नई दिल्ली/भोपाल 14 नवम्बर । मध्यप्रदेश सरकार के पदोन्नति में आरक्षण मामले में नया मोड़ आ गया है क्योंकि इस मामले की सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच करेगी। जस्टिस कुरियन जोसेफ की बेंच ने चीफ जस्टिस को संवैधानिक पीठ के गठन के लिए कहा है।
दरअसल, इस मामले में मध्यप्रदेश सरकार की याचिका के साथ बिहार और त्रिपुरा की याचिकाओं को एक साथ टैग कर दिया गया है। लिहाजा तीनों राज्यों की प्रमोशन में आरक्षण मामले की सुनवाई एक साथ सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को संवैधानिक पीठ को ट्रांसफर कर दिया गया है।attacknews
गौरतलब है कि 2002 में तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की सरकार ने पदोन्नति में आरक्षण लागू किया था। जिसे वर्तमान शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने भी लागू कर रखा है। लेकिन इस फैसले को जबलपुर हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसके बाद हाईकोर्ट ने सरकार के इस फैसले को निरस्त कर दिया था।
राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सरकार का तर्क है कि एससी-एसटी सूची से किसी वर्ग को सिर्फ संसद ही कानून बनाकर बाहर कर सकती है और एससी-एसटी को आरक्षण पिछड़ापन के लिए नहीं दिया गया है, बल्कि उसके साथ हुए सामाजिक भेदभाव के लिए है।