नयी दिल्ली, 19 अगस्त। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से टेलीफोन पर वार्ता की जिस दौरान उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की भारत विरोधी बयानों का परोक्ष रूप से जिक्र किया एवं कहा कि भारत के खिलाफ हिंसा के लिए इस तरह भड़काना शांति के अनुकूल नहीं है।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए हटाये जाने के बाद भारत विरोधी माहौल तैयार करने की पाकिस्तान की कोशिशों के परिप्रेक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से टेलीफोन पर बात की और कहा कि “कुछ क्षेत्रीय नेताओं” की भारत के खिलाफ हिंसा भड़काने की कोशिश क्षेत्रीय शांति के लिए शुभ संकेत नहीं है।
श्री मोदी ने पाकिस्तानी नेताओं का नाम लिये बिना कहा कि “कुछ क्षेत्रीय नेता” लगातार भारत विरोधी राग अलाप रहे हैं और भारत के खिलाफ हिंसा का माहौल तैयार करने के लिए दूसरों को भड़का रहे हैं जो शांति के लिए अच्छा नहीं है। उन्होंने आतंक और हिंसा से मुक्त वातावरण तैयार करने तथा सीमा पार आतंकवाद को समाप्त करने पर जोर दिया।
करीब 30 मिनट तक हुई इस बातचीत में दोनों नेताओं ने कई द्विपक्षीय तथा अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर बात की।
अफगानिस्तान की स्वतंत्रता के आज सौ साल पूरे होने का उल्लेख करते हुये श्री मोदी ने सही मायने में अखंड, सुरक्षित, लोकतांत्रिक और स्वतंत्र अफगानिस्तान के लिए भारत की प्रतिबद्धता दुहराई।
श्री मोदी ने दोनों नेताओं के बीच इस साल जून के अंत में ओसाका में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई मुलाकात को याद किया। उन्होंने श्री ट्रंप के साथ नियमित संपर्क रहने का भी उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि भारत के वाणिज्य मंत्री और उनके अमेरिकी समकक्ष के बीच द्विपक्षीय व्यापार के मुद्दों पर चर्चा के लिए जल्द से जल्द बैठक होगी जिससे दोनों देशों को लाभ होगा
प्रधानमंत्री कार्यालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार मोदी और ट्रंप के बीच 30 मिनट तक बातचीत चली जिस दौरान दोनों ने द्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की। यह बातचीत ‘‘गर्मजोशी भरी और सौहार्दपूर्ण’’ तरीके से हुई जो दोनों नेताओं के बीच संबंधों को बताता है।
विज्ञप्ति के अनुसार क्षेत्रीय स्थिति के संदर्भ में मोदी ने कहा कि इस क्षेत्र में कुछ नेताओं द्वारा भारत के विरूद्ध हिंसा के लिए भड़काना और बयानबाजी करना शांति के अनुकूल नहीं है।
मोदी ने आतंकवाद एवं हिंसा मुक्त माहौल बनाने और सीमापार से आतंकवाद पर रोक लगाने के महत्व को रेखांकित किया।
विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘ प्रधानमंत्री ने गरीबी, निरक्षरता एवं रोग के खिलाफ इस संघर्ष में साथ देने वाले किसी भी देश के साथ सहयोग करने के भारत के संकल्प को दोहराया।’’