लखनऊ 29 दिसम्बर । किसान आंदोलन की आड़ में पंजाब में मोबाइल टावरों को नुकसान पहुंचाने के शरारती तत्वों के प्रयास का जिक्र किये बगैर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि प्रदर्शनों और आन्दोलनों के नाम पर देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर को होने वाला नुकसान गरीब, सामान्य वर्ग को होने वाला नुकसान है। अपना लोकतांत्रिक अधिकार जताते वक्त राष्ट्रीय दायित्व को नहीं भूलना चाहिए।
श्री मोदी ने ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट काॅरिडोर के 351 किमी लंबे न्यू खुर्जा से न्यू भाउपुर खण्ड तथा प्रयागराज स्थित केन्द्रीय परिचालन नियंत्रण केन्द्र का उद्घाटन करते हुये कहा कि आज भारत विश्व की बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की राह पर अग्रसर है।
उन्होने प्रदर्शनों और आन्दोलनों में देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों की चर्चा करते हुए कहा कि यह सम्पत्ति देश के नागरिकों, करदाता, समाज के हर वर्ग की है। इसमें उनका पैसा लगा हुआ है। इसलिए इस सम्पत्ति को होने वाला नुकसान देश के गरीब, सामान्य वर्ग को होने वाला नुकसान है। अपना लोकतांत्रिक अधिकार जताते हुए राष्ट्रीय दायित्व को नहीं भूलना चाहिए। भारतीय रेल को अक्सर प्रदर्शनों में निशाना बनाया जाता है, जबकि रेलवे मुश्किल परिस्थितियों में भी सेवाभाव से देश के काम आती है। कोरोना काल में प्रवासी मजदूरों और कामगारों को वापस पहुंचाने, दवा, सामान आदि के परिवहन में रेलवे ने उल्लेखनीय योगदान किया।
श्री मोदी ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिये हरी झण्डी दिखाकर खुर्जा एवं भाउपुर रेलवे स्टेशनों से मालगाड़ियों को रवाना किया। इस मौके पर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुये ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का दिन भारतीय रेल के गौरवशाली अतीत को 21वीं सदी में नयी पहचान दिलाने तथा भारत व भारतीय रेल का सामर्थ्य बढ़ाने वाला है। खुर्जा और भाउपुर से पहली मालगाड़ी के संचालन के साथ ही नये और आत्मनिर्भर भारत की गूंज और गर्जना सुनायी दी है। केन्द्रीय परिचालन नियंत्रण केन्द्र, प्रयागराज भी नये भारत के नये सामर्थ्य का प्रतीक है। यह दुनिया का बेहतरीन और अत्याधुनिक रेल परिचालन केन्द्र है। गर्व की बात है कि इस सेण्टर की मैनेजमेंट और डाटा सम्बन्धी तकनीक भारत में ही तैयार की गयी है।
उन्होने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर किसी भी राष्ट्र की सामर्थ्य का सबसे बड़ा स्रोत है। इसमें भी कनेक्टिविटी राष्ट्र की नसें और नाड़ियां हैं। यह नसें जितनी मजबूत होंगी, राष्ट्र भी उतना ही सामर्थ्यवान होगा। आज भारत विश्व की बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की राह पर अग्रसर है। ऐसे में बेहतरीन कनेक्टिविटी देश की प्राथमिकता है। इसी सोच के साथ पिछले छह सालों में आधुनिक कनेक्टिविटी के हर पहलू पर फोकस के साथ कार्य किया गया है। इसलिए आर्थिक रफ्तार के जरूरी पांच पहियों, हाई-वे, रेलवे, एयर-वे, वाटर-वे एवं आई-वे को गति दी जा रही है।
फ्रेट कॉरीडोर पर नये आत्मनिर्भर भारत की गूंज और गर्जना स्पष्ट सुनाई देगी : मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘न्यू खुर्जा-न्यू भाऊपुर रेलखंड’ फ्रेट कॉरीडोर रुट पर पहली मालगाड़ी दौड़ेगी तो उसमें नये आत्मनिर्भर भारत की गूंज और गर्जना स्पष्ट सुनाई देगी।
मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये ‘ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर’ के ‘न्यू खुर्जा-न्यू भाऊपुर खंड’ का उद्घाटन करने के बाद मोदी ने कहा, ‘आज का दिन भारतीय रेल के गौरवशाली इतिहास को 21वीं सदी की नई पहचान देने वाला है और भारत व भारतीय रेल की सामर्थ्य बढ़ाने वाला है।’
उत्तर प्रदेश में ईस्टर्न डेडिकेटिड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी) के 351 किलोमीटर लंबे ‘न्यू खुर्जा-न्यू भाऊपुर रेलखंड’ 5,750 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। इस खंड के बन जाने से मौजूदा कानपुर-दिल्ली मुख्य लाइन पर भीड़ कम होगी और यह भारतीय रेलों की गति बढ़ाने में भी सक्षम होगा।
प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान प्रयागराज में स्थित परिचालन नियंत्रण केंद्र का भी उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमारे यहां यात्री ट्रेन और मालगाड़ियां दोनों एक ही पटरी पर चलती हैं। मालगाड़ी की गति धीमी होती है, ऐसे में इन गाड़ियों को रास्ता देने के लिए यात्री ट्रेनों को रोका जाता है तथा इससे दोनों ट्रेनें विलंब से चलती हैं।’’
मोदी ने राजनीतिक दलों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘देश के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए। देश का इंफ्रास्ट्रक्चर किसी दल की विचारधारा का नहीं, देश के विकास का मार्ग होता है। यह पांच साल की राजनीति का नहीं, बल्कि आने वाली अनेक पीढ़ियों को लाभ देने का मिशन है। राजनीतिक दलों को अगर स्पर्धा करनी ही है तो इंफ्रास्ट्रक्चर की क्वालिटी, स्पीड और स्केल को लेकर स्पर्धा करें।’
उन्होंने कहा कि आज जब दुनिया की बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की दिशा में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है तब बेहतरीन कनेक्टिविटी देश की प्राथमिकता है।
मोदी ने कहा कि यह फ्रेट कॉरिडोर औद्योगिक रूप से पीछे रह गये पूर्वी भारत को नई ऊर्जा देने वाला है। इसका करीब 60 प्रतिशत हिस्सा उत्तर प्रदेश में हैं और प्रदेश के हर छोटे बड़े उद्योग को इसका लाभ मिलेगा।
उन्होंने कहा कि यह फ्रेट कॉरिडोर आत्मनिर्भर भारत के लिए बहुत बड़ा माध्यम होगा।
मोदी ने कहा, ‘इंफ्रास्ट्रक्चर किसी भी राष्ट्र के सामर्थ्य का सबसे बड़ा स्रोत होता है। इंफ्रास्ट्रक्चर में भी कनेक्टिविटी राष्ट्र की नसें होती हैं, नाडि़यां होती हैं और जितनी बेहतर ये नसें होती हैं, उतना ही स्वस्थ और सामर्थ्यवान कोई राष्ट्र होता है।’
मोदी ने कहा, ‘ आज जब भारत दुनिया की बड़ी आर्थिक ताकत बनने की तरफ तेजी से आगे बढ़ रहा है तब बेहतरीन कनेक्टिविटी देश की प्राथमिकता है। इसी सोच के साथ बीते छह वर्षों से भारत में काम किया जा रहा है।’
उन्होंने कहा, ‘ हाइवे हो, रेलवे हो, एयरवे हो, वाटरवे हो, आर्थिक रफ्तार के लिए जरूरी इन पहियों को ताकत दी जा रही है। ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का लोकार्पण इसी दिशा में एक बड़ा कदम है।’
उन्होंने कहा कि प्रयागराज में स्थित परिचालन नियंत्रण केंद्र नये भारत के नये सामर्थ्य का प्रतीक है। यह दुनिया के बेहतरीन आधुनिक नियंत्रण केंद्रों में से एक है और यह सुनकर किसी को भी गर्व होगा कि इसमें प्रबंधन और डेटा से जुड़ी जो तकनीक है वह भारत में ही भारतीय युवाओं ने तैयार की है।
मोदी ने देश के लिए महत्वपूर्ण इस कॉरिडोर की विशेषता बताई। उन्होंने कहा कि इससे मालगाड़ी की स्पीड तीन गुना हो जाएगी और माल गाडि़यां पहले से दो गुना सामान की ढुलाई कर सकेंगी और इस ट्रैक पर डबल डेकर मालगाड़ी चलाई जाएंगी।
उन्होंने कहा, ‘इससे सामान पहुंचाने का खर्च कम होगा और इससे हमारे निर्यात को लाभ होगा, उद्योग को लाभ मिलेगा और निवेश के लिए भारत आकर्षक बनेगा।’
मोदी ने कहा कि अब नये फ्रेट कॉरिडोर में ‘किसान रेल’ और तेजी से अपने गंतव्य पर पहुँचेगी। उत्तर प्रदेश में कई रेलवे स्टेशन किसान रेल से जुड़ गये हैं और अब स्टेशनों पर भंडारण की क्षमता बढ़ाई जा रही है।
उन्होंने कहा, ‘भारतीय रेल पहले से अधिक सुरक्षित हुई है और रेलवे में हर स्तर पर सुधार किये गये हैं। रेलवे के क्षेत्र में भारत ने आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में तेजी से छलांग लगाई है। भारत आधुनिक रेलों का निर्माण अपने लिए भी कर रहा है और निर्यात भी कर रहा है। रायबरेली में अब तक पांच हजार से ज्यादा रेल कोच बन चुके और विदेशों को भी निर्यात किये जा रहे हैं।
विकास को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए : मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने देश की पूर्ववर्ती सरकारों पर रेलवे के आधुनिकीकरण की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को कहा कि विकास को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए।
इस मौके पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने पूर्ववर्ती सरकारों पर इस फ्रेट कॉरिडोर परियोजना में टालमटोल करने और रेलवे के आधुनिकीकरण पर ध्यान नहीं देने का आरोप लगाया।
मोदी ने राजनीतिक दलों पर निशाना साधते हुए कहा ‘देश के मूलभूत ढांचे के विकास को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए। देश का इंफ्रास्ट्रक्चर किसी दल की विचारधारा का नहीं, देश के विकास का मार्ग होता है। यह पांच साल की राजनीति का नहीं, बल्कि आने वाली अनेक पीढ़ियों को लाभ देने का मिशन है। राजनीतिक दलों को अगर स्पर्धा करनी ही है तो इंफ्रास्ट्रक्चर की गुणवत्ता एवं गति और स्केल को लेकर स्पर्धा करेंं।’
उन्होंने कहा कि ‘डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर’ परियोजना को वर्ष 2006 में मंजूरी दी गयी थी मगर वर्ष 2014 तक एक किलोमीटर भी मार्ग का निर्माण नहीं किया गया। वर्ष 2014 में उनकी सरकार बनने के बाद इस परियोजना पर काम शुरू किया गया लेकिन तब तक इसका बजट 11 गुना बढ़ चुका था। वर्ष 2014 के बाद इस परियोजना को तेजी से बढ़ाया गया। आगामी कुछ महीनों में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परियोजना पर 1100 किलोमीटर का काम पूरा हो जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर किसी भी राष्ट्र की सामर्थ्य का सबसे बड़ा स्रोत है। इसमें भी कनेक्टिविटी राष्ट्र की नसें और नाड़ियां हैं। यह नसें जितनी मजबूत होंगी, राष्ट्र भी उतना ही सामर्थ्यवान होगा। उन्होंने कहा कि आज भारत विश्व की बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की राह पर अग्रसर है। ऐसे में बेहतरीन कनेक्टिविटी देश की प्राथमिकता है। इसी सोच के साथ विगत छह वर्षों में आधुनिक कनेक्टिविटी के हर पहलू पर ध्यान देकर कार्य किया गया है। इसलिए आर्थिक रफ्तार के जरूरी पांच पहियों, हाई-वे, रेलवे, एयर-वे, वाटर-वे एवं आई-वे को गति दी जा रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर’ का उद्घाटन कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने की दिशा में एक कदम है। सरल भाषा में ‘डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर’ मालगाड़ियों के लिए बनाये गये विशेष ट्रैक हैं। उन्होंने कहा कि खेती, उद्योग, बाजार आदि सभी आर्थिक-व्यावसायिक गतिविधियों के लिए माल ढुलाई जरूरी है। रेल इसका सबसे बड़ा माध्यम है। अर्थव्यवस्था के विकास के साथ ही माल ढुलाई पर दबाव बढ़ा। हमारे देश में मालगाड़ियां व यात्री ट्रेनें एक ही पटरी पर संचालित होती हैं। इससे दोनों ही तरह की रेलगाड़ियों की गति कम हो जाती है।
मोदी ने कहा कि वर्तमान केन्द्र सरकार ने पूर्ववर्ती सरकारों की तरह ट्रेनों की संख्या बढ़ाने के बजाय रेल पटरियों के आधुनिकीकरण पर बल दिया। अलग से रेल बजट की व्यवस्था खत्म कर रेलवे ट्रैक को तेजी से चलने वाली ट्रेनों के लिए तैयार किया गया। रेलवे नेटवर्क के चौड़ीकरण व विद्युतीकरण पर फोकस किया गया। आज ‘वन्दे भारत’ जैसी सेमी हाइब्रिड ट्रेन भी संचालित हो रही हैं। साथ ही, भारतीय रेल पहले से कहीं अधिक सुरक्षित हुई है।
प्रधानमंत्री ने प्रदर्शनों और आन्दोलनों में देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों की चर्चा करते हुए कहा कि यह सम्पत्ति देश के नागरिकों, करदाता, समाज के हर वर्ग की है। इसलिए इस सम्पत्ति को होने वाला नुकसान देश के गरीब और सामान्य वर्ग का नुकसान है। अपना लोकतांत्रिक अधिकार जताते हुए राष्ट्रीय दायित्व को नहीं भूलना चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि रेलवे विकास की जीवनरेखा है। देश और प्रदेश की प्रगति में इसका योगदान सर्वविदित है। प्रधानमंत्री द्वारा आज ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के न्यू खुर्जा से न्यू भाउपुर खण्ड का उद्घाटन प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए उपहार है।
उन्होंने कहा कि डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण से मालगाड़ियों की औसत गति मौजूदा 25 किलोमीटर प्रति घण्टा से बढ़कर 75 किलोमीटर प्रति घण्टा हो जाएगी। इससे प्रदेश में खाद्यान्न परिवहन में सुविधा होगी और औद्योगिक विकास का वातावरण बनेगा।
योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लिए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इसका बड़ा हिस्सा प्रदेश में है। साथ ही, ईस्टर्न और वेस्टर्न दोनों कॉरिडोर का जंक्शन भी राज्य में ही है। यह प्रदेश के आर्थिक विकास में सहायक होगा।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री की व्यक्तिगत रुचि एवं लगातार प्रेरणा और प्रोत्साहन से डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परियोजना पर वर्ष 2014 के बाद 45,600 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि व्यय हुई है। ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के 351 किलोमीटर लम्बाई के खुर्जा से भाउपुर रेलखण्ड का शुभारभ ‘मेक इन इण्डिया’ का उदाहरण है।