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नरेन्द्र मोदी ने “लाॅकडाउन” को “सफल” करार देते हुए देश की जनता को ‘कोविड-19″ के खिलाफ लड़ाई लड़ने का श्रेय दिया attacknews.in

वाशिंगटन, 28 जून । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से निपटने के लिए शुरुआती चरण में लगाए गए लॉकडाउन को ‘‘सफल’’ करार देते हुए कहा कि कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई उसके नागरिकों ने लड़ी है।

भारतीय मूल के ‘अमेरिकी एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन’ (एएपीआई) की बैठक को शनिवार को ऑनलाइन संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कोविड-19 संकट का इस्तेमाल देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए किया गया।

एएपीआई अमेरिका में 80,000 से अधिक भारतीय मूल के डॉक्टरों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था है। पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने संस्था की वार्षिक बैठक को संबोधित किया।

मोदी ने विभिन्न देशों के आंकड़े साझा करते हुए कहा कि भारत ने कोरोना वायरस के खिलाफ काफी बेहतर तरीके से लड़ाई लड़ी है।

मोदी ने कहा, ‘‘ अमेरिका में दस लाख लोगों पर जहां 350 लोगों की जान गई है और ब्रिटेन, इटली तथा स्पेन जैसे यूरोपीय देशों में दस लाख लोगों पर जहां 600 से अधिक लोगों की जान गई है, वहीं भारत में यह दर 12 से भी कम है।’’

मोदी ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में उल्लेखनीय रूप से सफल रहा है। अन्य कई राज्यों में भी ऐसा ही है।’’

प्रधानमंत्री ने इसके लिए जनता से मिले समर्थन को श्रेय दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘ देश के अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों तक यह महामारी पहुंच भी नहीं पाई।’’

मोदी ने कहा कि विश्व के दूसरे सबसे अधिक आबादी वाले, उच्च घनत्व वाले देश, जहां सामाजिक मेल-जोल दिनचर्या का हिस्सा है, बड़े धार्मिक और राजनीतिक आयोजन नियमित होते हैं और बड़े पैमाने पर अंतरराज्यीय प्रवास होता है, वहां बिना लोगों के समर्थन के सफलता मिलना मुमकिन नहीं था।

मोदी के अनुसार भारत ने इस संबंध में दुनिया के शीर्ष विशेषज्ञों की आशंकाओं को गलत ठहराया है।

उन्होंने भारतीय-अमेरिकी चिकित्सकों को संबोधित करते हुए कहा कि समय पर लॉकडाउन लगाने की वजह से भारत ने अपने लाखों नागरिकों की जान बचा ली।

मोदी ने कहा कि कोविड-19 संकट का इस्तेमाल स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के एक अवसर के तौर पर किया गया। ‘‘ मसलन कोरोना वायरस की शुरुआत में केवल एक कोविड-19 जांच प्रयोगशाला थी। अब ऐसी 1,000 प्रयोगशालाएं हैं।’’

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत जहां अधिकतर निजी सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट का आयात करता था वहीं अब उसे निर्यात करने की स्थिति में है।

उन्होंने कहा कि देश हर सप्ताह 30 लाख से अधिक एन95 मास्क बना रहा है। स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 50,000 से अधिक नए वेंटिलेटर बनाए जा रहे हैं। इन सबका निर्माण देश के भीतर ही किया जा रहा है।

मोदी ने कहा कि विश्व भर में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भारतीय-मूल के चिकित्सकों के योगदान पर उन्हें गर्व है।

अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने भी कहा कि समय पर लॉकडाउन लगाने से घातक वायरस से कई लोगों की जान बच गई।

कोविड-19 के दौरान भारतीय-अमेरिकी डॉक्टरों के योगदान की सराहना करते हुए संधू ने कहा, ‘‘ आप असली नायक हैं, जिन्होंने अपनी जान खतरे में डाली और दूसरों की मदद के लिए सामने आए।’’

उन्होंने कहा कि अमेरिका में उनके योगदान को व्यापक तौर पर सराहा गया है।

योग आज वैश्विक जीवन शैली का अभिन्न अंग है: मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वैश्विक स्वास्थ्य में भारत के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि योग वैश्विक जीवन शैली का एक अभिन्न अंग बन गया है और दुनिया तेजी से आयुर्वेद को भी अपना रही है।

मोदी ने कहा, ‘‘ भारत ने हमेशा वैश्विक स्वास्थ्य में योगदान दिया है। वह इसे जारी रखेगा। योग आज दुनियाभर में लोगों की जीवन शैली का एक अभिन्न अंग बन गया है। इसी तरह दुनिया तेजी से आयुर्वेद को भी अपना रही है।’’

उन्होंने कहा कई आधुनिक वैज्ञानिक शोधों के अनुसार आयुर्वेद और भारत में मौजूद उपचार के अन्य तरीके ‘‘ प्रतिरक्षा क्षमता बढ़ाते हैं और प्राकृतिक उपचार करते हैं’’।

हाल ही में आई एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अमेरिका और यूरोप में हल्दी के आयात में अचानक से बढ़ोतरी हुई है।

उन्होंने कहा कि भारत के गांवों में करीब 1.5 लाख ‘हेल्थ एंड वैलनेस’ केंद्रों का निर्माण हो रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि योग, आयुर्वेद और तंदुरुस्ती के प्रचार-प्रसार के साथ ‘फिट इंडिया’ देश में एक जन आंदोलन बन गया है।

उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन और उसके तहत शौचालयों के निर्माण के कारण कई बड़ी बीमारियां कम हुई हैं। आठ करोड़ से अधिक गरीब महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन ने उनके बीच श्वसन रोगों के मामले कम करने में मदद की है।

मोदी ने भारतीय मूल के डॉक्टरों से भारत की विकास गाथा में योगदान देने की अपील की।

उन्होंने कहा कि भारत आज दवाओं और चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन की दिशा में आगे बढ़ रहा है और वह इसमें योगदान देने के लिए उन्हें आमंत्रित करते हैं।

मोदी ने कहा कि सरकार देश के हर गांव तक टेलीमेडिसिन पहुंचाने के लिए काम कर रही है। भारतीय मूल के डॉक्टर इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने 21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ पर एक कार्यक्रम में कहा था कि योग एकजुट करने वाली शक्ति है, जो इसका शाब्दिक अर्थ भी है।

संधू ने कहा था, ‘‘ दुनिया भर के लोगों ने राष्ट्रीयता और संस्कृतियों की सीमा से परे योग के असीम लाभों को पहचाना है। उन्होंने इसे अपने रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बना लिया है।’’

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Dr.Sushil Sharma Admin/Editor

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