नयी दिल्ली, 24 नवंबर ।अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले को ऐतिहासिक बताने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस मामले में धैर्य और परिपक्वता का परिचय देने के लिए देश की जनता को साधुवाद दिया।
साथ ही उन्होंने कहा कि देश ने इस फैसले को पूरी सहजता से स्वीकार किया और अब देश, नई उम्मीदों और नई आशाओं के साथ नए रास्ते पर, नये इरादे लेकर चल पड़ा है।
आकाशवाणी पर प्रसारित ‘मन की बात कार्यक्रम’ में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ देश में शांति, एकता और सद्भावना के मूल्य सर्वोपरि हैं। राम मंदिर पर जब फ़ैसला आया तो पूरे देश ने उसे दिल खोलकर गले लगाया। पूरी सहजता और शांति के साथ स्वीकार किया।’’ उन्होंने कहा कि आज,‘मन की बात’ के माध्यम से वह देशवासियों को साधुवाद और धन्यवाद देते हैं, जिस प्रकार के धैर्य, संयम और परिपक्वता का परिचय दिया है, वह उसके लिए विशेष आभार प्रकट करना चाहते हैं ।
मोदी ने कहा कि एक ओर, जहाँ, लम्बे समय के बाद कानूनी लड़ाई समाप्त हुई है, वहीं, दूसरी ओर, न्यायपालिका के प्रति, देश का सम्मान और बढ़ा है।सही मायने में ये फैसला हमारी न्यायपालिका के लिए भी मील का पत्थर साबित हुआ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस ऐतिहासिक फैसले के बाद देश, न्यू इंडिया की भावना को अपनाकर शांति, एकता और सद्भावना के साथ आगे बढ़े – यही मेरी कामना है, हम सबकी कामना है।’’ उन्होंने कहा कि जब 9 नवम्बर को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया तो 130 करोड़ भारतीयों ने फिर से ये साबित कर दिया कि उनके लिए देशहित से बढ़कर कुछ नहीं है।
मोदी ने अपने एनसीसी के दिनों को किया याद
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी)के युवाओं से बातचीत करते हुए अपने स्कूली दिनों में एनसीसी कैडेट की भूमिका को साझा करते हुए कहा है कि वह आज भी खुद को कैडेट ही मानते हैं।
श्री मोदी ने संबोधित करते हुए कहा, कि नवम्बर महीने का चौथा रविवार हर साल एनसीसी दिवस के रूप में मनाया जाता है। आमतौर पर हमारी युवा पीढ़ी को फ्रेंडशिप डे बराबर याद रहता है लेकिन बहुत लोग हैं जिनको एनसीसी दिवस भी उतना ही याद रहता है।
उन्होंने एनसीसी दिवस पर एनसीसी के सभी पूर्व और मौजूदा कैडेट्स को शुभकामनाएं देते हुए कहा ‘मैं आप ही की तरह कैडेट रहा हूँ और मन से भी, आज भी अपने आपको कैडेट मानता हूँ।” इस दौरान उन्होंने फोन पर कुछ नौजवानों से बात की जिन्होंने एनसीसी में अपनी जगह बनायी है।
प्रधानमंत्री ने एनसीसी कैडेट्स के एक सवाल के जवाब में कहा “ वैसे मैं हिमालय को बहुत पसंद करता रहता हूँ लेकिन फिर भी मैं देश के लोगों से आग्रह करूँगा कि अगर आपको प्रकृति से प्रेम है। घने जंगल, झरने, एक अलग ही प्रकार का माहौल देखना है तो मैं सबको कहता हूँ आप पूर्वोत्तर भारत जरुर जाएं।”
उन्होंने कहा कि वह पूर्वोत्तर जाने के बारे में हमेशा बात करते हैं। इससे वहां पर्यटन बढ़ेगा, अर्थव्यवस्था को भी बहुत फायदा होगा और ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के सपने को भी वहाँ मजबूती मिलेगी। हिंदुस्तान में हर जगह पर बहुत कुछ देखने, अध्ययन करने और एक प्रकार से आत्मा साफ करने जैसा है।
श्री मोदी ने कहा “ सभी देशवासियों को यह कभी भी नहीं भूलना चाहिए कि सात दिसम्बर को आर्म्ड फोर्सेज फ्लैग दिवस मनाया जाता है। इस दिन हम अपने वीर सैनिकों को, उनके पराक्रम को, उनके बलिदान को याद तो करते ही हैं लेकिन योगदान भी करते हैं। सिर्फ सम्मान के भाव की इतने से बात चलती नहीं है। सहभागिता भी जरुरी है और सात दिसम्बर को हर नागरिक को आगे आना चाहिए। हर एक के पास उस दिन आर्म्ड फोर्सेज का झंडा होना ही चाहिए और हर किसी का योगदान भी होना चाहिए। इस अवसर पर हम अपनी आर्म्ड फोर्सेज के अदम्य साहस, शौर्य और समर्पण भाव के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करें और वीर सैनिकों का स्मरण करें।