नयी दिल्ली, 26 दिसंबर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनावों के शांतिपूर्ण व पारदर्शी ढंग से संपन्न होने और लोगों की बड़ी भागीदारी को भारत के लिए ‘‘गौरव’’ का क्षण बताया और कहा कि इन चुनावों ने एक नया अध्याय लिखा है और दिखाया कि देश में लोकतंत्र कितना मजबूत है।
मोदी ने जम्मू एवं कश्मीर के सभी निवासियों के लिए 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य सुरक्षा कवच प्रदान करने वाले आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना सेहत का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उन आरोंपों का भी जवाब दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘‘भारत में कोई लोकतंत्र’’ नहीं है और यह ‘‘केवल कल्पना में’’ मौजूद है।
केंद्र शासित प्रदेश में पहली बार हुए डीडीसी चुनावों का जिक्र करते प्रधानमंत्री ने कहा कि इस चुनाव ने ‘‘एक नया अध्याय’’ लिखा है। उन्होंने कहा कि इतनी सर्दी और कोरोना के बावजूद, नौजवान, बुजुर्ग और महिला मतदाताओं ने मतदान में हिस्सा लिया।
उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर के हर मतदाता के चेहरे पर मुझे विकास के लिए एक उम्मीद नजर आई, उमंग नजर आई। जम्मू कश्मीर के हर मतदाता की आंखों में मैंने अतीत को पीछे छोड़ते हुए, बेहतर भविष्य का विश्वास देखा।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इन चुनावों में जम्मू-कश्मीर के लोगों ने लोकतंत्र की जड़ों को और मजबूत किया है। जम्मू-कश्मीर में ये त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था एक प्रकार से महात्मा गांधी का ग्राम स्वराज का सपना पूरा किया है। देश में जो पंचायती राज व्यवस्था है उसने आज जम्मू-कश्मीर की धरती पर पूर्णता को प्राप्त किया है। जम्मू-कश्मीर में इन चुनावों ने ये भी दिखाया कि हमारे देश में लोकतंत्र कितना मजबूत है।’’
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार लगातार कोशिश कर रही है कि गांव के विकास में, गांव के लोगों की भूमिका सबसे ज्यादा रहे और इसके मद्देनजर योजना बनाने से लेकर अमल और देखरेख तक पंचायती राज से जुड़े संस्थानों को ज्यादा ताकत दी जा रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘गरीब से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिए अब पंचायतों का दायित्व काफी बड़ा है। इसका लाभ जम्मू कश्मीर में भी दिख रहा है। जम्मू एवं कश्मीर के गांव-गांव में बिजली पहुंची, यहां के गांव खुले में शौच मुक्त हो चुके हैं।’’
जम्मू एवं कश्मीर के लोगों के विकास को सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक बताते हुए प्रधानमंत्री ने महिला सशक्तिकरण, युवाओं के लिए अवसर, दलितों-पीड़ितों-शोषितों-वंचितों के कल्याण और लोगों के संवैधानिक व बुनियादी अधिकारों के प्रति कटिबद्धता जताई।
लोकतंत्र का ‘पाठ पढ़ाने’ वाले पुडुचेरी में कोर्ट के आदेश के बावजूद पंचायत चुनाव नहीं करा रहे: मोदी
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘लोकतंत्र का पाठ पढ़ाने’ के लिए शनिवार को कांग्रेस को आड़े हाथों लिया और उसे याद दिलाया कि उसके शासन वाले पुडुचेरी में उच्चतम न्यायालय के आदेश के बावजूद पंचायत और नगरपालिका के चुनाव नहीं हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने यह बात कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उन आरोपों के जवाब में कही, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘‘भारत में कोई लोकतंत्र’’ नहीं है और यह ‘‘केवल कल्पना में’’ मौजूद है।
जम्मू-कश्मीर में हाल ही में संपन्न हुए जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनावों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जहां केंद्र सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश बनने के एक साल के भीतर इन चुनावों को पारदर्शिता पूर्वक संपन्न कराकर दिखाया है कि देश में लोकतंत्र कितना मजबूत है, वहीं उच्चतम न्यायालय के आदेश के बावजूद कांग्रेस शासित पुडुचेरी में पंचायत और नगरपालिका के चुनाव नहीं कराए गए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली में कुछ लोग सुबह-शाम, आए-दिन मोदी को कोसते रहते हैं। टोकते रहते हैं। अपशब्दों का प्रयोग करते रहते हैं और आए-दिन मुझे लोकतंत्र सिखाने के लिए रोज नए-नए पाठ पढ़ाते हैं। मैं उन लोगों को आज जरा याद दिलाना चाहता हूं। जम्मू -कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के 1 साल के भीतर पंचायती राज व्यवस्था को लागू करके दिखाया गया, लेकिन दूसरी और विडंबना देखिए पुडुचेरी में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद पंचायत और नगरपालिका के चुनाव नहीं हो रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जो मुझे रोज यहां लोकतंत्र के पाठ पढ़ाते हैं, उनकी पार्टी वहां राज कर रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आप हैरान होंगे, सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में ये आदेश दिया था, लेकिन वहां जो सरकार है… जिसका लोकतंत्र पर रत्ती भर भरोसा नहीं है… इस मामले को लगातार टाल रही है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि पुडुचेरी में दशकों के इंतजार के बाद साल 2006 में स्थानीय निकाय के चुनाव हुए थे और इसमें जीतने वालों का कार्यकाल 2011 में ही खत्म हो चुका है।
मोदी ने कहा, ‘‘कुछ राजनीतिक दलों की कथनी और करनी में कितना बड़ा फर्क है, लोकतंत्र के प्रति वो कितना गंभीर हैं, इस बात से ही पता चलता है। कितने साल हो गए, पुडुचेरी में पंचायत चुनाव नहीं होने दिए जा रहे हैं।’’
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान विपक्षी दलों को यह भी याद दिलाया कि जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने के मकसद से पंचायत चुनाव कराने के मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाले पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और भाजपा की गठबंधन सरकार से उनकी पार्टी अलग हो गई थी।
उन्होंने कहा, ‘‘एक समय था जब हम लोग जम्मू एवं कश्मीर की सरकार का हिस्सा थे। हमारे उपमुख्यमंत्री थे… हमारे मंत्री थे… लेकिन हमने उस सत्ता सुख को छोड़ दिया था। सरकार से बाहर आ गए थे। हमारा मुद्दा यही था कि पंचायतों के चुनाव कराओ। जम्मू एवं कश्मीर के गांव-गांव के नागरिकों को उसका हक दो।’’
सरकार और प्रशासन के अधिकारियों को जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण और निष्पक्ष ढंग से चुनाव संपन्न कराने के लिए बधाई देते हुए मोदी ने कहा कि इस केंद्र शासित प्रदेश में नए दशक में, नए युग के नए नेतृत्व का आरंभ हुआ है और इसने देश में एक नया विश्वास पैदा किया है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार लगातार कोशिश कर रही है कि गांव के विकास में, गांव के लोगों की भूमिका सबसे ज्यादा रहे और इसके मद्देनजर योजना बनाने से लेकर अमल और देखरेख तक पंचायती राज से जुड़े संस्थानों को ज्यादा ताकत दी जा रही