व्लादिवोस्तोक/नयी दिल्ली, तीन सितंबर । व्लादिमीर पुतिन के साथ अपनी शिखर वार्ता की पूर्व संध्या पर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति के साथ उनका एक खास तालमेल है। साथ ही, वह प्रौद्योगिकी हस्तांतरण चाहते हैं ताकि दोनों देश अन्य देशों को सस्ती दरों पर निर्यात करने के लिए सैन्य उपकरण बना सकें।
रूस के सुदूर पूर्व शहर व्लादिवोस्तोक का दौरा करने वाले मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं। वह रूसी बंदरगाह शहर के लिए अपनी रवानागी से पहले बुधवार को राष्ट्रपति पुतिन के साथ व्यापक वार्ता करने वाले हैं।
मोदी ने रूस की सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ को दिये एक इंटरव्यू में कहा, ‘‘मैं आश्वस्त हूं कि यह यात्रा नये रास्ते पर ले जाएगी, नयी ऊर्जा देगी और हमारे देशों के बीच संबंधों को नयी गति प्रदान करेगी।’’
तास की एक खबर में कहा गया है कि पूर्वी आर्थिक मंच (ईईएफ) से इतर होने वाले 20 वें रूस-भारत शिखर बैठक के दायरे में दोनों देश करीब 15 दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने वाले हैं, जिनमें कुछ सैन्य-प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में भी होंगे।
प्रधानमंत्री 2019 ईईएफ में बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हम इसके(इस मंच) लिए छह महीनों से तैयारी कर रहे हैं।’’
मोदी ने कहा कि रूस-भारत साझेदारी सैन्य एवं प्रौद्योगिकी सहयोग के दायरे से आगे तक हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हम करीबी मित्र हैं। और करीबी मित्र होने के नाते हमें यह सोचना चाहिए कि हम भविष्य में साथ मिल कर क्या कर सकते हैं।’’
मोदी ने कहा, ‘‘हम सैन्य प्रौद्योगिकियों के महज ग्राहक और विक्रेता के संबंधों तक सीमित नहीं रहना चाहते हैं। हम प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के प्रारूप के बारे में आश्वस्त हैं। मैंने इस बारे में कई बार कहा है और हमने इस दिशा में आगे बढ़ना शुरू कर दिया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज, प्रौद्योगिकी मुहैया होने से सैन्य उपकरणों का उत्पादन भारत में सस्ते में हो सकता है। और हम इन हथियारों को तीसरे देशों को बहुत कम कीमत में बेच सकते हैं। भारत और रूस को इस अवसर का लाभ उठाने की जरूरत है।’’
उन्होंने भारत की गगनयान परियोजना का भी जिक्र किया और कहा कि रूस, भारत के अंतरिक्षयात्रियों को प्रशिक्षित करने में मदद करेगा।
प्रधानमंत्री ने पुतिन के साथ अपने व्यक्तिगत संबंधों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उनके साथ उनका खास तालमेल है।
मोदी ने कहा, ‘‘हम बैठते हैं और बातें करते हैं, टहलते हैं और बातें करते हैं। हमारे संबंधों में एक खास तालमेल है, एक विशेष सहजता है। इस मंच के दौरान हमारे पास काफी समय होगा। मैं आशा करता हूं कि हम कई मुद्दों पर चर्चा कर पाएंगे।’’
उन्होंने कहा कि वह 2001 में पहली बार पुतिन से मिले थे। वह तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ मॉस्को आये थे। उस वक्त वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे।
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, पुतिन ने मुझे यह नहीं लगने दिया कि मैं कम महत्वपूर्ण हूं, यह कि मैं एक छोटे से राज्य से हूं या मैं नया हूं। उन्होंने मुझसे मित्र की तरह सौहार्द्रपूर्ण व्यवहार किया। इसने मित्रता के दरवाजे खोल दिये। हमने अपनी हॉबी, वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। वह बात करने के लिए बहुत दिलचस्प व्यक्ति हैं…।’’
इधर भारत से रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि वह पूर्वी आर्थिक मंच की बैठक में हिस्सा लेने के लिये अपनी व्लादिवोस्तोक यात्रा के दौरान रूसी राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन के साथ आपसी हितों से जुड़े क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा को लेकर आशान्वित हैं ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी यह यात्रा दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को विविधता प्रदान करने और रिश्तों को और मजबूत बनाने की इच्छा को प्रदर्शित करती है ।
मोदी की रूस के इस सुदूर पूर्वी क्षेत्र की यात्रा किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा है ।
प्रधानमंत्री ने बुधवार से शुरू होने वाली अपनी दो दिवसीय यात्रा पर रवाना होने से पहले अपने बयान में कहा, ‘‘ मैं अपने मित्र राष्ट्रपति पुतिन के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंधों तथा आपसी हितों से संबंधित क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों के सभी आयामों पर चर्चा को लेकर आशान्वित हूं । ’’
व्लादिवोस्तोक में मोदी 5वीं पूर्वी आर्थिक मंच की बैठक में राष्ट्रपति पुतिन के निमंत्रण पर मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लेंगे ।
प्रधानमंत्री मोदी व्लादिवोस्तोक में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ 20 वीं वार्षिक द्विपक्षीय शिखर बैठक करेंगे।
मोदी और पुतिन देश के एक प्रमुख पोत निर्माण यार्ड का भी संयुक्त दौरा करेंगे।
मोदी ने कहा, ‘‘ मैं पूर्वी आर्थिक मंच की बैठक में हिस्सा लेने वाले वैश्विक नेताओं के साथ बैठक तथा इसमें हिस्सा लेने वाले भारतीय उद्योगों एवं कारोबारी प्रतिनिधियों से चर्चा के लिए भी उत्सुक हूं । ’’
उन्होंने कहा कि यह मंच रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र में कारोबार एवं निवेश अवसरों के विकास पर जोर देने तथा इस क्षेत्र में भारत और रूस के बीच साझा लाभ के लिये सहयोग बढ़ाने का व्यापक अवसर प्रदान करता है ।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ हम दोनों देशों के बीच शानदार संबंध हैं जो हमारे विशेष एवं विशिष्ट सामरिक संबंधों से जुड़े मजबूत आधार पर हैं । दोनों देशों के बीच रक्षा, असैन्य परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग जैसे सामरिक क्षेत्रों में व्यापक सहयोग हैं । हमारे बीच कारोबार एवं निवेश के क्षेत्र में गहरे संबंध है।’’
मोदी ने कहा कि हमारी मजबूत साझेदारी एक बहु ध्रवीय विश्व बनाने की इच्छा से पूरित है और दोनों देश इसे हासिल करने में सहयोग दे रहे हैं।
मोदी ने कई ट्वीट करके कहा कि सांस्कृतिक सहयोग बढ़ाने के प्रयासों के तहत महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर एक विशेष टिकट जारी किया जाएगा।
उन्होंने कहा,‘‘योग को लोकप्रिय बनाने के लिए एक नवोन्मेशी ऐप की शुरुआत की जाएगी। मैं उम्मीद करता हूं कि बड़ी संख्या में रूसी भाई एवं बहनें योग को अपनी दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा बनाएंगे।’’
अपनी यात्रा में मोदी ज्वेज्दा पोत निर्माण परिसर भी जाएंगे
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