नयी दिल्ली, 30 मई ।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधानों को समाप्त करने, राम मंदिर मुद्दे के समाधान, एक बार में तीन तलाक को अपराध की श्रेणी में लाने तथा संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को अपनी सरकार के दूसरे कार्यकाल में पहले साल की प्रमुख उपलब्धियों के रूप में गिनाया और कहा कि ऐसे निर्णयों ने भारत की विकास यात्रा को नई गति, नए लक्ष्य दिए और लोगों की अपेक्षाओं को पूरा किया है।
प्रधानमंत्री के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ के अवसर पर देशवासियों के नाम खुले पत्र में मोदी ने कहा कि वर्ष 2019 में देश की जनता ने केवल सरकार को जारी रखने के लिये ही वोट नहीं दिया बल्कि जनादेश देश के बड़े सपनों और आशाओं-आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए था। और इस एक साल में लिए गए फैसले इन्हीं बड़े सपनों की उड़ान है।
उन्होंने कहा कि गत एक वर्ष में देश ने सतत नए स्वप्न देखे, नए संकल्प लिए और इन संकल्पों को सिद्ध करने के लिए निरंतर निर्णय लेकर कदम भी बढ़ाए।
मोदी ने कहा, ‘‘ राष्ट्रीय एकता-अखंडता के लिए अनुच्छेद 370 (प्रावधानों को समाप्त करने) की बात हो, सदियों पुराने संघर्ष के सुखद परिणाम के रूप में राम मंदिर निर्माण की बात हो, आधुनिक समाज व्यवस्था में रुकावट बना एक बार में तीन तलाक (अपराध की श्रेणी में लाना) हो, या फिर भारत की करुणा का प्रतीक संशोधित नागरिकता कानून हो… ये सारी उपलब्धियां आप सभी को स्मरण हैं।’’ पिछले साल एक बार में तीन तलाक को अपराध की श्रेणी में लाने का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘ आधुनिक समाज व्यवस्था में रूकावट बना तीन तलाक अब इतिहास बन चुका है। ’’ प्रधानमंत्री ने पत्र में कहा कि प्रमुख रक्षा अध्यक्ष के पद के गठन ने जहां सेनाओं में समन्वय को बढ़ाया है, वहीं मिशन गगनयान के लिए भी भारत ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं।
उन्होंने कहा कि गरीबों को, किसानों को, महिलाओं-युवाओं को सशक्त करना हमारी प्राथमिकता रही है। अब पीएम किसान सम्मान निधि के दायरे में देश का प्रत्येक किसान आ चुका है और बीते एक वर्ष में इस योजना के तहत 9 करोड़ 50 लाख से ज्यादा किसानों के खातों में 72 हजार करोड़ रुपए से अधिक राशि जमा कराई गई है।
कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई लंबी है लेकिन हम विजय पथ पर चल पड़े हैं : मोदी ने खुले पत्र में कहा
प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक वर्ष पूरा होने पर देशवासियों के नाम शनिवार को एक खुला पत्र लिखा। इसमें उन्होंने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में देशवासियों से आने वाले दिनों में भी ‘‘धैर्य और जीवटता’’ बनाए रखने का आह्वान किया और कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लम्बी लड़ाई में विजय के लिए सरकार के प्रत्येक दिशा निर्देश का पालन करना जरूरी है वरना जीवन में हो रही असुविधा, जीवन पर आफत के रूप में बदल सकती है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने दूसरे कार्यकाल के लिए 30 मई 2019 को शपथ ली थी।
पत्र में मोदी ने कोविड-19 के कारण लागू देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों, कारीगरों, छोटे उद्योगों, दुकानदारों, रेहड़ी पटरी पर ठेला लगाने वालों को हुई परेशानियों का जिक्र किया और कहा कि इनकी परेशानियां दूर करने के लिए सभी मिलकर प्रयास कर रहे हैं।
कोरोना वायरस के प्रति लोगों को सचेत करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह भी ध्यान रखना है कि जीवन में हो रही असुविधा, जीवन पर आफत में न बदल जाए। इसके लिए प्रत्येक भारतीय के लिए हर दिशा-निर्देश का पालन करना बहुत आवश्यक है। जैसे अभी तक हमने धैर्य और जीवटता को बनाए रखा है, वैसे ही उसे आगे भी बनाए रखना है।’’
कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में एकजुटता का आह्वान करते हुए मोदी ने कहा कि भारत आज अन्य देशों की तुलना में ज्यादा संभली हुई स्थिति में है। ये लड़ाई लंबी है लेकिन हम विजय पथ पर चल पड़े हैं और विजयी होना हम सबका सामूहिक संकल्प है।
बीस लाख करोड़ रूपये का पैकेज ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में बड़ा कदम : मोदी
प्रधानमंत्री ने 20 लाख करोड़ रूपये के पैकेज को ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य की दिशा में एक ‘बड़ा कदम’ बताया और कहा कि देश अपनी अर्थव्यवस्था को वर्तमान संकट से उबार कर कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रही दुनिया के सामने एक मिसाल कायम करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सरकार के दूसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ पर देशवासियों को लिखे खुले पत्र में कहा, ‘‘अभी हाल में आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए दिया गया 20 लाख करोड़ रुपए का पैकेज, इसी दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है। यह अभियान, हर एक देशवासी के लिए, हमारे किसान, हमारे श्रमिक, हमारे लघु उद्यमी, हमारे स्टार्ट अप्स से जुड़े नौजवान, सभी के लिए, नए अवसरों का दौर लेकर आएगा।’’
कोरोना वायरस महामारी से पूरी दुनिया में उत्पन्न आर्थिक संकट का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘इन परिस्थितियों में, आज यह चर्चा भी बहुत व्यापक है कि भारत समेत तमाम देशों की अर्थव्यवस्थाएं कैसे उबरेंगी? लेकिन दूसरी ओर ये विश्वास भी है कि जैसे भारत ने अपनी एकजुटता से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में पूरी दुनिया को अचंभित किया है, वैसे ही आर्थिक क्षेत्र में भी हम नई मिसाल कायम करेंगे। 130 करोड़ भारतीय, अपने सामर्थ्य से आर्थिक क्षेत्र में भी विश्व को चकित ही नहीं बल्कि प्रेरित भी कर सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि आज समय की मांग है कि हमें अपने पैरों पर खड़ा होना ही होगा। अपने बलबूते पर चलना ही होगा और इसके लिए एक ही मार्ग है – आत्मनिर्भर भारत।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीयों के परिश्रम से और उनकी प्रतिभा से स्थानीय स्तर पर बने ‘लोकल’ उत्पादों के दम पर भारत आयात पर अपनी निर्भरता कम करेगा और आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ेगा।
गौरतलब है कि 12 मई को राष्ट्र के नाम संदेश में प्रधानमंत्री ने 20 लाख करोड़ रूपये के समग्र आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी जो जीडीपी का 10 प्रतिशत होता है। उन्होंने कहा था कि कोरोना वायरस का संकट भारत को आत्मनिर्भर बनने का एक अवसर भी प्रदान करता है।
प्रधानमंत्री ने अपने पत्र में भारत सहित दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं द्वारा कोरोना वायरस के प्रभाव से उबरने को लेकर हो रही चर्चाओं का भी उल्लेख किया।