लखनऊ/भोपाल ,22 मार्च । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश को केन-बेतवा नदियों से जोड़ने के लिए करार पत्र पर हस्ताक्षर किये।
आज विश्व जल दिवस के अवसर पर किया गया यह त्रिस्तरीय समझौता अत्यन्त महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक करार है,जो पूरे बुन्देलखण्ड के सुनहरे भविष्य की भाग्य रेखा साबित होगा। इस परियोजना से जहां बेहतर जल प्रबन्धन सम्भव हो सकेगा, वहीं दूसरी तरफ बुन्देलखण्ड के लोगों को जल की उपलब्धता भी सुनिश्चित हो सकेगी। यह इस क्षेत्र की प्रगति का कारक भी बनेगा।
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की नदी जोड़ो परियोजना अब मूर्तरूप ले रही है। यह एक क्रान्तिकारी कदम है, जिससे इस क्षेत्र की जनता लम्बे समय तक लाभान्वित होगी। उन्होंने बुन्देलखण्ड के लोगों से इस योजना को शीघ्रातिशीघ्र पूरा करने के लिए पूरा सहयोग देने की अपील की।
केन-बेतवा के मिलन से बुझेगी बुंदेलखंड की प्यास: मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि केन बेतवा लिंक परियोजना बुंदेलखंड के लिये सुनहरे भविष्य की भाग्य रेखा है। जल प्रबंधन के इस प्रयास से पथरीले इलाके की प्यास भी बुझेगी और प्रगति के द्वार भी खुलेंगे।
विश्व जल दिवस के मौके पर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने करार पत्र पर हस्ताक्षर कर परियोजना को औपचारिक स्वीकृति दी।
इस अवसर पर श्री मोदी ने कहा कि समझौता पत्र पर हस्ताक्षर, महज एक कागज पर दस्तखत भर नहीं है, बल्कि यह समूचे बुंदेलखंड के सुनहरे भविष्य की भाग्य रेखा है। जल प्रबंधन के इस प्रयास से बुंदेलखंड की प्यास भी बुझेगी और प्रगति भी होगी। केन-बेतवा लिंक परियोजना से शुरू हो रहा नदी जोड़ो अभियान देश में नदी जल प्रबंधन की दिशा में एक क्रांति है, इसका लाभ पीढ़ियों तक मिलता रहेगा। उन्होने इस योजना को शीघ्रता से पूरा करने के लिए बुंदेलखंड वासियों से यथासंभव हर सहयोग करने के लिए प्रेरित भी किया।
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस परियोजना के जरिये पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की ‘नदी जोड़ो परियोजना’ की संकल्पना साकार होने जा रही है। राष्ट्रीय महत्व की इस योजना की शुरुआत उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की केन-बेतवा नदियों को जोड़ने के साथ हो रहा है। इस समझौते से उत्तर प्रदेश में बुन्देलखण्ड क्षेत्र के बाँदा, झाँसी, महोबा, ललितपुर एवं हमीरपुर में कुल 2.51 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई व्यवस्था उपलब्ध एवं सुदृढ़ होगी, साथ ही, झाँसी, महोबा, ललितपुर एवं हमीरपुर में पेयजल के लिये 21 लाख जनसंख्या को 67 मिलियन क्यूबिक मीटर जल उपलब्ध कराया जा सकेगा।
इस परियोजना के अन्तर्गत मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में केन नदी पर दौधन बांध बनाया जायेगा , जिससे 221 किलोमीटर लम्बी लिंक चैनल निकाली जाएगी, जो कि झांसी के निकट बरुआ में बेतवा नदी को जल उपलब्ध कराएगी। केन-बेतवा लिंक नहर पर उत्तर प्रदेश की जरूरत के अनुसार आउटलेट प्रदान करते हुए महोबा, हमीरपुर एवं झांसी जिलों में वर्षाकाल में जल उपलब्ध कराते हुए इन जिलों में पूर्व में बने बांध, जो विगत कई वर्षों से भरे नही जा सके हैं, को भी जल उपलब्ध कराया जाएगा। श्री योगी ने इस परियोजना को बुन्देलखण्ड के सर्वांगीण विकास में स्वर्णिम अध्याय कहा है।
केन-बेतवा लिंक परियोजना ने अटल के सपने को साकार किया: शिवराज सिंह चौहान
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केन-बेतवा लिंक परियोजना समझौते पर हुए हस्ताक्षर को लेकर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए कहा कि इस परियोजना के माध्यम से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सपने को साकार किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान कार्यक्रम में मंत्रालय, भोपाल से वर्चुअली शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना के लिए केन्द्र सरकार, उत्तरप्रदेश तथा मध्यप्रदेश के बीच हुए त्रि-पक्षीय अनुबंध पर हस्ताक्षर किये।
श्री चौहान ने कहा कि आज का दिन मध्यप्रदेश और विशेषकर बुंदेलखण्ड के लिए एक सपने के साकार होने के समान है। पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई ने देश की नदियों को जोड़ने का एक दूरदर्शी सपना देखा। जिन नदी घाटियों में अधिक पानी है उन्हें यदि ऐसी नदी घाटियों में ले जाया जाये जहाँ पानी कम है, तो पानी व्यर्थ नहीं जायेगा और इसे सिंचाई तथा पेयजल के काम में लिया जा सकेगा। इस दूरदर्शी सपने को हमारे यश्स्वी और युगदृष्टा प्रधानमंत्री श्री मोदी ने साकार करके दिखाया है। नदी जोड़ो परियोजना सहकारी संघवाद के सबसे अच्छे उदाहरणों में से एक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना से मध्यप्रदेश के बुंदेलखण्ड क्षेत्र के नौ जिलों में 8 लाख 11 हजार हेक्टयर असिंचित क्षेत्र में सिंचाई का लाभ मिलेगा। लगभग 41 लाख लोगों को पेयजल की सुगम उपलब्धता होगी। इस परियोजना में पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती का योगदान विशेष उल्लेखनीय है। वर्ष 2017-18 के अनुमान के अनुसार परियोजना की लागत लगभग 35 हजार 111 करोड़ रूपये थी, जिसका वर्तमान मूल्य कहीं अधिक है। कुल लागत का 90 प्रतिशत केन्द्र सरकार द्वारा वहन किया जायेगा। मात्र दस प्रतिशत राज्यों को व्यय करना है। यह परियोजना बुंदेलखण्ड में जन क्रांति लायेगी। बुंदेलखण्ड की धरती अत्यंत उपजाऊ है, जो जल के अभाव में सूखे का शिकार होती रही। यह पानी बुंदेलखण्ड की जनता की तकदीर और तस्वीर बदल देगा। यह परियोजना बुंदेलखण्ड की जीवन-रेखा बनेगी। छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, सागर, दमोह, विदिशा, शिवपुरी और रायसेन जिले के लोगों के जीवन स्तर में समृद्धि और खुशहाली लेकर आयेगी।
श्री चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार मानते हुए कहा कि उनके विजन और मिशन के परिणामस्वरूप ही परियोजना पूर्णता की ओर बढ़ रही है। उन्होंने केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत का आभार माना तथा उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ को अनुबंध के लिए बधाई दी।
केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि देश में नदियों को आपस में जोड़ने के 30 लिंक चिंहित किये गये हैं। इनमें सर्वप्रथम केन-बेतवा लिंक का क्रियान्वयन आरंभ हो रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कैच द रेन व्हेयर इट फाल्स एण्ड व्हेन इट फाल्स का मंत्र दिया है। इस मंत्र के पालन में जन-सहभागिता से देश में जल क्रांति का सूत्रपात होगा।
मंत्रालय से वीडियो कॉन्फ्रेंस में जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, कृषि उत्पादन आयुक्त के.के.सिंह, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास मनोज श्रीवास्तव अपर मुख्य सचिव जल संसाधन श्री एस.एन. मिश्रा उपस्थित रहे।