नयी दिल्ली 01 दिसंबर । रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विनोद कुमार यादव ने आज कहा कि रेलवे के लिए जिन कर्मचारियों की भर्ती की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है उन्हें निश्चित रूप से नियुक्ति दी जाएगी और अगस्त 2021 तक उनका प्रशिक्षण भी पूरा हो जाएगा।
श्री यादव ने यहां यादव ने यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि जिन लोगों को रेलवे में भर्ती किया जा चुका है उन्हें नियुक्ति पत्र भेजे जा चुके हैं और अगस्त 2021 तक उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
उन्होंने माना कि कोरोना संकट के कारण नयी भर्ती वाले कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र भेजने में विलंब हुआ है।
उन्होंने कहा कि कोरोना प्रोटोकॉल के अनुपालन की बाध्यता के कारण प्रशिक्षण केन्द्रों की क्षमता प्रभावित हुई है। उसी वजह से नियुक्त पत्रों को भेजने में दिक्कत हुई। अब सबको नियुक्ति प्रदान करने का पत्र भेजा गया है। किसी को भी छोड़ा नहीं गया और ना ही किसी को छोड़ा जाएगा।
उन्होंने कहा कि स्टेनो एवं अध्यापकों के 1663 पदों के लिए 15 से 18 दिसंबर के बीच कंप्यूटरीकृत परीक्षा आयोजित की जाएंगी जबकि गैर तकनीकी 35 हजार 208 पदों के लिए 28 दिसंबर से परीक्षाएं शुरू होंगी और मार्च के अंत तक संपन्न होंगी। संरक्षा श्रेणी में ट्रैक मेंटेनर एवं अन्य तकनीकी पदों (एक लाख तीन हजार 769 पदों) पर भर्ती के लिए भर्ती के लिए अप्रैल से जून 2021 के बीच परीक्षाएं करायीं जाएंगी। कुल एक लाख 40 हजार 640 पदों के लिए दो करोड़ 44 लाख आवेदन आयें हैं।
एक साल में कानपुर से गुजरात के बंदरगाहों तक खुलेगा डीएफसी लिंक
रेलवे अगले साल के अंत तक उत्तर प्रदेश के कानपुर से गुजरात के पालनपुर तक समर्पित मालवहन गलियारा (डीएफसी) का 45 प्रतिशत हिस्सा चालू कर देगी जिससे गुजरात के तीन बंदरगाहों कांडला, पिपावाव एवं मुंदरा तक कनेक्टिविटी कायम हो जाएगी।
श्री यादव ने यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि इस महीने पूर्वी डीएफसी में कानपुर के भाऊपुर से खुर्जा तक 353 किलोमीटर के खंड और पश्चिमी डीएफसी पर रेवाड़ी से मदार तक 335 किलोमीटर के खंड को यातायात के लिए खोल दिया जाएगा। मार्च 2021 तक मदार पालनपुर का खंड, जून 2021 तक खुर्जा से दादरी खंड तथा रेवाड़ी से दादरी खंड दिसंबर 2021 तक पूरा हो जाएगा। इस प्रकार से दिसंबर 2021 तक कानपुर से पालनपुर तक डीएफसी की सीधी कनेक्टिविटी चालू हो जाएगी। पालनपुर से गुजरात के तीन बंदरगाह – कांडला, पिपावाव और मुंदरा पहले ही कनेक्ट हैं।
श्री यादव ने कहा कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए और रेल परिवहन में गेम चेंजर होगा। इससे दिल्ली मुंबई और दिल्ली से हावड़ा मार्ग पर यात्री गाड़ियों की गति एवं आवृत्ति दोनों में वृद्धि संभव होगी।
मालवहन में रेलवे की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए श्री यादव ने कहा कि रेलवे ने नवंबर में 10.968 करोड़ टन की लोडिंग की जबकि गत वर्ष नवंबर में यह आंकड़ा 10.096 करोड़ टन था। इस प्रकार से लोडिंग करीब नौ प्रतिशत रही। नवंबर 2020 में रेलवे के 300 रैकों में माल ढुलाई हुई जबकि नवंबर 2019 में यह संख्या 160 थी। इस प्रकार से 87.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है। परिमाण में यह वृद्धि 87.2 लाख टन की है।
उन्होंने कहा कि नवंबर 2020 में औसत ढुलाई का आंकड़ा 58 हजार 726 टन रहा जबकि अक्टूबर 2020 में यह आंकड़ा 56 हजार 128 टन था। उन्होंने कहा कि डीएफसी के पूरा होने पर रेल से माल ढुलाई में 25 से 30 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है। इसे ध्यान में रखते हुए डीएफसी के हर स्टेशन पर गुड्स शेड बनाये जा रहे हैं।