नयी दिल्ली, 21 दिसम्बर ।नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर देश के कई हिस्सों में मचे बवाल के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज यहां केन्द्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक में सभी मंत्रालयों के पिछले छह महीने के कामकाज की समीक्षा की और सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं के क्रियान्वयन पर व्यापक विचार विमर्श किया।
सरकार में वापसी के बाद श्री मोदी ने दूसरी बार इस स्तर पर मंत्रिपरिषद की व्यापक बैठक की है। इससे पहले उन्होंने दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद 13 जून को मंत्रिपरिषद की बैठक की थी। श्री मोदी ने सभी मंत्रियों से भविष्य की योजनाओं और वर्ष 2022 तथा 2024 के लिए विजन दस्तावेज तैयार करने को कहा था।
प्रवासी भारतीय केन्द्र में सुबह साढे दस बजे शुरू होकर दिन भर चली बैठक में मंत्रियों के साथ साथ भाजपा के कुछ शीर्ष पदाधिकारियों ने भी हिस्सा लिया। इससे पहले सप्ताह के शुरू में विभिन्न मंत्रालयों से कामकाज संबंधी रिपोर्ट कार्ड मांगे थे।
बैठक में विभिन्न मंत्रालयों की ओर से अलग-अलग समूहों में प्रधानमंत्री के समक्ष प्रेजेन्टेशन दिये गये। इनमें वर्ष 2022 तथा 2024 को ध्यान में रखकर तैयार किये गये विजन दस्तावेज में शामिल योजनाओं का खाका पेश किया गया। मंत्रालयों के कामकाज के साथ साथ बैठक में सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति और उनके प्रभाव पर भी चर्चा की गयी। इनमें जल शक्ति मिशन और आयुष्मान भारत जैसी योजनाएं प्रमुख रूप से शामिल थी। इसके अलावा कृषि, ग्रामीण विकास और सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं पर विशेष रूप से चर्चा की गयी।
सूत्रों के अनुसार बैठक में विशेष रूप से स्वतंत्र प्रभार वाले और राज्य मंत्रियों को विशेष मौका दिया गया। मंत्रालयों की ओर से प्रजेन्टेशन में भविष्य की योजनाओं और कार्यक्रमों का उल्लेख किया गया। इस तरह की भी रिपोर्ट सामने आ रही हैं कि मंत्रालयों के कामकाज की समीक्षा के आधार पर मंत्रिपरिषद में कुछ फेरबदल भी किया जा सकता है।
सूत्रों ने कहा कि बैठक में नागरिकता संशोधन कानून के चलते उत्पन्न स्थिति और इससे निपटने के लिए अपनायी जाने वाली नीति पर चर्चा की गयी।
अमूमन केन्द्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक मंत्रिमंडल की बैठक के दिन ही उससे पहले या बाद में होती है लेकिन इस बार यह बैठक विशेष रूप से बुलायी गयी थी। सूत्रों के अनुसार इसी तरह की बैठक अगले सप्ताह भी होने की संभावना है।