पेरिस/नईदिल्ली , नौ अक्टूबर । फ्रांस की इंजन विनिर्माता कंपनी सैफरन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ने बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से कहा कि भारत को कारोबार के लिए आकर्षक वातावरण सुलभ कराना चाहिए तथा कर और सीमा शुल्क नियमों के जरिये ‘हमें आतंकित’ नहीं करना चाहिए।
इसी कंपनी ने राफेल लड़ाकू जेट विमान का इंजन बनाया है। इसके साथ ही फ्रांसीसी कंपनी ने भारत में 15 करोड़ डॉलर का निवेश करने की योजना की घोषणा की।
रक्षा मंत्री सिंह फ्रांस की राजधानी के पास स्थित बहुराष्ट्रीय कंपनी सैफरन के कारखाने में भी गए। वहां कंपनी की ओर से उनके समक्ष प्रस्तुतीकरण दिया गया। सैफरन राफेल जेट में इस्तेमाल होने वाले अत्याधुनिक एम88 इंजन बनाती है। भारत ने फ्रांस से राफेल विमानों की खरीद है।
रक्षा मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘पेरिस के पास विलारोशे में सैफरन के इंजन विनिर्माण संयंत्र गया। सैफरन की पहचान इंजन बनाने की क्षमता को लेकर है। उन्होंने राफेल का इंजन भी बनाया है।’’
सिंह ने कहा, ‘‘सैफरन के विनिर्माण संयंत्र में भारतीय मूल के कई युवा और प्रतिभावान इंजीनियरों से मिलने का मौका मिला। उनका तकनीकी ज्ञान और मेहनत प्रभावित करने वाली और प्रेरणादायक है।’‘’
प्रस्तुतीकरण के दौरान सैफरन एयरक्राफ्ट इंजंस के सीईओ ओलिवियर एंड्रीज ने कहा कि कंपनी का इरादा भारत में प्रशिक्षण और रखरखाव पर 15 करोड़ डॉलर का निवेश करने का है। हालांकि, सीईओ ने कहा कि वह भारत से कर ढांचे पर अधिक समर्थन की उम्मीद करते हैं।
एंड्रीज ने कहा कि भारत विमानन के लिए तीसरा सबसे बड़ा वाणिज्यिक बाजार बनने वाला है। हम अपने ग्राहकों के लिए वहां एक मजबूत रखरखाव और मरम्मत व्यवस्था बनाना चाहते हैं।
एंड्रीज ने कहा,‘‘लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि भारत की कर और सीमा शुल्क प्रणाली आतंकित करने वाली नहीं हो।’’
रक्षा मंत्री ने इस पर सीईओ से कहा कि भारत अपनी ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत निवेश के लिए अनुकूल माहौल उपलब्ध कराने को प्रतिबद्ध है।
सिंह ने सैफरन को अगले साल फरवरी में लखनऊ में होने वाले ‘डेफएक्सपो’ में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। कंपनी ने उनके निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है।
सैफरन ने मंत्री को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लि. (एचएएल) के साथ अपने सहयोग का ब्योरा देते हुए भारत के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘कुशल भारत’ कार्यक्रमों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई
भारत-फ्रांस रक्षा वार्ता में द्विपक्षीय संबंधों के सभी मुद्दों की समीक्षा की गयी : राजनाथ
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि उन्होंने अपनी फ्रांसीसी समकक्ष के साथ ‘‘उपयोगी बातचीत’’ की और इस दौरान उन्होंने द्विपक्षीय रक्षा संबंधों से जुड़े सभी मुद्दों की समीक्षा की।
रक्षा मंत्रालय के एक बयान के अनुसार दोनों नेताओं ने आतंकवाद के खिलाफ द्विपक्षीय सहयोग को और प्रगाढ़ बनाने के भारत और फ्रांस के मजबूत इरादे की भी पुष्टि की।
रक्षा मंत्री सिंह ने बैठक के बाद ट्वीट किया, ‘‘फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली के साथ पेरिस में वार्षिक रक्षा वार्ता के दौरान उपयोगी चर्चा हुई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने अपने द्विपक्षीय रक्षा संबंधों के सभी मुद्दों का आकलन और समीक्षा की।’’
भारत और फ्रांस के बीच यह दूसरी मंत्रिस्तरीय वार्षिक रक्षा वार्ता है।
रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के सभी पहलुओं की समीक्षा की जो भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी का एक प्रमुख स्तंभ है।
इसमें कहा गया है कि उन्होंने पारस्परिक हित से जुड़े मौजूदा क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रमों पर भी चर्चा की। दोनों पक्षों ने रक्षा से संबंधित बातचीत को और आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। दोनों पक्षों ने मौजूदा नियमित द्विपक्षीय संयुक्त अभ्यास (शक्ति, वरुण और गरुड़) के दायरे और जटिलता का विस्तार करने पर भी सहमति व्यक्त की।
दोनों पक्षों ने स्वीकार किया कि हिंद महासागर क्षेत्र में भारत-फ्रांस साझेदारी साझा रणनीतिक और सुरक्षा हितों को सुरक्षित रखने और बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है। सिंह और पार्ली ने हिंद महासागर क्षेत्र में भारत-फ्रांस सहयोग के संयुक्त रणनीतिक विजन में उल्लिखित कार्यों के निरंतर कार्यान्वयन पर भी जोर दिया।
इससे पहले सिंह का फ्रांस के रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय ‘होटल डे ब्रायन’ में मंगलवार रात सैन्य सलामी गारद से स्वागत किया गया। इससे पहले उनका दिन भर व्यस्त कार्यक्रम रहा और इस दौरान उन्होंने भारतीय वायु सेना की ओर से पहला राफेल लड़ाकू जेट विमान प्राप्त किया।
इससे पहले सिंह ने नये विमान का शस्त्र पूजन करते हुए कहा था, ‘‘यह भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी में एक नया मील का पत्थर है और द्विपक्षीय रक्षा सहयोग एक नये मुकाम पर पहुंचा है। ऐसी उपलब्धियां हमें और कार्य करने के लिए प्रेरित करती हैं और जब मैं मंत्री पार्ली से मुलाकात करूंगा तो यह मेरे एजेंडे में होगा।’’
पूजा करने के बाद सिंह ने राफेल लड़ाकू विमान में कुछ देर तक उड़ान भी भरी थी।
सिंह फ्रांस की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं और वह इस दौरान फ्रांसीसी बहुराष्ट्रीय कंपनी सफरन का भी दौरा करेंगे जो राफेल लड़ाकू जेट के लिए इंजन का उत्पादन करती है।
उनकी यात्रा फ्रांसीसी व्यापार और उद्योग जगत के प्रमुख लोगों के साथ बैठक के साथ समाप्त होगी। वह उन लोगों को अगले साल पांच से आठ फरवरी तक लखनऊ में आयोजित होने वाले डेफएक्सपो में भाग लेने के लिए औपचारिक निमंत्रण भी देंगे।
सिंह ने अपनी यात्रा की शुरूआत फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों से उनके आधिकारिक आवास एलिसी पैलेस में मुलाकात से की थी।
उन्होंने विमान में करीब 25 मिनट उड़ान भरने के बाद कहा था कि यह विमान भारतीय वायुसेना की लड़ाकू क्षमता को बहुत ज्यादा बढ़ाएगा लेकिन इस क्षमता का मकसद हमला नहीं बल्कि यह आत्मरक्षा के लिये प्रतिरोधी शक्ति है। इस उपलब्धि का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है।
सिंह ने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि 36 लड़ाकू विमानों में से 18 विमान फरवरी 2021 तक सौंप दिये जाएंगे, जबकि शेष विमान अप्रैल-मई 2022 तक मिल जाने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि भारत ने 59,000 करोड़ रुपये के सौदे के तहत सितंबर 2016 में फ्रांस से 36 लड़ाकू विमान खरीदने का आर्डर दिया था।