बैंकॉक 03 नवंबर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 10 सदस्यीय मजूबत दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) को भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का मुख्य घटक बताते हुए कहा कि इसे (पॉलिसी को) आगे बढ़ाने में इसका (आसियान का) सहयोग जारी रहेगा।
श्री मोदी ने यहां 16 वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करते हुए अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में, भारत प्रशांत पर भारत और आसियान के बीच विचारों और दृष्टिकोण में तालमेल का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का भी भारत प्रशांत क्षेत्र पर विशेष ध्यान है।
प्रधानमंत्री ने उन्होंने अगले साल आसियान का नेतृत्व और मार्गदर्शन करने के लिए वियतनाम को चुने जाने पर उसे बधाई दी।
उन्होंने कहा, “अच्छी तरह से संगठित और प्रगतिशील आसियान हमेशा भारत के हित में है। हमें बेहतर और उन्नत जमीनी, समुद्री और हवाई संपर्क और डिजिटल संपर्क बढ़ाने चाहिए।” उन्होंने कहा कि भारत साझेदारी को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रधानमंत्री ने समुद्री सुरक्षा और ब्लू इकोनॉमी और लोगों के बीच समन्वय तथा आपसी मदद जैसे क्षेत्रों में संबंधों को बढ़ावा देने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा,“हमारा ध्यान अनुसंधान और व्यापार संवर्धन पर केंद्रित होना चाहिए और लोगों के बीच संपर्क को बढ़ाने के लिए पर्यटन को बढ़ावा देना चाहिए।”
श्री मोदी ने कहा, “इसे हासिल करने के लिए हम साझेदारी को और मजबूत करने जा रहे हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि पिछले साल की बैठकों में लिए गए फैसलों के कार्यान्वयन ने भारत-आसियान साझेदारी को और मजबूत किया है।
श्री मोदी शनिवार से बैंकॉक की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं और आसियान-भारत शिखर सम्मेलन के अलावा, वह पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन और महत्वपूर्ण तीसरे क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) शिखर सम्मेलन में भी भाग लेंगे।
मोदी ने थाईलैंड, इंडोनेशिया के नेताओं से की द्विपक्षीय मुलाकात
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 16वीं भारत-आसियान शिखर बैठक के बाद मेजबान थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुत चान ओचा तथा इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय मुलाकातें कीं तथा संपर्क तथा व्यापार एवं निवेश बढ़ाने के बारे में चर्चा की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने इन मुलाकातों के बाद बताया कि श्री मोदी और थाई प्रधानमंत्री के संपर्क, व्यापार एवं निवेश, रक्षा एवं सुरक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के बारे में विचार-विमर्श किया जबकि श्री विडोडो के साथ श्री मोदी की बातचीत का फोकस संपर्क, व्यापार एवं निवेश तथा हिन्द-प्रशांत क्षेत्र रहा।
श्री कुमार ने बताया कि थाई प्रधानमंत्री के साथ बैठक में दोनों नेताओं ने माना कि भारत अौर थाईलैंड के बीच निरंतर उच्च स्तरीय बैठकों एवं आदान-प्रदान ने संबंधों को गति प्रदान की है। रक्षा एवं सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के इरादे के साथ दोनों पक्षों ने रक्षा उद्योगों में सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया है। द्विपक्षीय कारोबार में गत वर्ष 20 प्रतिशत की वृद्धि पर संतोष व्यक्त करते हुए उन्होंने अपने-अपने वाणिज्य विभाग के अधिकारियों को निवेश एवं व्यापार में वृद्धि के उपायों पर चर्चा करने के निर्देश दिये।
प्रवक्ता के अनुसार दोनों प्रधानमंत्रियों ने दोनों देशों के बीच परिवहन के क्षेत्र और डिजीटल कनेक्टिविटी बढ़ाने के बारे में चर्चा की। उन्होंने गुवाहाटी एवं बैंकाॅक के बीच सीधी उड़ान शुरू होने और रानोंग बंदरगाह से कोलकाता, चेन्नई और विशाखापट्नम के बीच मालवहन के समझौतों को अंतिम रूप दिये जाने का भी स्वागत किया।
उन्होंने कहा कि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति के साथ मुलाकात में श्री मोदी ने श्री विडोडो को दूसरे कार्यकाल के शुभारंभ पर शुभकामनाएं एवं बधाई दी और कहा कि भारत दोनों लोकतांत्रिक एवं बहुलतावादी देशों के बीच रक्षा, सुरक्षा, संपर्क, व्यापार और निवेश तथा लोगों के बीच आदान-प्रदान बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने भारत एवं इंडोनेशिया को निकटवर्ती समुद्री पड़ोसी देश बताते हुए समुद्री सहयोग के साझा दृष्टिकोण के आधार पर हिन्द प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा एवं समृद्धि के लिए मिल कर काम करने का संकल्प लिया। दोनाें नेताओं ने उग्रवाद एवं आतंकवाद के खतरे पर भी चर्चा की और इस बारे में मिलकर काम करने पर सहमति व्यक्त की।
प्रवक्ता के अनुसार श्री मोदी ने इंडोनेशिया के साथ द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने खासतौर पर भारतीय कृषि, फार्मास्युटिकल और ऑटोमोटिव उत्पादों की स्थानीय बाज़ार में अधिक पहुंच की जरूरत को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने इंडोनेशिया में भारतीय कंपनियों के निवेश का हवाला देते हुए इंडोनेशियाई कंपनियों द्वारा भारत में निवेश की जरूरत पर बल दिया। श्री मोदी ने श्री विडोडो को अगले वर्ष किसी समय भारत की यात्रा करने का न्योता दिया जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।