नयी दिल्ली/जयपुर , 22 जुलाई । उच्चतम न्यायालय सचिन पायलट और उनके खेमे के विधायकों के खिलाफ कार्रवाई के मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय के कल के आदेश के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करेगा।
इस बीच सचिन पायलट की ओर से कैविएट दायर की गयी है और न्यायालय से आग्रह किया गया है कि इस मामले में कोई भी फैसला सुनाने से पहले उन्हें भी अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाये।
विधानसभा अध्यक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बुधवार को ही मामले की सुनवाई किये जाने को लेकर मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष विशेष उल्लेख किया था, लेकिन उसने आज सुनवाई करने से इनकार कर दिया था।
न्यायमूर्ति बोबडे ने श्री सिब्बल को कहा था कि वह रजिस्ट्री जाएं और वहां इस बात को लेकर आग्रह करें। रजिस्ट्री ही मामला सूचीबद्ध करेगी।
सुप्रीम कोर्ट वेबसाइट पर आज शाम जारी कॉज लिस्ट में यह मामला न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्रा, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरानी की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया है।
पहले राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, त्वरित सुनवाई से फिलहाल इनकार किया था:
इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने सचिन पायलट और उनके खेमे के विधायकों के खिलाफ कार्रवाई के मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय के कल के आदेश के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष की याचिका की त्वरित सुनवाई से फिलहाल इनकार कर दिया था ।
विधानसभा अध्यक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बुधवार को मामले की त्वरित सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष विशेष उल्लेख किया, लेकिन उसने त्वरित सुनवाई से फिलहाल इनकार कर दिया था ।
न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा था कि वह रजिस्ट्री जाएं। सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री जैसा तय करेगी उसी के अनुसार सुनवाई होगी।
अध्यक्ष ने राजस्थान उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उसने शुक्रवार तक सचिन पायलट और उनके खेमे के 18 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
याचिका में कहा गया है कि उच्च न्यायालय विधानसभा अध्यक्ष को सचिन गुट पर कार्रवाई करने से नहीं रोक सकता। न्यायालय का कल का आदेश न्यायपालिका और विधायिका में टकराव पैदा करता है। याचिका पर आज ही शीर्ष अदालत से सुनवाई की मांग की जाएगी।
याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश पर रोक लगाए जाने की भी मांग शीर्ष अदालत से की है।
याचिका में अध्यक्ष ने उच्चतम न्यायालय के पुराने फैसले का हवाला भी दिया है और कहा है कि शीर्ष अदालत ने अपने पुराने फैसले में कहा है कि जब तक अयोग्यता की कार्यवाही पूरी नहीं होती, तब तक अध्यक्ष की कार्रवाई में न्यायालय दखलंदाजी नहीं कर सकता।
जोशी ने उच्चतम न्यायालय में विशेष यायिका दायर करने की घोषणा की थी:कहा- मैंने सही निर्णय लिया-
इससे पहले जयपुर में राजस्थान अध्यक्ष डा सी पी जोशी ने व्हिप का उल्लंघन मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप को संवैधानिक संकट बताते हुए उच्चतम न्यायालय में विशेष याचिका दायर करने की घोषणा की ।
श्री जोशी ने आज व्हिप उल्लंघन के मामले में नोटिस पर सचिन पायलट गुट के 19 विधायकों द्वारा राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने के बारे में फैसला 24 जुलाई को आने की जानकारी सामने आने के बाद डा. जोशी ने आज यहां एक प्रेस कान्फ्रेंस में यह जानकारी दी।
डा. जोशी ने पत्रकारों को बताया कि मेरे पास व्हिप उल्लंघन के मामले में एक प्रार्थना पत्र आया था जिस पर मैंने अपने अधिकार एवं नियमों के तहत संबंधित विधायकोें को सामान्य कारण बताओ नोटिस ही दिया था, कोई निर्णय नहीं किया। इस नोटिस का जवाब 17 जुलाई तक दिया जाना था, लेकिन मामला अदालत में विचाराधीन होने के कारण मैंने कोई कार्यवाही नहीं की और अदालत का सम्मान करते हुए अवधि 24 जुलाई तक बढ़ा दी।
उन्होंने कहा कि सिर्फ नोटिस जारी करने में अदालत का दखल देना संविधान में विधानसभाध्यक्ष को दिये गये अधिकारों में हस्तक्षेप है, क्योंकि संविधान में दिये गये प्रावधानों के मुताबिक ही मैने नोटिस जारी किये। यह कानून सम्मत है। संविधान में सभी संस्थाओं की भूमिका को रेखांकित किया गया है।
डा.जोशी ने कहा कि अदालत के हस्तक्षेप से संवैधानिक संकट खड़ा हो गया है। वर्ष 1992 में ही उच्चतम न्यायालय की खंडपीठ ने इस सम्बन्ध में स्पष्ट निर्णय दिया था कि जब तक विधानसभाध्यक्ष द्वारा विधायकों की अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय नहीं किया जाता तब तक ऐसे सदस्यों की रक्षा के लिये आदेश नहीं दिया जा सकता जिनके खिलाफ अयोग्यता याचिकायें लम्बित हैं। स्पष्ट है कि उच्चतम न्यायालय ने ऐसी स्थिति में विधायकों के बारे में फैसला करने का अधिकार विधानसभाध्यक्ष को दिया है। उन्होंने कहा कि इस आदेश से वह क्षुब्ध हैं।
उन्होंने कहा कि यह निर्णय संसदीय लोकतंत्र को कमजोर करने वाला है, इससे हम संवैधानिक संकट की ओर बढ़ रहे हैं। लिहाजा मैंने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करने के लिए अधिवक्ताओं को निर्देश दिये गये हैं।
रेड की धमकी से कांग्रेस डरने वाली नहीं-सुरजेवाला
जयपुर से खबर है कि ,कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने केन्द्र की मोदी सरकार पर जांच एंजेसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि रेड की धमकी से कांग्रेस डरने वाली नहीं हैं।
श्री सुरजेवाला आज यहां एक प्रेस कांफ्रेस में कहा कि केन्द्र सरकार जांच एंजेसियों का दुरुपयोग कर रही है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रेड राज पैदा किये हुए है, लेकिन इससे कांग्रेस डरने वाली नहीं है।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस वक्त बौखला गई हैं और वह डर बैठाने के लिए ईडी की कार्रवाई कर रही है।
उन्होंने कहा कि पहले विधायक कृष्णा पूनियां से सीबीआई द्वारा पूछताछ कराई गई और अब आज जोधपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बड़े भाई अग्रसेन गहलोत के घर में ईडी की रेड कर रही है।
उन्होंने कहा कि श्री अग्रसेन गहलोत का कसूर इतना सा है कि वह मुख्यमंत्री का भाई हैं। वह न तो राजनीति में हैं और न ही उनका राजनीति से कोई सरोकार है।
उन्होंने कहा कि उनके घर पर केन्दीय सशस्त्र बल तैनात कर दिये और ईडी रेड कर रही है, लेकिन रेड राज से राजस्थान डरने वाला नहीं है।
उन्होंने कहा कि सब जानते हैं कि मोदी सरकार कांग्रेस में डर बैठाने के लिए इस तरह की कार्रवाई कर रही है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कि भाजपा जब जब संकट में होती है वह सीबीआई, ईडी एवं इंकम टैक्स की कार्रवाई करती है।
चुनी हुई राज्य सरकारों को अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है-गहलोत
इधर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पिछले कुछ समय से लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गयीं राज्य सरकारों को अस्थिर करने का प्रयास किये जाने की ओर उनका ध्यान दिलाया है।
श्री गहलाेत ने आज श्री मोदी को लिखे पत्र में कहा कि यह जनमत का घोर अपमान और संवैधानिक मूल्यों की खुली अवहेलना है। कर्नाटक और मध्यप्रदेश में हाल में हुए घटनाक्रम इसके उदारहण हैं।
उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के इस दौर में जीवन रक्षा ही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है, ऐसे में राजस्थान में भी चुनी हुई सरकार को गिराने का कुप्रयास किया जा रहा है। उन्होंने पत्र में आराेप लगाया कि इस कृत्य में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सहित भाजपा के अन्य नेता और हमारे कुछ अति महत्वाकांक्षी नेता भी शामिल हैं।