चंडीगढ़ 19 मार्च। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा राज्य में हुक्का बारों पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगाने का फ़ैसला लिया गया है। इससे पहले हुक्का बारों पर पाबंदी संबंधी प्रत्येक 2 माह के बाद आरज़ी आदेश जारी किये जाते थे।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की मीटिंग के दौरान सिगरेट एंड अदर तंबाकू प्रोोडक्टस (प्रोहबेशन ऑफ ऐडवरटाईज़मैंट एंड रैगूलेशन आफ ट्रेड एंड कामर्स, प्रोडक्शन, सप्लाई एंड डिस्ट्रीब्युूशन) एक्ट-2003 (कोटपा) में संशोधन करने संबंधी प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी गई है।
मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए फ़ैसलो का उद्धेश्य हुक्कों के बढ़ रहे प्रयोग को नकेल डालना है जिससे नौजवानों को तंबाकू का अन्य ढंगों के द्वारा किये जा रहे सेवन से रोका जा सके।
एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि मंत्रीमंडल के इस फ़ैसले से सूबे में हुक्का बार चलाने पर पक्के तौर पर रोक लग जायेगी। इसके पास किये प्रस्ताव को विधानसभा सामने पेश किया जायेगा जिसको मंज़ूरी उपरांत देश के राष्ट्रपति के पास से स्वीकृति के लिए भेजा जायेगा।
प्रवक्ता ने कहा कि वर्तमान समय सी.आर.पी.सी. की धारा 144 के अंतर्गत हुक्का बॉर पर सूबे के सभी जिलों में 2 महीनो की पाबंदी की व्यवस्था है, जिसके अंतर्गत जि़ला प्रशासन को पाबंदी बढ़ाने के लिए प्रत्येक 2 माह के आदेश जारी करने पड़ते थे।
उन्होंने कहा कि प्राप्त आंकड़ों के अनुसार हुक्को की एक घंटे के प्रयोग दौरान सेवन करने वाला व्यक्ति 20 से 200 बार सांस खींचता है, जिससे 50 लीटर (13 गैलन*) के कारसीनोजनिक केमिकल वाला ख़तरनाक धुआं पैदा होता है।
इसके अलावा हुक्को की एक से ज़्यादा व्यक्तियों की तरफ से प्रयोग करने से टी.बी. और अन्य बीमारियां होने का भी डर रहता है।
उन्होंने कहा कि हुक्को का सेवन करने वाले व्यक्ति आम तौर पर अन्य नशों से ग्रसित हो जाते हैं।attacknews.in