सिंगापुर, एक जून । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली एच. लूंग द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने पर सहमत हुये हैं। इसके साथ ही उन्होंने हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में शांतिपूर्ण, मुक्त तथा दोस्ताना नौवहन वातावरण बनाने की वकालत करते हुए रक्षा सहयोग बढाने पर जोर दिया।
दोनों नेताओं की उपस्थिति में दोनों देशों के बीच लोक सेवा अधिकारियों के प्रशिक्षण, साइबर सुरक्षा, मादक पदार्थ नियंत्रण और दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच एक दूसरे के साजो-सामान और सुविधाओं में सहयोग सहित कई क्षेत्रों में सहमति ज्ञापनों का आदान प्रदान किया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और सिंगापुर की रणनीतिक साझेदारी समय की कसौटी पर खरी उतरी है।
ली के साथ विस्तृत चर्चा के बाद जारी एक संयुक्त बयान में मोदी ने कहा, ‘‘हमने विस्तृत आर्थिक सहयोग समझौते की दूसरी समीक्षा सफलतापूर्वक पूरी कर ली है, हालांकि हमारे बीच यह सहमति बनी है कि यह सिर्फ हमारा लक्ष्य ही नही बल्कि इसके जरिये हमें नई सफलताओं को हासिल करना है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे अधिकारी जल्दी ही इस समझौते को बेहतर बनाने और समीक्षा करने पर चर्चा शुरू करेंगे।’’
उन्होंने दोनों देशों के बीच करीबी रक्षा सहयोग की तारीफ की और दोनो देशों की नौसेनाओं के बीच लाजिस्टिक समझौते का उन्होंने स्वागत किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘आने वाले वक्त में साइबर अपराधों, चरमपंथ और आतंकवाद से निपटना हमारे सहयोग में महत्वपूर्ण होगा।’’
मोदी और ली ने क्षेत्रीय तथा वैश्विक चुनौतियों पर विचारों का आदान-प्रदान किया, समुद्री सुरक्षा पर अपना रूख दोहराया और नियम आधारित वैश्विक व्यवस्था के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जतायी। दोनों नेताओं के बीच मुक्त, स्थिर और स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय व्यापार माहौल बनाए रखने पर सहमति बनी।
मोदी ने कहा, ‘‘हम हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में शांतिपूर्ण, मुक्त और मित्रवत समुद्री परिवेश बनाने पर सहमत हुए।’’
वहीं प्रधानमंत्री ली ने कहा कि द्विपक्षीय रक्षा संबंध और मजबूत हुए हैं।
ली ने कहा, ‘‘हमारा रक्षा संबंध मजबूत हुये है, हमारी नौसेनाओं के बीच लाजिस्टिक क्षेत्र में सहयोग पर आज समझौता हुआ और इस वर्ष सिंगापुर-भारत द्विपक्षीय नौवहन अभ्यास की 25वीं वर्षगांठ भी मनाएंगे।’’
मोदी का कहना है कि सिंगापुर हमेशा से भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और अन्य देशों में निवेश का स्रोत रहा है। यह भारतीयों के लिए भी पसंदीदा निवेश स्थान रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इस बात की खुशी है कि भारतीय कंपनियां न सिर्फ इस देश में बल्कि पूरे आसियान क्षेत्र में निवेश के लिए सिंगापुर को माध्यम बनाया है। सिंगापुर की कंपनियों के लिए भारत के विकसित होने के साथ ही अवसर बढ़ेंगे।’’
कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) के साथ कल हुई बैठक को याद करते हुए मोदी ने कहा कि उन्हें इसकी खुशी है कि कई महत्वपूर्ण कंपनियों के सीईओ भारत में अपना विश्वास जता रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत और सिंगापुर के बीच हवाई यातायात तेजी से बढ रहा है और दोनों देश जल्दी ही नये ‘हवाई सेवा समझौता’ करेंगे।
उन्होंने कहा कि सिंगापुर में कल रुपे, भीम और यूपीआई आधारित एप का अंतरराष्ट्रीय लांच डिजिटल इंडिया कदम और दोनों पक्षों की साझेदारी मे नयी ऊर्जा को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री ली ने कहा कि भारतीय पर्यटक अब चांगी हवाईअड्डा और देश के चुनिंदा ऑपरेटर्स के पास अपने रुपे कार्ड से ई-पेंमेंट कर सकेंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने इससे पहले ट्वीट कर कहा, ‘‘हमारी एक्ट ईस्ट नीति में महत्वपूर्ण साझेदार। प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री ली ने प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता की।’’
उन्होंने लिखा था, ‘‘चर्चा मुख्य रूप से हमारे द्विपक्षीय संबंधों, खास तौर से व्यापार और निवेश, संपर्क साधन बढाने, नवोन्मेष, तकनीकी और रणनीतिक मुद्दों पर हुई।’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिंगापुर की तीन दिवसीय यात्रा पर कल यहां पहुंचे। इस दौरान उन्होंने सिंगापुर की राष्ट्रपति हलीमा याकूब से भी मुलाकात की। सिंगापुर के इस्ताना (राष्ट्रपति का सरकारी आवास) पहुंचने पर मोदी का रस्मी स्वागत किया गया।
कुमार ने ट्वीट किया है, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सिंगापुर के इस्ताना प्रेसिडेंशियल पैलेस में रस्मी स्वागत किया गया। सदी पुराने इस संबंध को नवोन्मेष और तकनीकी के क्षेत्र में साझेदारी से नयी ऊर्जा मिल रही है।’’ पैलेस में मोदी को सलामी गारद दी गयी।
मोदी और याकूब के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने और सरकार के महत्वाकांक्षी कदमों के क्षेत्र में सहयोग के अवसर तलाशने पर बातचीत हुई।attacknews.in