चंडीगढ़, 27 दिसंबर । ऐसा लगता है कि पंजाब में किसान आंदोलन की आड़ मे राजनीतिक फायदा-नुकसान की कहानी शुरू हो गई हैं क्योंकि 2021 में विधानसभा चुनाव होने हैं और इसमें मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह के ऊपर कांग्रेस पार्टी को फिर से सत्ता में लाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है । यही कारण है कि किसानों से मोबाइल टावर जैसी दूरसंचार क्षेत्र की ढांचागत सुविधाओं को नुकसान नहीं पहुंचाने की उनकी अपील का गंभीर असर नहीं पड़ा है। उनके आग्रह के बावजूद एक रात में ही 150 से अधिक दूरसंचार टावरों को नुकसान पहुंचाया गया।
दूरसंचार टावरों को नुकसान पहुंचाने के पीछे यह कहानी कही जा रही है कि नये कृषि कानूनों से मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी जैसे उद्योगपतियों को लाभ होगा। इस आधार पर पंजाब में विभिन्न स्थानों पर रिलायंस जियो के टावरों को नुकसान पहुंचाया गया है जिससे दूरसंचार संपर्क व्यवस्था पर असर पड़ा। हालांकि, यह अलग बात है कि अंबानी और अडाणी से जुड़ी कंपनियां किसानों से अनाज नहीं खरीदती हैं।
मामले से जुड़े दो सूत्रों ने कहा कि कल से अब तक 151 दूरसंचार टावरों को नुकसान पहुंचा है।
इससे अब तक कुल 1,338 दूरसंचार टावरों को नुकसान पहुंचाया जा चुका है।
एक सूत्र ने बताया कि पंजाब के विभिन्न स्थानों से दूरसंचार टावरों को नुकसान पहुंचाये जाने की सूचना है।
उसने बताया कि जिन दूरसंचार टावरों को नुकसान पहुंचाया गया है, उनमें से ज्यादातर जियो और दूरसंचार उद्योग के साझा बुनियादी ढांचा सुविधाओं से जुड़े हैं।
सूत्रों ने कहा कि हमलों का असर दूरसंचार सेवाओं पर पड़ा है और परिचालकों को पुलिस की तरफ से कार्रवाई नहीं होने के कारण सेवाओं को बहाल करने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
पंजाब के मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को प्रदर्शनकारी किसानों से इस प्रकार के कार्यों से आम लोगों को असुविधा नहीं पहुंचाने की अपील की। उन्होंने किसानों से कहा कि जिस संयम के साथ वे आंदोलन करते आयें हैं, उसे बरकरार रखें।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने बयान में कहा था, ‘‘मुख्यमंत्री ने कोविड महामारी के बीच दूरसंचार संपर्क व्यवस्था को महत्वपूर्ण बताया और किसानों से आंदोलन के दौरान उसी तरह का अनुशासन और जिम्मेदारी दिखाने को कहा जिसे वह दिल्ली सीमा पर और पूर्व के विरोध-प्रदर्शन में दिखाते आये हैं।’’ किसानों के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को एक महीना पूरा हो गया है।
मुख्यमंत्री की यह अपील टावर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाडर्स एसोसिएशन (टीएआईपीए) के आग्रह पर आयी है। दूरसंचार बुनियादी ढांचा प्रदाताओं के इस पंजीकृत संघ ने राज्य सरकार से किसानों को अपनी न्याय की लड़ाई में किसी भी गैरकानूनी गतिविधि का सहारा नहीं लेने को लेकर अनुरोध करने का आग्रह किया था।