अहमदाबाद/भावनगर , 19 मई ।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवात ‘‘ताउते’’ से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए बुधवार को गुजरात और केंद्र शासित क्षेत्र दीव के प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। मोदी ने 1000 करोड़ रुपए की फ़ौरी सहायता की घोषणा की।
मोदी चक्रवात से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए एक दिवसीय गुजरात दौर पर आज भावनगर पहुंचे जहां मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने उनका स्वागत किया।
एक अधिकारी ने बताया कि मोदी हेलीकॉप्टर पर सवार होकर प्रभावित क्षेत्रों के हवाई सर्वेक्षण के लिए निकले।
रूपाणी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भावनगर पहुंच गए हैं। वह चक्रवात ताउते से प्रभावित अमरेली, गिर सोमनाथ और भावनगर जिलों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे।’’
चक्रवात के कारण गिर सोमनाथ जिले के दीव और उना शहर के बीच सोमवार को जल भराव की स्थिति बन गई थी और इससे संपत्ति को भी खासा नुकसान पहुंचा है। क्षेत्र में पेड़ भी बड़ी संख्या में गिर गए हैं।
प्रभावित इलाकों का मुआयना करने के बाद प्रधानमंत्री ने अहमदाबाद में एक बैठक भी की जिसमें मुख्यमंत्री के अलावा उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
गुजरात में चक्रवाती तूफान के कारण तटीय इलाकों में भारी नुकसान हुआ, बिजली के खंभे तथा पेड़ उखड़ गए तथा कई घरों व सड़कों को भी नुकसान पहुंचा। इस दौरान हुई घटनाओं में करीब 13 लोगों की मौत भी हुई है।
चक्रवाती तूफान के कारण 200 से अधिक तालुकाओं में बारिश हुई। एहतियाती तौर पर राज्य सरकार ने पहले ही दो लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया था।
मौसम विभाग ने कहा कि ताउते गुजरात के तट से “बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान” के तौर पर आधी रात के करीब गुजरा और धीरे-धीरे कमजोर होकर “गंभीर चक्रवाती तूफान” तथा बाद में और कमजोर होकर अब “चक्रवाती तूफान” में बदल गया है।
रुपाणी ने मंगलवार को कहा था कि 16000 से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचा, 40 हजार से ज्यादा पेड़ और 70 हजार से ज्यादा बिजली के खंभे उखड़ गए जबकि 5951 गांवों में बिजली चली गई।
यह राज्य में आया, अब तक का सबसे भयावह चक्रवात बताया जा रहा है। ताउते के कारण सौराष्ट्र से लेकर उत्तरी गुजरात के तट तक भारी बारिश देखने को मिली। कम से कम 46 तालुका में 100 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हुई जबकि 12 में 150 से 175 मिलीमीटर तक बारिश दर्ज की गई।
चक्रवात ताउते दोपहर बाद अहमदाबाद जिले की सीमा से लगते हुए उत्तर की तरफ बढ़ गया । इससे पहले और इस दौरान भी यहां लगातार भारी बारिश हुई जिससे शहर के कई इलाकों में घुटनों तक पानी भर गया।
श्री मोदी ने गुजरात समेत अन्य प्रभावित राज्यों के मृतकों के लिए दो- दो लाख और गम्भीर घायलों के लिए 50-50 हज़ार रुपए की सहायता देने की भी घोषणा की।
श्री मोदी वायु सेना के विमान से भावनगर पहुंचे और वहां से हेलिकॉप्टर में बैठ कर हवाई निरीक्षण किया। उन्होंने सर्वाधिक प्रभावित जिलों अमरेली के जाफ़राबाद तालुक़ा, भावनगर के महुआ और गिर सोमनाथ के उना तथा दीव का हवाई दौरा किया।
उनके साथ मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी उपस्थित थे।
इसके बाद उन्होंने अहमदाबाद में मुख्यमंत्री रूपाणी और राज्य के वरिष्ठ सचिवों के साथ एक राहत और पुनर्वास कार्यों की समीक्षा बैठक भी की।
आधिकारिक सूचना के अनुसार उन्होंने गुजरात में राहत कार्यों के लिए तत्काल 1000 करोड़ रुपए की केंद्रीय वित्तीय सहायता की घोषणा की। केंद्र सरकार नुक़सान का और व्यापक जायज़ा लेने के लिए एक मंत्रियों की एक टीम को भी राज्य में भेजेगी और उसे बाद और सहायता दी जाएगी।
श्री मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार इस मुश्किल समय में राज्य सरकार के साथ नज़दीकी के साथ काम करेगी और प्रभावित क्षेत्रों में आधारभूत संरचनाओं के पुनर्निर्माण और फिर से बहाली के लिए हर सम्भव सहायता देगी। अपने इस दौरे के दौरान उन्होंने राज्य में कोरोना की स्थिति का भी जानकारी ली और इससे बचाव के उपायों को लागू करने पर भी ज़ोर दिया।
प्रधानमंत्री ने देश के विभिन्न भागों में इस तूफ़ान के कारण जान गंवाने वालों के लिए गहरे दुःख का इजहार किया और इनमे से प्रत्येक के निकटतम सम्बंधी को 2-2 लाख रुपए और गम्भीर रूप से घायलों को 50 हज़ार रुपए की आर्थिक सहायता की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार अन्य प्रभावित राज्यों के साथ भी क़रीबी से काम कर रही है और जब ये राज्य नुक़सान सम्बंधी आंकलन देंगे तो उनके लिए भी तत्काल वित्तीय सहायता दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि हमें आपदा प्रबंधन संबंधी और अधिक वैज्ञानिक अध्ययनों पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखना होगा। उन्होंने ऐसी आपदाओं के दौरान अंतर राज्य समन्वय और प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को जल्दी से स्थानांतरित करने के लिए और अत्याधुनिक संचार तकनीकों के इस्तेमाल की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त मकानों और अन्य संपत्तियों के मरम्मत पर तत्काल ध्यान देने का आह्वान किया।
ज्ञातव्य है कि 17 मई की रात गुजरात के गिर सोमनाथ ज़िले में तट से टकराने के बाद कल देर रात तक राज्य में सक्रिय रहे इस तूफ़ान के असर से कम से कम 13 लोगों की मौत होने की पुष्टि राज्य सरकार ने अब तक की है। हालांकि अपुष्ट सूचनाओं के अनुसार यह संख्या 50 से भी अधिक बतायी जाती है। इससे फ़सलों, मकानों, सड़कों, बिजली के खंभों आदि को भी व्यापक नुक़सान पहुंचा है। इससे 80 हज़ार से अधिक पेड़ और 70 हज़ार बिजली के खंभे भी गिर गए थे। छह हज़ार से अधिक गावों में बिजली की आपूर्ति प्रभावित हुई थी। सौराष्ट्र क्षेत्र में कई पेट्रोल पम्प क्षतिग्रस्त हुए हैं। तेज़ बरसात से रेल पटरियों और सड़कों को भी नुक़सान पहुंचा है। कई रास्ते बंद थे। राज्य सरकार ने पहले ही कहा है कि नुक़सान का सर्वेक्षण आज से शुरू होगा और सभी प्रभावितों को नियमों के अनुरूप आर्थिक सहायता/मुआवज़ा दिया जाएगा।
तूफ़ान ताउ ते के असर से पिछले 24 घंटे में गुजरात के सभी 33 जिलों के कुल 251 में से 226 तालुक़ा में बरसात भी हुई है और इसमें सर्वाधिक 226 मिलीमीटर मध्यवर्ती खेड़ा ज़िले के नडियाद में दर्ज की गयी है। 24 तालुक़ा में 100 मिमी या अधिक, 86 तालुक़ा में 50 मिमी या अधिक और 139 में 25 मिमी या अधिक बरसात हुई है ।
चक्रवात के कारण गिर सोमनाथ जिले के दीव और उना शहर के बीच सोमवार को जल भराव की स्थिति बन गई थी और इससे संपत्ति को भी खासा नुकसान पहुंचा है। क्षेत्र में पेड़ भी बड़ी संख्या में गिर गए हैं।
गुजरात में चक्रवाती तूफान के कारण तटीय इलाकों में भारी नुकसान हुआ, बिजली के खंभे तथा पेड़ उखड़ गए तथा कई घरों व सड़कों को भी नुकसान पहुंचा। इस दौरान हुई घटनाओं में करीब 13 लोगों की मौत भी हुई है।
चक्रवाती तूफान के कारण 200 से अधिक तालुकाओं में बारिश हुई। एहतियाती तौर पर राज्य सरकार ने पहले ही दो लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया था।
मौसम विभाग ने कहा कि ताउते गुजरात के तट से “बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान” के तौर पर आधी रात के करीब गुजरा और धीरे-धीरे कमजोर होकर “गंभीर चक्रवाती तूफान” तथा बाद में और कमजोर होकर अब “चक्रवाती तूफान” में बदल गया है।
रुपाणी ने मंगलवार को कहा था कि 16000 से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचा, 40 हजार से ज्यादा पेड़ और 70 हजार से ज्यादा बिजली के खंभे उखड़ गए जबकि 5951 गांवों में बिजली चली गई।
यह राज्य में आया, अब तक का सबसे भयावह चक्रवात बताया जा रहा है। ताउते के कारण सौराष्ट्र से लेकर उत्तरी गुजरात के तट तक भारी बारिश देखने को मिली। कम से कम 46 तालुका में 100 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हुई जबकि 12 में 150 से 175 मिलीमीटर तक बारिश दर्ज की गई।
चक्रवात ताउते दोपहर बाद अहमदाबाद जिले की सीमा से लगते हुए उत्तर की तरफ बढ़ गया । इससे पहले और इस दौरान भी यहां लगातार भारी बारिश हुई जिससे शहर के कई इलाकों में घुटनों तक पानी भर गया।