रांची, 12 सितंबर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को यहां कहा कि उनकी सरकार ने पहले सौ दिनों में आतंकवाद एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने, मुस्लिम बहनों के हितों की रक्षा तथा जम्मू कश्मीर को विकास की उंचाई पर ले जाने के लिये कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि ‘इन सभी मामलों में देश ने अभी उनकी सरकार का बस ट्रेलर देखा है, पूरी फिल्म तो अभी बाकी है।’
प्रधानमंत्री मोदी ने आज यहां रांची की अपनी एकदिवसीय यात्रा के दौरान झारखंड के नव निर्मित विधानसभा भवन का उद्घाटन करने समेत कई योजनाओं का शुभारंभ करते हुए हुए यह बात कही।
इस दौरान उन्होंने पूरे देश को किसानों के लिए पेंशन की प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना, व्यवसाइयों के लिए पेंशन की खुदरा व्यापारिक एवं स्वरोजगार पेंशन योजना एवं आदिवासी छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए एकलव्य मॉडल विद्यालय का भी शुभारंभ किया।
मोदी ने कहा, ‘‘आतंकवाद एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने का हमारा संकल्प है।’’
उन्होंने कहा इसी उद्देश्य से जम्मू कश्मीर में उनकी सरकार ने अनुच्छेद 370 एवं 35ए जैसे प्रावधानों को खत्म करने का काम किया है। आतंकवाद के खिलाफ कानून को संसद के पहले सत्र में ही सख्त बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख को विकास की उंचाई पर ले जाना चाहती है और इन कदमों के साथ इसकी शुरूआत कर दी गयी है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के अनेक वर्ग विकास की धारा से कटे हुए थे। उन्हें 370 जैसे प्रावधान हटाये जाने से विकास की मुख्या धारा में लाया जा सकेगा और पूरे राज्य का तेजी से विकास किया जा सकेगा।
मोदी ने भ्रष्टाचार के मामलों में हाल में पूर्व गृह एवं वित मंत्री पी चिदंबरम पर हुई कानूनी कार्रवाई की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘उनकी सरकार ने दूसरी पारी प्रारंभ करते ही भ्रष्टाचार के खिलाफ भी निर्णायक लड़ाई छेड़ दी है। भ्रष्टाचार में शामिल लोगों को उनकी सही जगह पहुंचाने का काम तेजी से चल रहा है। कुछ लोग अपने उचित जगह पहुंच भी गये हैं।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमारी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की प्रतिबद्धता अटल है। कुछ लोगों ने इस देश में अपने आप को कानून और अदालतों से भी ऊपर समझ लिया था। आज वही लोग अदालतों से जमानत की गुहार लगा रहे हैं।’’
उन्होंने अन्य भ्रष्टाचारियों पर भी शीघ्र कानून का शिकंजा कसने की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘अभी तो सिर्फ शुरूआत हुई है, अभी बहुत काम बाकी है।’’
उन्होंने तीन तलाक जैसी प्रथा से मुस्लिम महिलाओं के हितों की रक्षा के लिए संसद के पहले ही सत्र में कानून पारित किये जाने की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा, ‘‘मेरी सरकार ने पहले सौ दिनों में ही मुस्लिम बहनों के हितों की रक्षा के लिए यह बड़ा कदम उठाया जबकि प्रमुख विपक्षी दलों ने सरकार का साथ नहीं दिया।’’
प्रधानमंत्री ने झारखण्ड विधानसभा के नये भवन के उद्घाटन के बाद साहेबगंज में मल्टी मोडल बंदरगाह का उद्घाटन किया और कहा कि यह झारखंड ही नहीं देश के विकास में बहुत महत्वपूर्ण होगा।
उन्होंने कहा कि आज देश जितनी तेजी से चल रहा है, हर क्षेत्र में विकास कर रहा है उतनी गति से इतिहास में देश कभी नहीं चला था।
मोदी ने कहा कि देश हर क्षेत्र में विकास कर रहा है और गरीबों और किसानेां की कल्याण योजनाएं तेजी से लागू की जा रही हैं। इससे पूर्व प्रधानमंत्री ने 1238 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले झारखण्ड सचिवालय के नए भवन का भी शिलान्यास किया।
मोदी ने अप्रैल 2017 में साहिबगंज मल्टी-मोडल टर्मिनल की आधारशिला रखी थी, जिसका निर्माण लगभग दो वर्षों की रिकॉर्ड अवधि में 290 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है। यह जल मार्ग विकास परियोजना (जेएमवीपी) के तहत गंगा नदी पर बनाए जा रहे तीन मल्टी-मोडल टर्मिनलों में से दूसरा टर्मिनल है। इससे पहले नवम्बर, 2018 में प्रधानमंत्री ने वाराणसी में पहले मल्टी-मोडल टर्मिनल (एमएमटी) का उद्घाटन किया था।
साहिबगंज स्थित मल्टी-मोडल टर्मिनल झारखंड एवं बिहार के उद्योगों को वैश्विक बाजार के लिए खोलेगा और इसके साथ ही जलमार्ग के जरिए भारत-नेपाल कार्गो कनेक्टिविटी सुलभ कराएगा। यह राजमहल क्षेत्र स्थित स्थानीय खदानों से विभिन्न ताप विद्युत संयंत्रों को घरेलू कोयले की ढुलाई करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस टर्मिनल के जरिए कोयले के अलावा स्टोन चिप्स, उर्वरकों, सीमेंट और चीनी की भी ढुलाई किए जाने की आशा है।
मोदी ने कहा कि मल्टी-मोडल टर्मिनल से इस क्षेत्र में लगभग 600 लोगों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार और तकरीबन 3000 लोगों के लिए अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की आशा है। नये मल्टी-मोडल टर्मिनल के जरिए साहिबगंज में सड़क-रेल-नदी परिवहन के संयोजन से अंदरूनी इलाकों का यह हिस्सा कोलकाता एवं हल्दिया और उससे भी आगे बंगाल की खाड़ी से जुड़ जाएगा। इसके अलावा साहिबगंज नदी-समुद्र रूट से बांग्लादेश होते हुए पूर्वोत्तर राज्यों से भी यह जुड़ जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों के जीवन में सामाजिक सुरक्षा कवच उपलब्ध कराने के लिए मासिक पेंशन के रूप में प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना लागू की जा रही है। इस योजना के तहत 18 से 40 वर्ष के उम्र के किसानों का रजिस्ट्रेशन हो सकेगा। किसानों को 60 साल की उम्र पूरी होने के बाद 3000 रुपए का मासिक पेंशन मिलेगा।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना के लिए झारखंड में एक लाख नौ हजार से अधिक किसानों का पंजीकरण हो चुका है।
प्रधानमंत्री ने यहां से देश के खुदरा व्यापारिक दुकानदार एवं स्वरोजगार पेंशन योजना की भी शुरुआत की। उन्होंने कहा कि भारत की आजादी के बाद पहली बार किसी सरकार ने देश के खुदरा व्यापार करने वाले दुकानदार, स्वरोजगार करने वाले को पेंशन की योजना से जोड़ने की पहल की है।
इसके तहत 18 से 40 वर्ष के खुदरा व्यापारियों एवं दुकानदारों को भी 60 साल की उम्र पूरी होने के बाद 3000 रुपए प्रतिमाह पेंशन मिलेगा। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने इस मौके पर देश के जनजातीय क्षेत्रों में 462 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय का आनलाइन शुभारंभ किया जिनमें से 69 का उन्होंने झारखंड में आनलाइन शिलान्यास भी आज किया।
उन्होंने कहा कि इन विद्यालयों में केन्द्र सरकार प्रति छात्र प्रति वर्ष एक लाख रुपये व्यय करेगी जिससे आदिवासी छात्रों का संपूर्ण विकास हो सके और वह देश के विकास में सहभागी बन सकें। यह 69 विद्यालय झारखंड के 13 जिलों में खोले जा रहे है।
इससे पूर्व जनजातीय मामलों के केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को शहरों की तरह ही गांव में ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले इसीलिए एकलव्य विद्यालय खोले जा रहे हैं। जनजातीय क्षेत्रों का विकास सरकार की विशेष प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री सुबह विशेष विमान से साढ़े ग्यारह बजे रांची पहुंचे और दोपहर तीन बजे वह वापस लौट गये।