बैंकाक, दो नवंबर ।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान निरस्त करने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के फैसले का स्पष्ट संकेत करते हुए शनिवार को यहां कहा कि भारत ने आतंकवाद एवं अलगाववाद के पीछे के एक बड़े कारण को नष्ट कर दिया है।
मोदी ने यहां भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार उन लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में काम कर रही है जो असंभव प्रतीत होते थे।
उन्होंने कहा, ‘‘आप जानते हैं कि भारत ने आतंकवाद एवं अलगाववाद के बीज बोए जाने के पीछे के एक बड़े कारण से छुटकारा पाने का फैसला किया है।’’
मोदी ने ‘स्वस्ति पीएम मोदी’ कार्यक्रम में कहा, ‘‘ जब फैसला सही होता है तो इसकी गूंज पूरी दुनिया में सुनाई देती है।’’
मोदी ने जब अनुच्छेद 370 के संबंध में सरकार के उठाए कदम का जिक्र किया तो लोगों ने खड़े होकर तालियां बजाईं। उन्होंने कहा कि ये तालियां भारत की संसद और उनके सांसदों के लिए हैं।
मोदी ने कहा कि जो काम करके दिखाते हैं, उनसे लोगों की अपेक्षाएं भी अधिक होती हैं।
प्रधानमंत्री ने करतारपुर गलियारा खोले जाने का भी जिक्र किया और कहा कि अब श्रद्धालु आजादी से करतारपुर साहिब जा सकेंगे।
उन्होंने अपने भाषण में उज्ज्वला योजना समेत सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित किया।
मोदी ने कहा कि भारत में पिछले पांच साल में हुए बदलावों की वजह से जनता ने इस बार उनकी सरकार को और बड़ा जनादेश दिया।
उन्होंने कहा कि भारत पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में कड़ी मेहनत कर रहा है।
सरकार असंभव, सोच से परे लक्ष्यों के लिए काम कर रही है : मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले पांच वर्ष में इतने काम किये कि जनता की आशा एवं अपेक्षा और बढ़ गयीं है और अब वह असंभव एवं सोच से परे लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रयास कर रही है।
श्री मोदी ने यहां के निमिबुत्र स्पोर्ट्स बिल्डिंग में प्रवासी भारतीय समुदाय के कार्यक्रम ‘सावस्दी पीएम मोदी’ को संबोधित किया।
इस मौके पर विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर, रेल, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल तथा थाईलैंड के सामाजिक विकास एवं सुरक्षा मंत्री जनरल अनंतपूर्ण कंजनारत भी उपस्थित थे।
श्री मोदी ने भारत एवं थाईलैंड के बीच संबंधों का पौराणिक उल्लेख करते हुए कहा कि हजारों साल पहले से जम्बू द्वीप और सुवर्णभूमि के बीच समृद्धि एवं संस्कृति का सेतु विद्यमान है। समुद्र के रास्ते व्यापार के लिए आवागमन करने वाले लोगों ने धर्म-दर्शन, ज्ञान-विज्ञान, भाषा-साहित्य, कला-संगीत और जीवनशैली को साझा किया। भगवान राम की मर्यादा एवं भगवान बुद्ध की करुणा हमारी साझी विरासत है। करोड़ों भारतीयों पर रामायण का प्रभाव है तो थाईलैंड वासियों पर रामा कियन का असर है। भारत की अयोध्या और थाईलैंड की अयुध्या है। भारत में अवतार लेने वाले भगवान नारायण के वाहन गरुड़ की थाईलैंड में बड़ी महिमा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे रिश्तों को इतिहास के हर पल एवं हर घटना ने हमारे संबंधों को विस्तृत, विकसित, गहरा किया है और नई ऊंचाई तक पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि आज भी प्रवासी भारतीय थाईलैंड की समृद्धि के लिए परिश्रम कर रहे हैं और चारों ओर उनके व्यवहार, निष्ठा एवं अनुशासन की सराहना हो रही है।
उन्होंने कहा कि भारत ने भी विगत पांच वर्षों में जो उपलब्धियां हासिल की हैं उससे विश्व में रहने वाले भारतीयों का माथा ऊंचा और सीना चौड़ा हो गया है और उनका आत्मविश्वास कई गुना बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि 130 करोड़ भारतीय नये भारत के निर्माण में लगे हैं तथा बाहर से आने वाले लोगों को सार्थक परिवर्तन का स्पष्ट अनुभव हो रहा है।
उन्होंने बीते लोकसभा चुनाव का उल्लेख करते हुए कहा कि इस चुनाव में विश्व के लोकतांत्रिक इतिहास में कई कीर्तिमान कायम हुए हैं। 60 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने वोट डाले। महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों की तुलना में अधिक रही। आजादी के बाद से सर्वाधिक महिला सांसद चुन कर आयीं तथा 60 साल में पहली बार किसी सरकार को पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद पहले से कहीं बड़ा जनादेश हासिल हुआ।
श्री मोदी ने कहा कि इसका यह अर्थ भी है कि भारत के लोगों की आशा एवं अपेक्षा और बढ़ गयी है। जो लोग काम करते हैं, लोग उन्हें काम देते हैं और जो काम नहीं करते हैं, लोग उनके दिन गिनते रहते हैं। उन्होंने कहा, “अब हम उन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए काम कर रहे हैं जो कभी असंभव लगते थे। जिन्हें सोच भी नहीं सकते थे।”
उन्होंने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 एवं 35 ए काे हटाने एवं राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के फैसले की ओर इशारा करते हुए कहा, “आप सभी इस बात से परिचित हैं कि आतंक और अलगाव का बीज बोने वाले एक बहुत बड़े कारण से देश को मुक्त करने का निर्णय भारत ने कर लिया है।”
प्रधानमंत्री ने इतना कहते ही पूरा स्टेडियम खड़ा हो गया और देर तक तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया। इस पर श्री मोदी ने कहा, “आपका यह अभिनंदन भारत की संसद एवं सांसदों के लिए है। आपका प्यार, उत्साह, समर्थन हिन्दुस्तान की संसद एवं सांसदों के लिए बहुत बड़ी ताकत बनेगा।”