चेन्नई, 14 फरवरी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को स्वदेश निर्मित अर्जुन मुख्य युद्धक टैंक (एमके-1ए) को यहां सेना को सौंपा। मोदी ने इसे भारत की एकजुट भावना का एक उदाहरण बताया क्योंकि दक्षिण में निर्मित बख्तरबंद वाहन देश की उत्तरी सीमाओं की रक्षा करेंगे।
मोदी ने यहां आयोजित एक समारोह में इस अत्याधुनिक टैंक की सलामी भी ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के यहां स्थित युद्धक वाहन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान द्वारा निर्मित इस अत्याधुनिक टैंक को देश में डिजाइन, विकसित और निर्मित किया गया है।
मोदी ने बाद में टैंक की एक प्रतिकृति सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे को सौंपा।
उन्होंने कहा, ‘‘आज मुझे अपनी सरहदों की रक्षा के लिए देश को एक और योद्धा को समर्पित करने पर गर्व हो रहा है। मुझे स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित अर्जुन एमके-1ए सौंपने पर गर्व है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह स्वदेशी गोला-बारूद भी उपयोग करता है। तमिलनाडु पहले से ही भारत का अग्रणी ऑटो विनिर्माण केंद्र है। अब मैं तमिलनाडु को भारत के टैंक निर्माण केंद्र के रूप में विकसित होते देख रहा हूं।’’
मोदी ने कहा, ‘‘तमिलनाडु में बने टैंक का इस्तेमाल हमारे देश को सुरक्षित रखने के लिए हमारी उत्तरी सीमा में किया जाएगा। यह भारत की एकजुट भावना- भारत एकता दर्शन को दर्शाता है।’’
खबरों मुताबिक, यहां अवडी स्थित हेवी व्हीकल फैक्ट्री (एचवीएफ) को इन 118 टैंकों के विनिर्माण के लिए 8,500 करोड़ रुपये का ऑर्डर दिया गया है।
अधिकारियों ने कहा कि अर्जुन एमके-1 अल्फा ‘‘युद्ध जीतने की क्षमता वाला विश्व का एक आधुनिक टैंक है।’’
इसमें 71 नई विशेषताओं को शामिल किया गया है और यह किसी भी इलाके में दिन और रात के समय लक्ष्य को सटीकता से भेद सकता है।
उन्होंने कहा कि उत्पादन आर्डर से 200 से अधिक भारतीय कंपनियों और बड़ी संख्या में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) के लिए रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में एक बड़ा मौका खुला है। साथ ही आठ हजार लोगों के लिए रोजगार के अवसर बनेंगे।
यह टैंक केंद्र के ‘आत्मनिर्भर भारत’ का अच्छा उदाहरण है। यह रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की एक अवधारणा है।
मोदी ने क्रांतिकारी तमिल कवि एवं स्वतंत्रता सेनानी महाकवि सुब्रमण्य भारती को उद्धृत करते हुए कहा कि उनके दृष्टिकोण से प्रेरित होकर, ‘‘भारत ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास किया है।’’
उन्होंने कहा कि देश के दो रक्षा गलियारों में से, तमिलनाडु में स्थित गलियारे ने पहले से ही 8,100 करोड़ रुपये से अधिक की निवेश प्रतिबद्धताएं प्राप्त की हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने सशस्त्र बलों को दुनिया की सबसे आधुनिक बलों में से एक बनाने के लिए काम करना जारी रखेंगे। साथ ही रक्षा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने पर ध्यान पूरी गति से चलता रहेगा।’’
उन्होंने बाद में एक ट्वीट में अर्जुन मुख्य युद्धक टैंक (एमके-1ए) का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की हमारी यात्रा में यह एक विशेष दिन था।’’
अर्जुन एमके-1 ए के निर्माण में पंद्रह शैक्षणिक संस्थान, आठ प्रयोगशालाएं और कई एमएसएमई भी शामिल थे।
मोदी ने कई परियोजनाओं का किया शुभारंभ:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को चेन्नई मेट्रो रेल चरण- I विस्तार परियोजना समेत कई कार्यक्रमों तथा परियोजनाओं का उद्घाटन किया तथा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किए गए अर्जुन युद्धक टैंक (एमके-1ए) भारतीय सेना को समर्पित किया।
श्री मोदी ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिये तमिलनाडु सरकार की ओर से जवाहरलाल नेहरू इंडाेर स्टेडियम में आयोजित समारोह में इन परियोजनाओं की शुरूआत की।
श्री मोदी ने चेन्नई और कोच्चि रवाना होने से पूर्व अंग्रेजी, मलयलम और तमिल में किए गए ट्वीट कर कहा,“आत्मनिर्भर भारत के विचारों काे गति प्रदान करने के लिए कई विकास कार्य शुरू किए जाएंगे। ये परियोजनाएं हमारे नागरिकों के लिए ‘ईज़ ऑफ लिविंग’ को बढ़ावा देंगी।”
श्री मोदी ने दिवगंत मुख्यमंत्रियों एमजीआर और जे जयललिता के मंच पर रखे गए चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उन्होंने चेन्नई मेट्रो रेल चरण- I विस्तार परियोजना का उद्घाटन किया जिसे 3,770 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित किया गया है। उन्होंने वाशरमेनपेट से विमको नगर के बीच यात्री सेवा की भी शुरूआत की।
चेन्नई मेट्रो रेल चरण- I विस्तार परियोजना 9.05 किलोमीटर लंबी है और यह उत्तरी चेन्नई को हवाई अड्डा और सेंट्रल रेलवे स्टेशन से जोड़ेगी।
श्री मोदी ने चेन्नई बीच और अट्टीपट्टु के बीच चौथी रेल लाइन का भी उद्घाटन किया। करीब 22.1 किलोमीटर लंबे इस खंड पर करीब 293.40 करोड़ रुपये की लागत आयी है। यह न केवल चेन्नई बंदरगाह पर यातायात को आसान बनाएगी बल्कि चेन्नई और तिरुवल्लुर जिलों के बीच यात्रियों की यात्रा को सुलभ बनाएगी। यह खंड चेन्नई बंदरगाह और इन्नोर बंदरगाह को जोड़ेगा तथा ट्रेनों के परिचालन को भी लचीला बनाएगा।
प्रधानमंत्री ने विल्लुपुरम-कुड्डालोर-मायिलादुत्तुरैै-तंजावुर और मायिलादुत्तुरै-तिरुवलुर की सिंगल लाइन खंड पर रेलवे बिजलीकरण का भी उद्घाटन किया। करीब 228 किलोमीटर लंबे इस मार्ग के बिजलीकरण पर 423 करोड़ रुपये की लागत आयी है। चेन्नई इग्मोर और कन्याकुमारी के बीच ट्रैक्शन में बदलाव किये बगैर हुए इसके निर्माण से ईंधन खर्चे में 14.61 लाख प्रतिदिन की बचत की गयी है।
उन्होंने ग्रैंड एनीकुट कैनाल सुविधा के विस्तार, पुनर्निमाण तथा आधुनिकीकरण की भी आधारशिला रखी। डेल्टा जिलों में किसानों की सिंचाई सुविधा प्रदान करने में इस कैनाल का महत्वपूर्ण योगदान है। इस कैनाल के आधुनिकीकरण पर 2,640 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे जिससे इस कैनाल में पानी जमा होने की क्षमता भी बढ़ेगी।
प्रधानमंत्री ने चेन्नई के पास ताइयुर में निर्मित होने वाले आईआईटी-मद्रास के डिस्कवरी परिसर की भी आधारशिला रखी। करीब दो लाख वर्ग मीटर में निर्मित होने वाले इस परिसर के पहले चरण के निर्माण पर 1,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
श्री मोदी ने अर्जुन मुख्य युद्धक टैंक (एमके-1ए) को सेना को समर्पित किया। इस टैंक का डिजाइन, विकास और निर्माण डीआरडीओ के युद्धक वाहन अनुसंधान एवं विकास संगठन ने 15 एकेडमिक संस्थानों, आठ प्रयोगशालाओं तथा कई एमएसएमई के सहयोग से किया गया है।
इस अवसर पर तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित, मुख्यमंत्री ई के पलानीस्वामी तथा उपमुख्यमंत्री ओ पननीरसेल्वम भी मौजूद थे।
देश के मछुआरो के हितों की हमेशा रक्षा की जाएगी: मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को आश्वासन देते हुए कहा कि उनकी सरकार मछुआरो के हितों की हमेशा रक्षा करेगी और इस समय श्रीलंका की हिरासत में कोई भी भारतीय मछुआरा नहीं है।
श्री मोदी ने यहां अनेक कार्यक्रमों की आधारशिला रखने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए कहा “ हमारे मछुआरे जिन समस्याओं का सामना कर रहे हैं वे काफी लंबे समय से चली आ रही हैं। मैं इन समस्याओं के इतिहास में नहीं जाना चाहता हूं लेकिन मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि मेरी सरकार उनके वाजिब हितों की हमेशा रक्षा करेगी और जब भी श्रीलंकाई नौसेना ने हमारे मछुआरों को हिरासत में लिया था हमने तुरंत उनकी समय से पहले रिहाई को सुनिश्चित किया। मेरी सरकार के कार्यकाल में 1600 से अधिक मछुआरो को रिहा कराया गया है और इस समय श्रीलंका नौसेना की हिरासत में एक भी भारतीय मछुआरा नहीं हैं।”