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नरेन्द्र मोदी ने वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रंट कॉरिडोर को राष्ट्र को समर्पित करते हुए कहा कि,आगाज़ अच्छा है तो आने वाला समय भी ‘शानदार’ होना तय attacknews.in

नयी दिल्ली, सात जनवरी । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत में निर्मित कोविड-19 के दो टीकों को मिली मंजूरी और नए साल में विकास संबंधी विभिन्न योजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास का उल्लेख करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि नए साल में देश का आगाज अच्छा है तो आने वाला समय ‘‘शानदार और जानदार’’ होना तय है।

मोदी ने यह भरोसा पश्चिमी समर्पित मालवहन गलियारा (वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर) के 306 किमी लंबे न्‍यू रेवाड़ी-न्यू मदार खंड को राष्ट्र को समर्पित करने और न्यू अटेली से न्यू किशनगढ़ के लिए विश्व के पहले डबल स्टैक लांग हॉल कंटेनर ट्रेन आपरेशंस (1.5 किलोमीटर लंबी कंटेनर ट्रेन) को हरी झंडी दिखाने के बाद अपने संबोधन में व्यक्त किया।

पिछले साल 25 दिसंबर को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत अगली किस्त के रूप में 18,000 करोड़ रुपये किसानों के खाते में हस्तांतरित करने से लेकर दिल्ली मेट्रो की मजेंटा लाइन पर चालकरहित रेल संचालन का उद्घाटन और कोच्चि–मंगलुरू प्राकृतिक गैस पाइपलाइन को राष्ट्र को समर्पित करने सहित अब तक किए गए विकास की विभिन्न परियोजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘जब नए साल में देश का आगाज अच्छा है तो आने वाले समय और भी शानदार जानदार होना तय है।’’

उन्होंने कहा कि इतने लोकार्पण इतने शिलान्यास इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत ने यह सब कोरोना के संकट भरे कालखंड में किया।

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ ही दिन पहले भारत ने कोरोना की दो मेड इन इंडिया वैक्सीन भी स्वीकृत की है। भारत की अपनी वैक्सीन ने देशवासियों में नया आत्मविश्वास पैदा किया है। 2021 की शुरुआत में भारत की आत्मनिर्भरता के लिए यह गति देखकर किस हिंदुस्तानी का माथा गर्व से ऊंचा नहीं होगा। आज हर भारतीय का आह्वान है कि न हम रुकेंगे, न हम थकेंगे। हम सब और तेजी से आगे बढ़ेंगे।’’

वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित इस समारोह में रेल मंत्री पीयूष गोयल, राजस्‍थान के राज्यपाल कलराज मिश्र और हरियाणा के राज्‍यपाल सत्यदेव नारायण आर्य के अलावा दोनों राज्यों के मुख्‍यमंत्री क्रमश: अशोक गहलोत और मनोहर लाल खट्टर भी उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, हरियाणा और राजस्थान के किसानों, उद्यमियों, व्यापारियों के लिए नए अवसर उपलब्ध कराने वाला बताया और कहा कि ‘डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर’ चाहे पूर्वी हो या पश्चिमी, सिर्फ मालगाड़ियों के लिए आधुनिक रुट नहीं हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ये देश के तेज विकास के कॉरिडोर हैं।’’

प्रधानमंत्री ने कुछ दिन पहले ही पूर्वी कॉरिडोर न्यू भाऊपुर-न्यू खुर्जा खंड की शुरुआत की थी। इसका उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अब वहां मालगाड़ियों की गति 90 किलोमीटर प्रति घंटे दर्ज की गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘जिस रास्ते में मालगाड़ियों की औसत गति 25 किलोमीटर प्रति घंटे रही वहां अब तीन गुण से ज्यादा तेज मालगाड़ी चलने लगी है। भारत को पहले के मुकाबले विकास की यही गति चाहिए और देश की ऐसी ही प्रगति चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि पश्चिमी कॉरीडोर के आरंभ हो जाने से हरियाणा और राजस्थान में खेती और इससे जुड़े व्यापार आसान होंगे और साथ ही महेंद्रगढ़, जयपुर, अजमेर, सीकर जैसे जिलों में उद्योगों को नई उर्जा भी मिलेगी।

उन्होंने कहा कि इससे इन राज्यों की निर्माण इकाईयों और उद्यमियों के लिए काफी कम लागत पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक तेजी से पहुंचने का मार्ग खुल गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘गुजरात और महाराष्ट्र के बंदरगाहों तक तेज और सस्ती कनेक्टिविटी मिलने से इस क्षेत्र में इस क्षेत्र में निवेश की नई संभावनाओं को बल मिलेगा।’’

न्‍यू रेवाड़ी-न्‍यू मदार सेक्‍शन का हिस्‍सा हरियाणा और राजस्‍थान दोनों में आता है। इस मार्ग पर न्‍यू रेवाड़ी, न्‍यू अटेली और न्‍यू फूलेरा जैसे तीन जंक्‍शन सहित नौ स्‍टेशन बनाए गए हैं। स्टेशनों में न्यू डाबला, न्यू भगेगा, न्यू श्री माधोपुर, न्यू पछार मालिकपुर, न्यू सकूल और न्यू किशनगढ़ शामिल हैं।

इस नए मालवहन गलियारे के खुल जाने से राजस्‍थान और हरियाणा के रेवाडी-मानेसर, नारनौल, फूलेरा और किशनगढ़ में मौजूद विभिन्‍न औद्योगिक इकाइयों को फायदा पहुंचेगा। इसके अलावा काठूवास स्‍थ‍ित कॉनकोर के कन्‍टेनर डिपो का भी बेहतर इस्‍तेमाल हो सकेगा।

इस रेल खंड के शुरू हो जाने से देश का पश्‍चिमी और पूर्वी मालवहन गलियारा एक दूसरे से जुड़ जाएंगे।

दो पटरियों पर आगे बढ़ रहा है इंफ्रास्ट्रक्चर का काम : मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को पश्चिमी समर्पित मालवहन गलियारा (डीएफसी) के 306 किलोमीटर लंबे न्यू रेवाड़ी-न्यू मदार सेक्शन को राष्ट्र को समर्पित किया और कहा कि डीएफसी देश के अलग-अलग शहरों के विकास का आधार बनेंगे।

श्री मोदी ने आज एक वर्चुअल कार्यक्रम में न्यू रेवाड़ी-न्यू मदार सेक्शन पर देश की पहली डबल डेकर मालगाड़ी को भी हरी झंडी दिखाकर हरियाणा के न्यू अटेली से राजस्थान के न्यू किशनगढ़ के लिए रवाना किया जिसमें एक के ऊपर एक कंटेनरों को रखा गया था। इससे मालगाड़ी की मालवहन क्षमता दुगुनी हो गई है।

उन्होंने कहा कि आज देश में इंफ्रास्ट्रक्चर का काम दो पटरियों पर चल रहा है – एक से आम नागरिकों को व्यक्तिगत जीवन में लाभ हो रहा है तो दूसरी पटरी पर देश के उद्योगों के विकास का इंजन तेजी से आगे बढ़ रहा है।

श्री मोदी ने कहा “एक पटरी व्यक्ति के निजी जीवन में विकास को आगे बढ़ा रही है, दूसरी पटरी से देश के विकास इंजन को नयी ऊर्जा मिल रही है। आज देश में सामान्य मानवी के लिए घर, टॉयलेट, पानी, बिजली, गैस, सड़क, इंटरनेट जैसी हर सुविधा को उपलब्ध कराने का अभियान चल रहा है। पीएम आवास योजना, स्वच्छ भारत अभियान, सौभाग्य, उज्ज्वला, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना जैसी अनेक योजनाओं से करोड़ों भारतीयों का जीवन सरल और सहज हो रहा है। दूसरी पटरी का लाभ देश के विकास के इंजन यानी हमारे उद्यमी, हमारे उद्योगों को हो रहा है। आज हाइवे, रेलवे, एयरवे, वॉटरवे की कनेक्टिविटी पूरे देश में पहुंचाई जा रही है, तेज़ी से पहुँचाई जा रही है। बंदरगाहों को, परिवहन के अलग-अलग माध्यमों को आपस में जोड़ा जा रहा है, मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी पर फोकस किया जा रहा है।”

न्यू रेवाड़ी-न्यू मदार खंड का 79 किलोमीटर हरियाणा के रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ जिलों में है जबकि शेष 227 किलोमीटर राजस्थान के अजमेर, सीकर, नागपुर और अलवर जिलों में है। इस खंड में नौ नये रेलवे स्टेशन हैं जिन्हें डीएफसी के लिए बनाया गया है। इससे पहले प्रधानमंत्री ने 29 दिसंबर को पूर्वी डीएफसी का 351 किलोमीटर लंबा न्यू भावपुर-न्यू खुर्जा खंड राष्ट्र को समर्पित किया था।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाने के महायज्ञ ने आज एक नई गति प्राप्त की है। उन्होंने देश के आधुनिकीकरण के लिए सरकार द्वारा पिछले 12 दिनों में शुरू किए गए कार्यक्रमों का जिक्र किया, जैसे किसानों को डीबीटी, एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन में नेशनल मोबिलिटी कार्ड लॉन्च करना, एम्स राजकोट, आईआईएम संबलपुर का उद्घाटन, 6 शहरों में लाइट हाउस परियोजनाएं, राष्ट्रीय परमाणु समय पैमाना, भारतीय निर्देशक द्रव्य प्रणाली, राष्ट्रीय पर्यावरण मानक प्रयोगशाला, कोच्चि-मंगलौर गैस पाइपलाइन, 100वीं किसान रेल, ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का एक खंड आदि। उन्होंने कहा कि देश को आधुनिक बनाने के लिए कोरोना के इस दौर में भी कई लॉन्च किए गए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ दिनों पहले कोरोना के लिए मेड इन इंडिया वैक्सीन को मंजूरी मिली है, जिससे लोगों में एक नया आत्मविश्वास पैदा हुआ है। उन्होंने कहा कि डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर 21 वीं सदी में भारत के लिए गेम चेंजर परियोजना साबित होगी। उन्होंने कहा कि न्यू भाऊपुर-नई खुर्जा खंड के शुभारंभ के बाद से उस विशेष खंड में मालगाड़ी की औसत गति बढ़कर तीन गुनी हो गई है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के न्यू अटेली से राजस्थान के न्यू किशनगंज तक पहली डबल स्टैक्ड कंटेनर मालगाड़ी के रवाना होने से भारत दुनिया के चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है। उन्होंने इस गौरवपूर्ण उपलब्धि के लिए इंजीनियरों और उनकी टीम के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर राजस्थान के सभी किसानों, उद्यमियों और व्यापारियों के लिए नए अवसर और नई उम्मीदें लाएगा। उन्होंने कहा कि डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, आधुनिक माल गाड़ियों के लिए न केवल एक मार्ग है, बल्कि देश के तेजी से विकास के लिए एक गलियारा भी है। उन्होंने कहा कि ये कॉरिडोर देश के विभिन्न शहरों में नए विकास केंद्रों और विकास बिंदुओं के उभरने का आधार बनेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ईस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर ने यह भी दिखाना शुरू कर दिया है कि वे कैसे देश के विभिन्न हिस्सों की ताकत बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर हरियाणा और राजस्थान में खेती और संबद्ध व्यवसाय को आसान बनाएगा तथा महेंद्रगढ़, जयपुर, अजमेर और सीकर जैसे शहरों को भी नई ऊर्जा प्रदान करेगा। इन राज्यों की विनिर्माण इकाइयों और उद्यमियों को बहुत कम लागत पर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में तेज पहुंच प्राप्त होगी। गुजरात और महाराष्ट्र के बंदरगाहों के साथतेज और किफायती संपर्क, क्षेत्र में निवेश के नए अवसरों को बढ़ावा देगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण जीवन और व्यापार में नई प्रणालियों को भी जन्म देता है और न केवल इससे जुड़े कार्यों को गति मिलती है बल्कि अर्थव्यवस्था के कई इंजनों को भी शक्ति प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि कॉरिडोर न केवल निर्माण क्षेत्र में बल्कि सीमेंट, इस्पात और परिवहन जैसे अन्य क्षेत्रों में भी रोजगार पैदा करता है। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के लाभ के बारे मेंप्रधानमंत्री ने कहा, यह 9 राज्यों में 133 रेलवे स्टेशनों को कवर करेगा। इन स्टेशनों पर मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क, फ्रेट टर्मिनल, कंटेनर डिपो, कंटेनर टर्मिनल, पार्सल हब होंगे। उन्होंने कहा कि ये सभी किसानों, लघु उद्योगों, कुटीर उद्योगों के साथ-साथ बड़े निर्माताओं को भी लाभान्वित करेंगे।

प्रधानमंत्री ने रेल पटरियों का उद्धरण देते हुए कहा कि आज भारत मेंबुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए दो ट्रैक पर कार्य किये जा रहे हैं। क्षेत्र विशेष के स्तर पर और देश के विकास इंजन के स्तर पर। क्षेत्र विशेष के स्तर पर, प्रधानमंत्री ने आवास, स्वच्छता, बिजली, एलपीजी, सड़क और इंटरनेट कनेक्टिविटी में सुधारों का जिक्र किया। ऐसीयोजनाओं से करोड़ों भारतीय लाभान्वित हो रहे हैं। दूसरे ट्रैक पर, राजमार्ग, रेलवे, वायुमार्ग, जलमार्ग और मल्टी-मोडल पोर्ट कनेक्टिविटी के तेज कार्यान्वयन से उद्योगऔर उद्यमियों जैसे विकास इंजनों को लाभ मिल रहा है। फ्रेट कॉरिडोर की तरह उद्योग को इकोनॉमिक कॉरिडोर, डिफेन्स कॉरिडोर,तकनीकी क्लस्टर प्रदान किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कियह क्षेत्र विशेष और उद्योग अवसंरचना भारत की छवि को सकारात्मक बना रही है, जो विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धिऔर भारत में विश्वास के बढ़ने से प्रतिबिंबित होती है।

प्रधानमंत्री ने परियोजना में तकनीकी और वित्तीय सहायता के लिए जापान के लोगों को भी धन्यवाद दिया।

प्रधानमंत्री ने भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण के लिए व्यक्तिगत स्तर पर, उद्योग के स्तर पर और निवेश के बीच समन्वय पर जोर दिया। पहले के समय में यात्रियों की परेशानी को याद करते हुएप्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छता, समयबद्धता, अच्छी सेवा, टिकट, सुविधाऔर सुरक्षा के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य किये गए हैं। उन्होंने स्टेशनों और डिब्बों की साफ-सफाई, जैविक (बायोडिग्रेडेबल) शौचालय, खान-पान, आधुनिक टिकट प्रणाली और तेजस व वंदे भारत एक्सप्रेसजैसी मॉडल ट्रेनों, विस्टा-डोम कोच का उदाहरण दिया। उन्होंने रेल लाइनों को बड़ी लाइन में बदलने और विद्युतीकरण में अभूतपूर्व निवेश का भी जिक्र किया, जिससे रेलवे का दायरा बढ़ गया है और गति में वृद्धि हुई है। उन्होंने सेमी-हाई स्पीड ट्रेनों, पटरियों को बिछाने के लिए आधुनिक तकनीक के बारे में बताया और इस बात की उम्मीद जताई कि पूर्वोत्तर के प्रत्येक राज्य की राजधानी रेलवे से जुड़ जाएगी।

प्रधानमंत्री ने कोरोना अवधि के दौरान रेलवे के उत्कृष्ट योगदान का उल्लेख किया और श्रमिकों को उनके घरों तक ले जाने में उनकी भूमिका की प्रशंसा की।

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