पटना 13 अप्रैल । बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री और एक साल बाद विधानसभा चुनाव में तेजस्वी प्रसाद यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किये जाने की शर्त पर जदयू और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विलय के कथित प्रस्ताव को लेकर मचे घमासान के बीच जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर (पीके) की राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से बहस करने की चुनौती स्वीकार करते हुए आज कहा कि वह रांची जेल प्रशासन से इसकी अनुमति लेकर आएं।
राजद अध्यक्ष श्री यादव की पत्नी राबड़ी देवी ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘’श्री किशोर ने श्री यादव से मुलाकात कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री और उसके बदले मेरे छोटे बेटे तेजस्वी को 2020 के विधानसभा चुनाव में राज्य के मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने की शर्त पर जदयू और राजद का विलय करने का प्रस्ताव दिया था। राजद ने उनके इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था क्योंकि श्री कुमार जनता के बीच अपनी विश्वसनीयता खो चुके है।“
उन्होंने कहा कि इस मामले से जुड़े इन सब सच्चे तथ्यों का जिक्र राजद अध्यक्ष की आत्मकथा ‘गोपालगंज टू रायसीना : माई पॉलिटिकल जर्नी’ में भी किया गया है।
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