देश के आधारभूत ढांचे में सुधार के लिए पूरे विश्व से निवेश को आकर्षित करने के प्रयास किए जा रहे हैं : प्रधानमंत्री
स्वदेश दर्शन और प्रसाद जैसी योजनाओं के जरिए पर्यटकों को आकर्षित करने के प्रयास किए जा रहे हैं : प्रधानमंत्री
बिल्डरों और घर खरीदारों के बीच विश्वास की कमी को दूर करने के लिए रेरा कानून लाया गया था : प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 12 लाख से अधिक शहरी मध्यम वर्गीय परिवारों को घर खरीदने के लिए लगभग 28,000 करोड़ रुपये की मदद दी गई : प्रधानमंत्री
विकास के लिए सुधार जरूरी हैं: प्रधानमंत्री
आगरा, सात दिसम्बर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि विकास के लिए सुधार आवश्यक हैं और बीती सदी के कुछ कानून आज के समय में ‘बोझ’ बन चुके हैं।
आगरा मेट्रो रेल परियोजना के निर्माण कार्यों की वर्चुअल तरीके से शुरुआत करने के बाद अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘विकास के लिए सुधार आवश्यक हैं। कुछ कानून जो बीती सदी में अच्छे थे, वह वर्तमान सदी में बोझ बन चुके हैं।’’
केंद्र के नए तीन कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसानों के प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री ने यह बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार संपूर्णतावादी सुधारों में विश्वास रखती है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘पहले सुधार टुकड़ों में होते थे लेकिन अब एक संपूर्णता की सोच से सुधार किए जा रहे हैं। हमारी सरकार शहरी ढांचे का समग्र विकास कर रही है।’’
उन्होंने कहा कि आज रेहड़ी वालों, ठेले वालों और फेरीवालों से लेकर गरीब तथा मध्यम वर्ग के कल्याण की योजनाएं जमीन पर उतारी गयी हैं। यही तो सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ के मूल मंत्र पर मजबूती से काम कर रही है और हर चुनाव के नतीजों में जनता का यह विश्वास झलक भी रहा है।
मोदी ने कहा, ‘बीते कुछ समय से जो सुधार किए जा रहे हैं, उनसे देश में नया आत्मविश्वास आया है। अगर आप बारीकियों में जाएंगे तो आपको भी संतोष होगा। पहले की तुलना में आपके अंदर भी एक नया विश्वास बनेगा। बीते हर चुनाव में यह विश्वास दिख रहा है।’
मोदी ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश सहित देश के हर कोने में चुनाव के नतीजों में यह विश्वास झलक रहा है। दो-तीन दिन पहले हैदराबाद में गरीब और मध्यम वर्ग ने सरकार के प्रयासों को अभूतपूर्व आशीर्वाद दिया है। आपका साथ और आपका समर्थन, देशवासियों की छोटी से छोटी खुशी मुझे नए-नए काम करने की हिम्मत देती है।’
इसके पहले, प्रधानमंत्री ने आगरा के 15वीं वाहिनी पी.ए.सी. परेड ग्राउण्ड में आयोजित कार्यक्रम में मेट्रो रेल परियोजना के निर्माण कार्यों की वर्चुअल माध्यम से शुरुआत की।
इस मौके पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा केन्द्रीय आवास एवं शहरी कार्य राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी सहित केन्द्र तथा प्रदेश सरकार के मंत्री एवं जनप्रतिनिधि मौजूद थे।
मोदी ने आगरा मेट्रो रेल परियोजना का जिक्र करते हुए कहा, ‘आगरा के पास बहुत पुरातन पहचान तो हमेशा से रही है। अब इसमें आधुनिकता का नया आयाम जुड़ रहा है। सैकड़ों वर्षो का इतिहास संजोये यह शहर अब 21वीं सदी के साथ कदम ताल मिलाने के लिए तैयार हो रहा है। आगरा में स्मार्ट सुविधाएं विकसित करने के लिए पहले ही लगभग 1000 करोड़ रुपए की परियोजनाओं पर काम चल रहा है।’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘बीते छह साल में उत्तर प्रदेश के साथ ही पूरे देश में जिस रफ्तार और पैमाने पर मेट्रो नेटवर्क पर काम हुआ, वह इस सरकार की पहचान और प्रतिबद्धता दोनों को दर्शाता है। वर्ष 2014 तक देश में लगभग 225 किलोमीटर मेट्रो लाइन पर संचालन शुरू हुआ था। मगर 2014 के बाद के छह वर्षों में देश में 450 किलोमीटर से ज्यादा मेट्रो लाइन पर संचालन हो रहा है। साथ ही लगभग 1000 किलोमीटर मेट्रो लाइन पर तेज गति से काम भी चल रहा है। आज देश के 27 शहरों में मेट्रो का काम या तो पूरा हो चुका है या फिर काम अलग-अलग चरणों में है।’ मोदी ने कहा, ‘देश में सिर्फ मेट्रो रेल नेटवर्क ही नहीं बन रहे बल्कि आज मेट्रो कोच भी मेक इन इंडिया के तहत भारत में ही बन रहे हैं। यही नहीं, सिग्नल सिस्टम का भी पूरी तरह से ही भारत में निर्माण हो, इस पर भी काम चल रहा है। यानी अब मेट्रो नेटवर्क के मामले में भी भारत आत्मनिर्भर हो रहा है।’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘देश के इंफ्रास्ट्रक्चर की एक बहुत बड़ी दिक्कत हमेशा से यह रही थी कि नए प्रोजेक्ट की घोषणा तो हो जाती थी लेकिन इसके लिए पैसा कहां से आएगा, इस पर बहुत ध्यान नहीं दिया जाता था। इस वजह से परियोजनाएं वर्षों तक लटकी रहती थी। हमारी सरकार ने नई परियोजना की शुरुआत करने के साथ ही उसके लिए आवश्यक धनराशि के इंतजाम पर भी उतना ही ध्यान दिया है। कनेक्टिविटी और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर जितना आज देश में खर्च किया जा रहा है, उतना पहले कभी नहीं किया गया।’’ पर्यटन क्षेत्र का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और बेहतर कनेक्टिविटी का सबसे ज्यादा फायदा हमारे पर्यटन क्षेत्र को होता है। मेरा हमेशा से मत रहा है कि पर्यटन एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें हर किसी के लिए कमाई के साधन हैं। कम से कम निवेश में अधिक से अधिक आमदनी पर्यटन के माध्यम से संभव है। इसी सोच के साथ देश लोकल टूरिज्म के लिए वोकल हो, इसके लिए अनेक स्तरों पर काम चल रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘ताजमहल जैसी धरोहरों के आसपास आधुनिक सुविधाएं विकसित करने के साथ ही सरकार ने न सिर्फ वीजा स्कीम में शामिल देशों की संख्या में काफी वृद्धि की है बल्कि टैक्स को भी काफी कम किया है।’’
मोदी ने कहा,‘‘ सरकार के प्रयासों से भारत अब ट्रैवल एंड टूरिज्म कॉम्पिटीटीवनेस इंडेक्स में 34 में नंबर पर आ गया है जबकि 2013 में भारत इसी सूचकांक में 65 में स्थान पर रुका पड़ा था। मुझे उम्मीद है जैसे-जैसे कोरोना की स्थिति सुधरती जा रही है वैसे ही बहुत जल्द ही टूरिज्म सेक्टर की रौनक भी फिर से लौट आएगी।’
प्राप्त जानकारी के अनुसार, कुल 8,379.62 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनने वाली आगरा मेट्रो रेल परियोजना के तहत कुल 29.4 किमी. लम्बे दो कॉरिडोर का निर्माण प्रस्तावित है। ताज ईस्ट गेट से सिकन्दरा के बीच लगभग 14 किमी. लम्बा पहला कॉरिडोर बनेगा, जिसमें 13 मेट्रो स्टेशन होंगे। दूसरा कॉरिडोर आगरा कैण्ट से कालिन्दा विहार के बीच निर्मित होगा, जिसकी लम्बाई 15.4 किमी. होगी और इसमें कुल 14 मेट्रो स्टेशन होंगे।
प्राप्त सूचना के अनुसार, इस मेट्रो रेल परियोजना से आगरा की 26 लाख की आबादी को तो फायदा मिलेगा ही, साथ ही, हर साल आगरा आने वाले लगभग 60 लाख पर्यटक भी शहर में विश्वस्तरीय मेट्रो सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे। आगरा मेट्रो रेल परियोजना के रूप में आगरा शहर को एक अत्याधुनिक और वैश्विक स्तर का मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (एमआरटीएस) उपलब्ध हो सकेगा
आगरा मेट्रो रेल के कॉरिडोर इस तरह निर्धारित किए गए हैं कि शहर के चार प्रमुख रेलवे स्टेशनों, बस डिपो, कॉलेजों, प्रमुख बाजारों और पर्यटन स्थलों को आपस में जोड़ा जा सके।
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के आधारभूत ढांचे में सुधार के लिए आ रही बड़ी समस्याओं में से एक यह भी रही है कि परियोजनाओं की घोषणा तो कर दी जाती थी लेकिन इस बात पर कभी ध्यान नहीं दिया गया कि इसके लिए धनराशि कहां से आएगी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि नई परियोजनाओं के शुरू होने से पहले ही आवश्यक धनराशि का प्रावधान हो।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय आधारभूत ढांचा पाइपलाइन परियोजना के तहत 100 लाख करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि खर्च की जाएगी। इसके अलावा, मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी आधारभूत ढांचा मास्टर प्लान पर भी कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश के आधारभूत ढांचे में सुधार के लिए विश्व भर से निवेश को आकर्षित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने पर्यटन को एक ऐसा क्षेत्र बताया, जिसमें सभी के लिए आय अर्जित करने के साधन हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने न केवल ई-वीजा योजना के तहत शामिल किए जाने वाले देशों की संख्या बढ़ाई है, बल्कि होटल के कमरे के किराये पर लगने वाले कर को भी काफी कम कर दिया है।
उन्होंने कहा कि स्वदेश दर्शन और प्रसाद जैसी योजनाओं के माध्यम से पर्यटकों को आकर्षित करने के प्रयास भी किए जा रहे हैं। सरकार के प्रयासों के कारण भारत अब यात्रा और पर्यटन प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक में 34वें स्थान पर आ गया है। वर्ष 2013 में, भारत इस सूचकांक में 65वें पायदान पर था। उन्होंने यह उम्मीद जताई कि कोरोना की स्थिति में लगातार सुधार होने से जल्द ही पर्यटन क्षेत्र का आकर्षण भी वापस लौट आएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब सुधार टुकड़ों-टुकड़ों में नहीं करके संपूर्ण रूप में किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि शहरों का विकास अब 4 स्तरों-दीर्घकालिक समस्याओं का समाधान, जीवनयापन में आसानी, अधिकतम निवेश और आधुनिक प्रौद्योगिकी के अधिकतम उपयोग पर किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बिल्डरों और घर खरीदने वालों के बीच विश्वास की कमी थी। उन्होंने कहा कि कुछ गलत इरादे रखने वाले व्यक्तियों ने पूरे रियल एस्टेट क्षेत्र को बदनाम किया है और हमारे मध्यम वर्ग को भी परेशान किया है।
उन्होंने कहा कि रेरा कानून इस समस्या के समाधान के लिए लाया गया था। उन्होंने कहा कि कुछ हालिया रिपोर्टों से पता चला है कि इस कानून के बाद मध्यम वर्ग के घरों का निर्माण जल्दी से पूरा किया जाने लगा है।
उन्होंने कहा कि आधुनिक सार्वजनिक परिवहन से लेकर आवास तक समग्र विकास शहरों में जीवन को आसान बनाने के लिए किया जा रहा है।
श्री मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्घाटन आगरा से किया गया था। इस योजना के तहत शहरी गरीबों के लिए 1 करोड़ से अधिक घरों के निर्माण को मंजूरी दी गई है। शहरी मध्यम वर्ग के लिए पहली बार घर खरीदने के लिए सहायता प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि अब तक 12 लाख से अधिक शहरी मध्यम वर्ग के परिवारों को घर खरीदने के लिए लगभग 28000 करोड़ रुपये की सहायत दी गई है।
उन्होंने कहा कि अमृत मिशन के तहत अनेक शहरों में पानी और सीवर जैसे बुनियादी ढांचे का उन्नयन किया जा रहा है और शहरों में सार्वजनिक शौचालयों को बेहतर बनाने तथा अपशिष्ट प्रबंधन के लिए आधुनिक प्रणाली लागू करने के लिए स्थानीय निकायों को मदद दी जा रही है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि 2014 के बाद 450 किलोमीटर मेट्रो लाइन परिचालित की गई है, जबकि इससे पहले केवल 225 किलेामीटर मेट्रो लाइन ही परिचालित की जा रही थी। उन्होंने यह भी बताया कि 1000 किलोमीटर लंबी मेट्रो लाइनों पर तेजी से काम किया जा रहा है। यह कार्य देश के 27 शहरों में जारी है।
आगरा मेट्रो परियोजना में 29.4 किलोमीटर की कुल लंबाई के दो गलियारे शामिल हैं, जो ताजमहल, आगरा का किला, सिकंदरा जैसे प्रमुख पर्यटक आकर्षण स्थलों को रेलवे स्टेशनों और बस स्टैंड से जोड़ते हैं। इस परियोजना से आगरा शहर की 26 लाख आबादी को लाभ मिलेगा और हर साल आगरा आने वाले 60 लाख से अधिक पर्यटकों की जरूरतों को भी पूरा किया जाएगा। इससे ऐतिहासिक शहर आगरा को पर्यावरण के अनुकूल मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम उपलब्ध होगा। इस परियोजना की अनुमानित लागत 8,379.62 करोड़ रुपये है, जो 5 वर्षों में पूरी होगी।
इससे पूर्व 8 मार्च 2019 को प्रधानमंत्री ने सीसीएस हवाई अड्डे से मुंशीपुलिया तक 23 किलोमीटर लंबे उत्तर-दक्षिण गलियारे पर लखनऊ मेट्रो के वाणिज्यिक संचालन की शुरुआत करने के साथ-साथ आगरा मेट्रो परियोजना का भी उद्घाटन किया था।