कोलंबो, नौ जून । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना से मुलाकात कर पारस्परिक हित के द्विपक्षीय मुद्दों पर की चर्चा की।
द्वीप देश में अप्रैल में ईस्टर के दिन हुए बड़े आतंकवादी हमले के बाद श्रीलंका की यात्रा करने वाले मोदी पहले विदेशी नेता हैं। इन हमलों में 250 से ज्यादा लोग मारे गए थे।
हमलों के मद्देनजर मोदी की इस यात्रा को श्रीलंका के साथ एकजुटता से खड़े रहने के भारत के संकेत के रूप में माना जा रहा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने पारस्परिक हित के द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की। सिरिसेना ने प्रधानमंत्री के सम्मान में भोज का आयोजन किया।’’
इससे पहले श्रीलंका के राष्ट्रपति भवन में मोदी का भव्य स्वागत हुआ। इस दौरान श्रीलंका के राष्ट्रपति सिरिसेना खुद को और प्रधानमंत्री मोदी को बारिश से बचाने के लिए छाता पकड़े हुए थे।
नरेन्द्र मोदी चर्च पहुंचें,जहां आतंकवादियों ने 258 लोगों को मार डाला:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को कोलंबो पहुंचने के तुरंत बाद सेंट एंथनी चर्च पहुंचे और द्वीप देश में ईस्टर के दिन आतंकी हमलों में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की। यह चर्च आत्मघाती हमलों की चपेट में आए स्थलों में से एक है। हमले में 11 भारतीयों सहित 258 लोग मारे गए थे।
आधिकारिक दौरे में राष्ट्रपति सचिवालय जाने के रास्ते में प्रधानमंत्री मोदी का काफिला कोलंबो में कैथोलिक चर्च पहुंचा।
मोदी ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि श्रीलंका फिर उठ खड़ा होगा। कायराना आतंकी कृत्य श्रीलंका के हौसले को परास्त नहीं कर सकते। श्रीलंका के लोगों के साथ भारत एकजुटता से खड़ा है।’’
ईस्टर के दिन श्रीलंका में हुए हमलों के बाद इस देश की यात्रा करने वाले मोदी पहले विदेशी नेता हैं।
मोदी ने कहा, ‘‘मैं मृतकों के परिजनों और घायलों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।’’
श्रीलंका में ईस्टर के दिन नौ आत्मघाती बम हमलावरों ने कोलंबो स्थित सेंट एंथनीज चर्च, पश्चिमी तटीय नगर नेगोम्बो स्थित सेंट सेबेस्टियन्स चर्च और पूर्वी शहर बट्टीकलोवा स्थित एक अन्य चर्च तथा तीन आलीशान होटलों को निशाना बनाया था।
देश में वर्ष 2009 में गृहयुद्ध के खात्मे के बाद यह सबसे भीषण हिंसा थी।
आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने हमले की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन सरकार ने इसके लिए स्थानीय चरमपंथी समूह नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) को जिम्मेदार ठहराया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, ‘‘पहला पड़ाव-सेंट एंथनीज चर्च। ईस्टर के दिन आतंकी हमलों में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोलंबो स्थित सेंट एंथनीज चर्च पहुंचे। भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में श्रीलंका के साथ है।’’
बाद में राष्ट्रपति आवास में मोदी का रस्मी स्वागत किया गया। इस दौरान श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना भी मौजूद थे। सिरिसेना हाथ में छाता लिए दिखाई दिए। छाते से वह खुद को और प्रधानमंत्री मोदी को बारिश से बचा रहे थे।
कुमार ने दोनों नेताओं की तस्वीर के साथ ट्वीट किया, ‘‘आपके साथ हूं — चाहे बारिश हो या धूप। कोलंबो में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भव्य स्वागत की कुछ झलकियां।’’
मोदी ने राष्ट्रपति सचिवालय में अशोक का एक पौधा भी रोपा।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मोदी मालदीव के बाद श्रीलंका पहुंचे हैं। मालदीव और श्रीलंका की उनकी यात्रा सागर (एसएजीएआर….क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और वृद्धि) के सिद्धांत के लिए भारत की प्राथमिकता को दर्शाती है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत और श्रीलंका के बीच द्विपक्षीय संबंध नई ऊंचाईयों तक पहुंचे हैं चाहे वह सुरक्षा में सहयोग का हो या व्यापार या सांस्कृतिक संबंधों में हों।
राष्ट्रपति सिरिसेना पिछले महीने मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे।
मोदी इससे पहले मार्च 2015 और मई 2017 में श्रीलंका का दौरा कर चुके हैं।
नरेन्द्र मोदी भारत पहुंचें:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मालदीव और श्रीलंका के अपने दो दिवसीय विदेश दौरे के बाद रविवार को भारत रवाना हो गये। इस दौरान उन्होंने दाेनों देशों के प्रमखों से आतंकवाद से निपटने के लिए वैश्विक सम्मेलन बुलाने तथा केंद्रित कार्रवाई करने का आह्वान किया।
श्री मोदी लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को भारी बहुमत मिलने के बाद अपने पहले विदेश दौरे के तौर पर मालदीव तथा श्रीलंका आए हुए थे।
उन्होंने मालदीव तथा श्रीलंका के दौरे के दौरान आतंकवाद से निपटने के लिए एक वैश्विक सम्मेलन आयोजित करने तथा केंद्रित कार्रवाई करने का आह्वान किया।
गौरतलब है श्री मोदी ने अपने पहले विदेश दौरे के तौर पर दो पड़ोसी मुल्कों का चयन किया है और इससे पता चलता है कि भारत सरकार अपने पड़ोसी देशों की सुरक्षा तथा विकास को कितना महत्व देती है।
श्री मोदी ने अपने संक्षिप्त श्रीलंका दौरे के दौरान श्रीलंकाई राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना, विपक्ष के नेता महिन्द्रा राजपक्षे तथा तमिल नेशनल एलायंस के नेताओं से मुलाकात की और आतंकवाद के मसले पर चर्चा की।
श्री मोदी श्रीलंका में गत अप्रैल में ईस्टर के मौके पर हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के बाद यहां पहुंचने वाले पहले विदेशी नेता है।
भारतीय समुदाय को किया संबोधित:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में फैले प्रवासी भारतीयों ने भारत की छवि को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और किसी भी देश के लोगों को भारतीय समुदाय से कोई शिकायत नहीं है।
श्री मोदी ने आज यहां श्रीलंका यात्रा के दौरान भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि वह पिछले पांच साल में दुनिया के कई देशो में गए और कई लोगों से उनकी मुलाकात हुयी लेकिन किसी ने भी वहां भारतीय समुदाय के बारे में कोई शिकायत नहीं की। उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया में प्रवासी भारतीयों ने अपने आचार, व्यवहार और विचार से भारत की उत्तम छवि बनाई है और गौरव बढ़ाया है तथा वहां के महानुभावों ने भारतीय समुदाय के योगदान का गौरवपूर्ण बखान किया जिससे हमारा मान बढ़ा है।
श्री मोदी ने कहा कि भारत को देखने के प्रति लोगों और वहां की सरकारों का नजरिया बदला है। उन्होंने यह भी कहा कि वहां की वर्तमान सरकार और वहां के प्रवासी भारतीयों के बीच ऐसा वैचारिक धरातल तैयार हुआ है और दोनों की मानसिकता का ऐसा ताल मेल हुआ है कि उस देश का प्रधानमंत्री जो सोचता होगा ,वही सुदूर बैठा भारतीय भी सोचता है और यह हमारी सबसे बढ़ी ताकत है।
उन्होंने हाल ही में सम्पन हुए 17वीं लोकसभा चुनावों की चर्चा करते हुए कहा कि देश की जनता ने स्पष्ट जनादेश दिया है जो भारतीय मतदाता की सूझबूझ का परिचायक है। दुनिया के लिए यह एक अध्ययन का विषय है। लोग भले ही कहे कि भारत में शिक्षा इतनी नहीं है लेकिन जनता की लोकतंत्र के प्रति समझ प्रतिबद्ध है तथा देश के प्रति जिम्मेदारी का भाव है इसलिए हम भारत के लोकतंत्र का जितना गुणगान करे उतना कम है।
श्री मोदी ने कहा कि चीन के बाद भारत दुनिया का सबसे विशाल देश है और यहां 90 करोड़ मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर यह जनादेश दिया है जिस पर दुनिया को भी आश्चर्य होता है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आजादी के बाद सबसे ज्यादा मतदाताओं ने न केवल मतदान किया बल्कि सबसे अधिक महिला मतदाताओं ने भी मतदान किया और 70 साल में पहली बार इतनी तादाद में लोकसभा में महिला चुन कर आयी और वो भी मई महीने में जब पारा 40-45 डिग्री होता है।
श्री मोदी ने यह भी कहा कि भारत ने दुनिया के सामने यह सन्देश दिया है कि यहां का लोकतंत्र कितना सामर्थ्यवान है और प्रतिबद्ध है और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए भारत कितना समर्पित है। उन्होंने कहा कि भारत में लोकतंत्र एक संस्कार है कोई व्यवस्था नहीं है और यह दुनिया समझ नहीं पाती है। भारत संस्कारों से ही लोकतंत्र से जुड़ा हुआ है तथा हमारा लोकतंत्र नित नयी ताकत हासिल करते हुए आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि अगले पांच वर्षों में हमें और विकास करना है तथा हर नागरिक के सपने को पूरा करना है। हमें देश को आगे ले जाना है तथा नए क्षेत्रों में भी आगे बढ़ना है। उन्होंने भारत की विकास यात्रा में प्रवासियों के सहयोग की अपील भी की।
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