेसिक फाउण्डेशन कोर्स, कौशल विकास, डिप्लोमा इन योगा, प्रमोशन फाउण्डेशन कोर्स, मैनेजमेंट एप्टीटयूट टेस्ट, डिप्लोमा इन नेचुरोपैथी, डिप्लोमा इन मेडिटेशन, डिप्लोमा इन टूरिजम, डिप्लोमा इन प्री टीचर एजुकेशन, पीजी इन साईबर क्राईम कानून, आईपीआर कानून, उपभोक्ता कानून, क्रिमिनल लॉ, पीजी इन तकनीकि सुरक्षा आदि में डिग्री, डिप्लोमा हासिल की है।
डिग्री-डिप्लोमा हासिल करने पर मोस्ट क्वालिफाइड सोल्जर ऑफ इंडिया, यूनिवर्सिटी डिग्री ऑफ दी वर्ल्ड, मोस्ट एजुकेशनली क्वालिफाइड पर्सन का रिकॉर्ड भी डा. दशरथ सिंह शेखावत के नाम है।
अधिक डिग्रियां हासिल करने पर इंटरनेशनल बुक में भी उनका नाम दर्ज है।
डॉ. दशरथ सिंह 1988 में ग्रेजुएशन करने के बाद सेना में सिपाही के पद पर भर्ती हुए।
16 वर्ष तक देश की सेवा करने के साथ साथ उन्होंने अपनी पढ़ाई भी जारी रखी।
उनके पिता पिता रघुवीर सिंह शेखावत ने भी इंडियन आर्मी में अपने देश के लिए 1965 एवं 1971 की लड़ाई लड़ी थी।
वर्तमान में डा. दशरथ सिंह शेखावत भारतीय सेना के लीगल एडवाइजर के पद पर कार्यरत है।