नईदिल्ली 4 मई। रेल मंत्रालय ने स्टेशन परिसरों के सौन्दर्यीकरण के लिए पुरस्कारों की घोषणा की है।
62 प्रविष्टियों में से बल्हारशाह तथा चन्द्रपुर (मध्य रेलवे) को प्रथम पुरस्कार, मधुबनी (पूर्व मध्य रेलवे) तथा मदुरै (दक्षिण रेलवे) को दूसरा पुरस्कार तथा गांधी धाम (पश्चिम रेलवे) कोटा (पश्चिम मध्य रेलवे) को सिकंदराबाद (दक्षिण मध्य रेलवे) के साथ तीसरा पुरस्कार मिला
सृजनात्मकता के साथ स्वच्छता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से रेल मंत्रालय ने सौन्दर्यीकृत किये गये स्टेशनों के लिए सभी क्षेत्रीय रेलवे से नामांकन आमंत्रित किया था। कार्यकारी निदेशक (स्टेशन विकास), दक्षिण मध्य रेलवे के मुख्य वाणिज्य प्रबंधक (सिस्टम), कार्यकारी निदेशक (पर्यटन) तथा नोर्थ ईस्ट फ्रंटीयर रेलवे के एक अधिकारी वाली मूल्यांकन समिति ने 11 क्षेत्रीय रेलवे से प्राप्त 62 प्रविष्टियों की समीक्षा की।
प्रथम पुरस्कार:
भारतीय रेल में सबसे सुन्दर स्टेशन के रूप में श्रेष्ठ कला को दिखाने के लिए मध्य रेलवे के बल्हारशाह तथा चन्द्रपुर स्टेशनों (नागपुर मंडल) को प्रथम पुरस्कार दिया गया है। बल्हारशाह और चन्द्रपुर रेलवे स्टेशनों को तादोबा वन की पेंटिंग और मूर्तिकला से सुसज्जित किया गया था। यात्रियों ने इसका स्वागत किया और उन्हें स्टेशन में ही तादोबा-वन की वन्य जीव सुन्दरता का अहसास हुआ। दोनों स्टेशनों को पुरस्कार राशि के रूप में 10 लाख रूपये दिये गये हैं
दूसरा पुरस्कार:
बिहार में पूर्व मध्य रेलवे के समस्तीपुर मंडल के अंतर्गत आने वाले मधुबनी रेलवे स्टेशनों को मदुरै रेलवे स्टेशन (दक्षिण रेलवे) के साथ दूसरे स्थान पर घोषित किया गया है। पिछले वर्ष अक्टूबर में केवल 10 दिनों में 100 से अधिक कलाकारों ने मधुबनी स्टेशन को मधुबनी चित्रकारी से सजाया। इस चित्रकारी में श्री मीनाक्षी अम्मन मंदिर में सम्पन्न हुए विवाह समारोह में भगवान विष्णु द्वारा नववधु देवी मीनाक्षी को भगवान सुंदरेश्वरर को सौंपते हुए दिखाया गया है। इसके अतिरिक्त रेलवे स्टेशनों की अन्य दीवारों पर भी रंगीन चित्रकारी की गई है। द्वितीय पुरस्कार के विजेताओं को पुरस्कार राशि के रूप में 5 लाख रूपये मिलेंगे।
तीसरा पुरस्कार:
कोटा स्टेशन (पश्चिम मध्य रेलवे), गांधीधाम स्टेशन (पश्चिम रेलवे) तथा सिकंदराबाद स्टेशन (दक्षिण मध्य रेलवे) को तीसरा पुरस्कार विजेता घोषित किया गया।तीसरा पुरस्कार विजेताओं को पुरस्कार राशि के रूप में तीन लाख रूपये मिलेगे।
सिकंदराबाद स्टेशन को नया रूप दिया गया है और इसे चेरियाल कुंडलित चित्रकारियों से सजाया गया है। चेरियाल, तेलंगाना के वारंगल के निकट एक गांव है। चित्रकारी में प्रदर्शित वेशभूषा और विन्यास तेलंगाना की समृद्ध संस्कृति का प्रामाणिक प्रदर्शन है। इसमें शामिल किया गया ग्रामीण परिवेश विशेषता और आनंद प्रदान करता है।attacknews.in