नयी दिल्ली/पटना 20 जून ।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को प्रवासी मजदूरों को उनके अपने गांव देहात में आजीविका उपलब्ध कराने के लिए 50,000 करोड़ रूपये के गरीब कल्याण योजना को लांच किया।
श्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बिहार के खगड़िया जिले के बेलदौर प्रखंड के तेली हर गांव से इस योजना को लांच किया।
इस योजना में छह राज्यों के 116 जिले शामिल किए गए हैं। इनमें राजस्थान , मध्य प्रदेश , झारखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा को शामिल हैं।
प्रत्येक जिले में कम-से-कम से कम 25,000 मजदूर इस अभियान में शामिल होंगे। इस तरह से लगभग एक तिहाई प्रवासी मजदूरों को इस अभियान का लाभ मिलेगा।
अभियान के तहत रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के साथ ही स्थायी बुनियादी ढांचा तैयार किया जाएगा। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 25 कार्यों का तेज गति से क्रियान्वयन होगा। इस अभियान में 27 आकांक्षी जिलों को भी शामिल किया गया है।
इस अभियान के तहत होने वाले कार्यों में तालाब बनाना, दीवार बनाना, पशुपालन के लिए आवास बनाना, स्थानीय सड़कों और पुलों का निर्माण करना आदि कार्य शामिल है।
सरकार का उद्देश्य प्रवासी मजदूरों को तत्काल राहत पहुंचाना है। इस अभियान के लिए निर्धारित 50,000 करोड़ रूपये की उपलब्धता में कोई कमी नहीं आएगी। सरकार ने यह राशि पहले ही जारी कर दी है।
इस अभियान में 12 विभिन्न मंत्रालयों और विभागों- ग्रामीण विकास, पंचायती राज, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, खान, पेयजल और स्वच्छता, पर्यावरण, रेलवे, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा, सीमा सड़क, दूरसंचार और कृषि के कार्य शामिल होंगे।
देश सेना के साथ, बिहार रेजिमेंट पर गर्व है: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन भारत नियंत्रण रेखा पर शहीद हुए लोगो का नमन करते हुए कहा कि हमें इन शहीदों पर गर्व है और देश सेना के साथ है।
श्री मोदी ने शनिवार को देश में भयंकर कोरोना संकट को देखते हुए प्रवासी मजदूरों को उनके अपने गांव में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए 50,000 करोड़ रूपये के गरीब कल्याण योजना काे लांच करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा, “ बिहार रेजिमेंट के जवानों ने जो कुर्बानी दी उस पर बिहार को गर्व है। मैं उन शहीदों को नमन करता हूँ। देश सेना के साथ और यह देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए हैं।
श्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बिहार के खगड़िया जिले के बेलदौर प्रखंड के तेली हर गांव से इस योजना को लांच किया।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के प्रारंभ में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस योजना की जानकारी दी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आदि ने सम्बोधित किया।
शहरों को चमकाने वाले श्रमिक अब गांवों को आगे बढ़ायेंगे
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शहरों से लौटे प्रवासी मजदूरों को गांव में ही काम उपलब्ध कराने के लिए शनिवार को गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि अब तक शहरों को चमकाने वाले श्रमिक अब गांवों का विकास करेंगे।
उन्होंने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य लॉकडाउन के कारण गांव लौटे श्रमिकों के आत्मसम्मान की सुरक्षा के साथ गांवों का विकास सुनिश्चित करना है। सरकार की कोशिश है गांव में रहते हुए उन्हें किसी के आगे हाथ न फैलना पड़े।
उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास घर के पास ही इन मजदूरों को काम देने का है। अब तक वे अपनी हुनर और मेहनत से शहरों को चमका रहे थे, अब अपने गांव को, अपने इलाके को आगे बढ़ायेंगे।
श्री मोदी ने बताया कि अभियान के तहत अधिकतर काम गांवों के बुनियादी विकास पानी सड़क वृक्षारोपण आदि से जुड़े होंगे। कुछ काम आधुनिक सुविधाओं जैसे हाई स्पीड इंटरनेट से भी संबंधित होंगे। महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोड़ा जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए गांवों की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि देश की दो-तिहाई से अधिक आबादी छह लाख से ज्यादा गांवों में निवास करती है। ग्रामीण भारत ने कोरोना के संक्रमण को बहुत प्रभावी तरीके से रोका है। उन्होंने इसके लिए पंचायत स्तर तक की लोकतांत्रिक व्यवस्था, स्वास्थ्य सुविधाओं, चिकित्सा केंद्रों, आरोग्य केंद्रों और स्वच्छता अभियान की भूमिका की सराहना की।
बिहार में उद्याेग को बढ़ावा देने के लिए जीएसटी और आयकर में छूट दे केंद्र : नीतीश
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लॉकडाउन से उत्पन्न परिस्थिति में बाहर से लौटे मजदूर और राज्य में रह रहे अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मुहैया कराने की प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए आवश्यक उद्योगों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और आयकर में छूट दिए जाने की मांग की।
श्री कुमार शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार के खगड़िया जिले में बेलदौर प्रखंड के तेलिहार पंचायत में ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ के शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल हुए।
उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “लाॅकडाउन में बाहर से आए क्वारंटाइन केंद्रों में रहे लोगों से मैंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विस्तृत बातचीत की। इस क्रम में उनलोगों ने बताया कि बाहर में उन्हें काफी कष्ट हुआ है और अब वे बिहार के बाहर नहीं जाना चाहते हैं और यहीं काम करना चाहते हैं। हमलोगों की कोशिश है कि मजबूरी में किसी को भी बिहार के बाहर नहीं जाना पड़े, लोगों को यहीं रोजगार मिले।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में उद्योग की कमी है। इसे बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से विशेष सहायता के रूप में जीएसटी और आयकर में छूट दी जाए। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग के लिए आवंटित 25 हजार करोड़ की राशि को और बढ़ाई जाए ताकि बिहार जैसे राज्यों में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा मिल सके। इससे यहां के लोगों को ज्यादा से ज्यादा काम मिलेगा।
उन्होंने कहा, “संकट के समय में हमलोगों ने सभी का अच्छी तरह से ख्याल रखा है और आगे भी रखेंगे ताकि उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो। गरीबों, वंचितों के लिए आज से शुरू हुई योजना के लिए मैं प्रधानमंत्री श्री मोदी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।”
श्री कुमार ने कहा कि हाल ही में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में उन्होंने वार्षिक साख योजना को बढ़ाये जाने का सुझाव दिया है। राज्य का साख-जमा अनुपात मात्र 43 प्रतिशत है, इसे भी बढ़ाने की जरूरत है। बिहार के बैंक राज्य के लोगों की जमा राशि का अधिकांश दूसरे राज्यों में निवेश करता है।
उन्होंने कहा कि लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिये राज्य सरकार भी लगातार प्रयास कर रही है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) योजना, सड़क निर्माण कार्य एवं अन्य विकास कार्यों के साथ-साथ सात निश्चय की योजनाओं, जल-जीवन- हरियाली अभियान की योजनाओं के तहत राज्य के श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।