कोलकाता, 22 अक्टूबर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल में ‘महाषष्ठी’ से दुर्गा पूजा उत्सव की शुरुआत के मौके पर ‘आत्मनिर्भर भारत’ से ‘सोनार बांग्ला’ के संकल्प को पूरा करने का आहृवान किया और कहा कि इससे राज्य की समृद्ध और संपन्न विरासत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाना है।
बृहस्पतिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ‘‘पूजोर शुभेच्छा’’ (पूजा की शुभेच्छा) कार्यक्रम के तहत राज्य के लोगों को दिए अपने संदेश में प्रधानमंत्री ने महिला सशक्तिकरण से लेकर पश्चिम बंगाल के विकास के लिए केंद्र सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की विस्तार से चर्चा की और कहा कि उनकी सरकार ने पूर्वोदय का मंत्र अपनाया है और इसी के मद्देनजर पूर्वी भारत के विकास के लिए निरंतर फैसले लिए हैं।
मोदी ने मां दुर्गा का आह्वान कर महिला सशक्तिकरण के प्रति अपनी सरकार की कटिबद्धता को दोहराया और कहा कि ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ अभियान में नारी शक्ति की बहुत बड़ी भूमिका है।
पश्चिम बंगाल के सबसे बड़े त्योहार दुर्गा पूजा के अवसर पर प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान राज्य की महान विभूतियों को भी याद किया और कहा कि चेतना हो या आध्यात्म, विज्ञान हो या कला और संस्कृति हर क्षेत्र में बंगाल ने देश को प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ाया है।
इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण राज्य के 78,000 मतदान केंद्रों में किया गया। प्रत्येक केंद्र पर 25 से अधिक कार्यकर्ताओं को इस कार्यक्रम से जुड़ने के लिए भाजपा ने व्यापक स्तर पर तैयारी की थी। राज्य में कई पूजा पंडालों में भी लोगों ने उनका भाषण सुना। इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद थीं। कार्यक्रम की शुरुआत में प्रधानमंत्री का स्वागत भी महिलाओं ने शंख बजाकर बंगाली परंपरा के अनुसार किया।
मोदी ने बांग्ला में लोगों को शुभकामना संदेश दिया और कहा, ‘‘जब हमारा किसान, हमारा श्रमिक आत्मनिर्भर बनेगा, तभी हमारा देश आत्मनिर्भर बनेगा। आत्मनिर्भर भारत के इसी संकल्प से हमें सोनार बांग्ला के संकल्प को पूरा करना है।’’
उन्होंने कहा कि यह बंगाल की पवित्र धरती थी, जिसने आजादी के आंदोलन में स्वदेशी को संकल्प बनाने का काम किया, बंगाल की धरती से ही गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर और बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने ‘‘आत्मनिर्भर किसान, आत्मनिर्भर जीवन’’ का संदेश दिया था।
उन्होंने कहा, ‘‘21वीं सदी में आत्मनिर्भर भारत का नया संकल्प भी बंगाल की धरती से मजबूत होगा। बंगाल के गौरव को, बंगाल के उद्यम और उद्योग को, यहां की समृद्धि व संपन्नता को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाना है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि बंगाल के तेज विकास के लिए और बंगाल के लोगों को मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने के लिए निरंतर काम हो रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा की केंद्र सरकार ने पूर्वोदय का मंत्र अपनाया है। पूर्वी भारत के विकास के लिए निरंतर फैसले लिए हैं। पूर्वोदय के इस मिशन में पश्चिम बंगाल को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। मुझे भरोसा है कि पूर्वोदय का केंद्र बनकर पश्चिम बंगाल जल्द ही एक नई दिशा की तरफ बढ़ेगा।’’
उन्होंने कहा कि बंगाल के अवसंरचना विकास के लिए, संपर्क सुधारने के लिए भी लगातार काम हो रहा है। इसी के तहत कोलकाता में ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर परियोजना के लिए भी साढ़े 8 हजार करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।
मोदी ने मां दुर्गा को ‘‘दारिद्र्य दु:ख भय हारिणि’’ और ‘‘दुर्गति-नाशिनी’’ बताया और कहा कि देश में आज महिलाओं के सशक्तिकरण का भी अभियान तेज गति से जारी है।
उन्होंने कहा, ‘‘चाहे जनधन योजना के तहत 22 करोड़ महिलाओं के बैंक खाते खोलना हो या फिर मुद्रा योजना के तहत करोड़ों महिलाओं को आसान ऋण देना, चाहे ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान हो या फिर तीन तलाक के खिलाफ कानून।’’
उन्होंने कहा कि बलात्कार की सजा से जुड़े कानूनों को बहुत सख्त किया गया है और दुराचार करने वालों को मृत्युदंड तक का प्रावधान हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘‘चाहे गहरी खदानों में भी काम करने की स्वीकृति हो या फिर सेना में परमानेंट कमीशन, देश की नारी शक्ति को सशक्त करने के लिए निरंतर काम किया जा रहा है।’’
प्रधानमंत्री ने महिला सशक्तिकरण को लेकर ये बातें ऐसे समय में कही हैं जब उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक दलित युवती के कथित बलात्कार की घटना सहित कुछ अन्य घटनाओं को लेकर महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार सजग है।’’
उन्होंने कहा कि दुर्गा पूजा, भारत की एकता का ही नहीं बल्कि भारत की पूर्णता का भी पर्व है। बंगाल की दुर्गा पूजा भारत की इस पूर्णता को एक नई चमक देती है, नए-नए श्रृंगार देती है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह बंगाल की जागरूक चेतना, बंगाल की आध्यात्मिकता का और बंगाल की ऐतिहासिकता का ही प्रभाव है कि बंगाल की पुण्य भूमि से निकले महान व्यक्तियों ने जब ,जैसी आवश्यकता पड़ी शस्त्र और शास्त्र, त्याग और तपस्या से मां भारती की सेवा की है।
इस कड़ी में उन्होंने रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, चैतन्य महाप्रभु, रवींद्रनाथ टैगोर, बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय, काजी नज़रुल इस्लाम, सुभाष चंद्र बोस, राजाराम मोहन राय, ईश्वर चंद्र विद्यासागर और श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसी विभूतियों के योगदान को याद किया।
उन्होंने कहा, ‘‘आज के भारत को गढ़ने में बंगाल का इतना बड़ा योगदान है, इतने नाम हैं कि सुबह से शाम हो जाएगी लेकिन नाम नहीं खत्म होंगे।’’
उन्होंने कहा कि बंगाल के लोगों में ऐसी आत्मशक्ति है जिसके कारण वह हर क्षेत्र में आगे बढ़कर उपलब्धि हासिल करते हैं। ‘‘बंगाल ने देश को प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ाया है, आज भी बढ़ा रहे हैं और मेरा विश्वास है भविष्य में भी बंगाल के लोग देश का गौरव इसी तरह बढ़ाते रहेंगे।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने आत्मनिर्भरता का जो नया संकल्प लिया है, उस अभियान में भी नारी शक्ति की बहुत बड़ी भूमिका है।
उन्होंने कहा, ‘‘महिषासुर का वध करने के लिए माता का एक अंश ही पर्याप्त था, लेकिन इस कार्य के लिए सभी दैवीय शक्तियां संगठित हो गई थीं। वैसे ही नारी शक्ति हमेशा से सभी चुनौतियों को परास्त करने की ताकत रखती है। ऐसे में ये सभी का दायित्व है कि संगठित रूप से सभी उनके साथ खड़े हों।’’
मोदी ने कहा कि इस बार कोरोना के संकट के बीच दुर्गा पूजा का उत्सव मनाया जा रहा है। भक्त, पंडालों के आयोजकों सहित सभी ने इस बार ‘‘अद्भुत संयम’’ दिखाया है।
उन्होंने कहा, ‘‘संख्या पर भले असर पड़ा हो, लेकिन भव्यता वही है, दिव्यता वही है। आयोजन भले ही सीमित है, लेकिन उत्सव का रंग, उल्लास-आनंद असीमित है। यही तो बंगाल की पहचान है, यही तो बंगाल की चेतना है। यही तो असली बंगाल है।’’
पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या सात करोड़ के करीब है जिनमें से लगभग साढ़े तीन करोड़ महिला मतदाता हैं।
सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ राज्य में भाजपा एक मजबूत प्रतिद्वंद्वी के रूप में उभरी है। भाजपा को भरोसा है कि वह अगले चुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के 10 सालों के शासन का अंत करेगी।
पिछले लोकसभा चुनाव में राज्य की 18 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी, जबकि तृणमूल कांग्रेस को 22 सीटों पर विजय हासिल हुई थी। भाजपा के आकलन के मुताबिक बड़ी संख्या में महिला मतदाताओं ने इस चुनाव में भाजपा का समर्थन किया था