कोलकाता, 22 मई । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भीषण चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ से बुरी तरह प्रभावित पश्चिम बंगाल के लिए तत्काल एक हजार करोड़ रुपये की मदद की घोषणा की है। श्री मोदी ने शुक्रवार को तूफान प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद यह घोषणा की।
श्री मोदी ने राज्यपाल जगदीप धनखड़, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य सरकार के अन्य अधिकारियों के साथ बशीरहाट में एक समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए कहा, “ राज्य और केन्द्र सरकार चक्रवाती तूफान अम्फान से प्रभावित लोगों के साथ एकजुट होकर खड़ी हुई है।”
श्री मोदी ने कहा, “ पूरा देश आपके साथ खड़ा हुआ है। केन्द्र सरकार हर समय आपके साथ है। मैं आप सभी लोगों से मिलने आया था लेकिन कोविड-19 के कारण ऐसा संभव नहीं है। नुकसान कम से कम हो यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य और केन्द्र सरकार ने मिलकर काम किया है। हम करीब 70 लोगों की जिंदगी नहीं बचा सके जिसका हमें बहुत ही दुख है। दुख की इस घड़ी में हम मृतकों के परिजनों के साथ खड़े हुए हैं। केन्द्र की ओर से पश्चिम बंगाल को तत्काल एक हजार करोड़ रुपये की सहायता राशि मुहैया कराई जाएगी।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल में तूफान के कारण मरने वाले लोगों के परिजनों को केन्द्र सरकार की ओर से दो-दो लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।
श्री मोदी ने कहा, “ हम एक ओर कोविड-19 जैसी महामारी का सामना कर रहे हैं तो दूसरी ओर देश के कुछ क्षेत्रों में चक्रवाती तूफान के कारण पैदा हुई स्थिति है। इस महामारी से निपटने के लिए हमें शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करना होता है जबकि तूफान प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों की ओर ले जाना भी एक चुनौती है।”
प्रधानमंत्री ने गत वर्ष मई महीने में ओडिशा में आए तूफान का उल्लेख करते हुए कहा, “ मई महीने में उस समय देश चुनावों में व्यस्त था और उसी दौरान ओडिशा में एक तूफान का भी सामना करना पड़ा। अब एक वर्ष बाद तूफान के कारण हमारे तटवर्ती इलाके बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। पश्चिम बंगाल के लोग इसके कारण बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं।
प्रधानमंत्री ने मृतकों के परिजनों के लिए 2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ द्वारा मचाई गई भीषण तबाही से उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिए आज पश्चिम बंगाल का दौरा किया। इस दौरे में उनके साथ केंद्रीय मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान, केंद्रीय राज्य मंत्री श्री बाबुल सुप्रियो एवं श्री प्रताप चन्द्र सारंगी के अलावा सुश्री देबाश्री चौधरी भी थीं। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल श्री जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री सुश्री ममता बनर्जी के साथ प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल के चक्रवाती तूफान प्रभावित जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया।
इसके बाद प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल में किए जा रहे राहत एवं पुनर्वास कार्यों की समीक्षा करने के लिए राज्य और केंद्र सरकारों के सभी वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक की अध्यक्षता की। प्रधानमंत्री ने तत्काल राहत कार्यों के लिए पश्चिम बंगाल को 1,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की। इस राज्य से सहायता का ज्ञापन प्राप्त होने के बाद केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल में तूफान से हुई क्षति का आकलन करने के उद्देश्य से राज्य का दौरा करने के लिए एक अंतर-मंत्रालय टीम तैनात करेगी, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर आगे सहायता दी जाएगी।
प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल की आम जनता के साथ अपनी पूरी एकजुटता जताई और उन परिवारों के लिए गहरा दुख व्यक्त किया जिन्होंने इस आपदा के दौरान अपने-अपने परिजनों को खो दिया है। प्रधानमंत्री ने मृतकों के परिजनों के लिए 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि के साथ-साथ राज्य में चक्रवाती तूफान में गंभीर रूप से घायल हुए लोगों के लिए भी 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।
प्रधानमंत्री ने राज्य के लोगों को यह आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार इस कठिन समय में राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करेगी और इसके साथ ही तूफान प्रभावित इलाकों में बुनियादी ढांचागत सुविधाओं की बहाली एवं पुनर्निर्माण के लिए हरसंभव सहायता प्रदान करेगी।
यह इस वर्ष प्रधानमंत्री की पश्चिम बंगाल की दूसरी यात्रा थी, जो उत्तर प्रदेश के अलावा एकमात्र राज्य है, जहां इस वर्ष उनकी कई यात्राएं हुई हैं।
प्रधानमंत्री ने इस वर्ष के आरंभ में 11-12 जनवरी को पश्चिम बंगाल का दौरा किया था। प्रधानमंत्री ने उस दौरान कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट की 150वीं वर्षगांठ से जुड़े समारोह में भाग लिया था, कोलकाता में चार पुनर्निर्मित ऐतिहासिक इमारतों को राष्ट्र को समर्पित किया था और बेलूर मठ का भी दौरा किया था।
अम्फान चक्रवात के मद्देनजर स्थिति पर प्रधानमंत्री के सम्बोधन का मूल पाठ
फिर से साइक्लोन ने भारत के तटीय क्षेत्र को, विशेष करके पूर्वी क्षेत्र को प्रभावित किया और उसमें भी सबसे ज्यादा दुष्परिणाम पश्चिम बंगाल के हमारे भाइयों-बहनों को, पश्चिम बंगाल के नागरिकों को, यहां की संपत्ति को बहुत हानि पहुंचाई है।
साइक्लोन की संभावनाओं से लेकर लगातार मैं इससे संबंधित सभी लोगों से संपर्क में था। भारत सरकार भी सतत् राज्य सरकार के संपर्क में थी। साइक्लोन का नुकसान कम से कम हो, इसके लिए जो भी आवश्यक कदम उठाने चाहिए उसके लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने मिल करके भरसक प्रयास किया। लेकिन उसके बावजूद करीब-करीब 80 लोगों का जीवन हम नहीं बचा पाए, इसका हम सबको दुख है। जिन परिवारों ने अपना स्वजन खोया है, उनके प्रति केंद्र सरकार, राज्य सरकार और हम सबकी संवदेनाएं हैं और इस संकट की घड़ी में हम उनके साथ हैं।
संपत्ति का भी नुकसान काफी होता है- चाहे एग्रीकल्चर हो, चाहे पॉवर सेक्टर हो, चाहे टेली- कॉम्युनिकेशन हो, चाहे घरों का उजड़ जाना हो; अनेक प्रकार का चाहे वो इंफ्रास्टक्चर का हो, चाहे व्यापार जगत से लोग जुड़े हुए हों, चाहे खेती सेक्टर से जुड़े हुए; हर किसी को नुकसान होता है।
आज मैंने हवाई निरीक्षण करके बारीकी से इस प्रभावग्रस्त विस्तार को मुख्यमंत्रीजी के साथ, गवर्नर जी के साथ दौरा करके उसको देखा है। अभी राज्य सरकार ने और मुख्यमंत्रीजी ने विस्तार से मेरे सामने जो भी प्राथमिक आकलन है, उसका ब्यौरा दिया है। हमने तय किया है कि हो सके उतना जल्द डिटेल में सर्वे हो। कृषि का हो, पॉवर सेक्टर का हो, टेली-कॉम्युनिकेशन का हो, घरों की जो स्थिति है, इंफ्रास्ट्रक्चर की जो स्थिति है।
केंद्र सरकार की तरफ से भी तत्काल एक टीम आएगी और वो टीम इन सभी क्षेत्रों में सर्वे करेगी और हम मिल करके rehabilitation हो, restoration हो, reconstruction हो; उसकी व्यापक योजना बना करके बंगाल की इस दुख की घड़ी में हम पूरा-पूरा साथ देंगे, सहयोग देंगे और बंगाल जल्द से जल्द खड़ा हो जाए, बंगाल जल्द से जल्द तेज गति से आगे बढ़़े, इसके लिए भारत सरकार कंधे से कंधा मिला करके काम करेगी और जो भी आवश्यकताएं होंगी, उन आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए भारत सरकार के जो भी नीति-नियम हैं उसका पूरी तरह उपयोग करते हुए पश्चिम बंगाल की मदद में हम खड़े रहेंगे।
अभी तत्काल जो इस संकट की घड़ी में राज्य सरकार को कठिनाई न हो इसके लिए एक advance assistance के रूप में एक हजार करोड़ रुपया भारत सरकार की तरफ से व्यवस्था की जाएगी। साथ-साथ जिन परिवारों ने अपने स्वजन खोए हैं, उन परिवारों को प्रधानमंत्री राहत कोष से दो लाख रुपया और जिन लोगों को injury हुई है उनको 50 हजार रुपये तक की सहायता देने का भी हम प्रधानमंत्री राहत कोष से करेंगे।
पूरी दुनिया एक संकट से जूझ रही है। भारत भी लगातार कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है। कोरोना वायरस की लड़ाई में जीतने का मंत्र और साइक्लोन में जीतने का मंत्र; दोनों पूरी तरह एक-दूसरे के opposite हैं।
कोरोना वायरस से लड़ने का मंत्र है- जो जहां है वहीं रहे, जरूरत नहीं हो तब तक घर से बाहर नहीं निकले और जहां भी जाए दो गज की दूरी बनाए रखे, लेकिन साइक्लोन का मंत्र है कि साइक्लोन आ रहा है, जल्दी से जल्दी सुरक्षित स्थल पर आप शिफ्ट कर जाइए, वहां पर पहुंचने का प्रयास कीजिए, अपना घर खाली कीजिए; यानी दोनों अलग-अलग प्रकार की लड़ाइयां एक साथ पश्चिम बंगाल को लड़नी पड़ी हैं।
लेकिन उसके बावजूद भी ममता जी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने भरसक प्रयास किया है। भारत सरकार ने भी लगातार उनके साथ रह करके इस संकट की घड़ी में जो भी आवश्यक व एडवांस में करने योग्य था, जो उसी समय करने के योग्य था और जो आगे दिनों में करने की आवश्यकता है, उसको भी पूरा करने का हम प्रयास करेंगे।
आज समग्र देश को जिनके लिए गौरव है, ऐसे राजा राममोहन राय जी की जन्म–जयंती है। और इस समय मेरा पश्चिम बंगाल की पवित्र धरती पर होना, मेरे मन को छूने वाली बात होती है। लेकिन संकट की घड़ी से हम जूझ रहे हैं, तब मैं इतना ही कहूंगा कि राजा राममोहन राय जी हम सबको आशीर्वाद दें ताकि समयानुकूल समाज परिवर्तन के जो उनके सपने थे, उनको पूरा करने के लिए हम मिल-बैठ करके, मिल-जुल करके एक उज्ज्वल भविष्य के लिए, भावी पीढ़ी के निर्माण के लिए समाज सुधार के अपने कामों को निरंतर जारी रखेंगे और वही राजा राममोहन राय जी को उत्तम श्रद्धांजलि होगी।
मैं मेरे पश्चिम बंगाल के सभी भाइयों-बहनों को विश्वास दिलाता हूं कि संकट की घड़ी में पूरा देश आपके साथ है। भारत सरकार कंधे से कंधा मिला करके आपके साथ आने वाले सभी कामों में खड़ी रहेगी। इसी संकट की घड़ी के समय आप सबसे मिलने आया हूं, लेकिन कोरोना वायरस के कारण सब नागरिकों से तो नहीं मिल पा रहा हूं; मन में एक कसक तो रह जाएगी। यहां से मैं आज उड़ीसा की ओर जाऊंगा और वहां भी हवाई निरीक्षण करूंगा, वहां के माननीय मुख्यमंत्री जी से, राज्य सरकार से बातचीत करूंगा।
मैं फिर एक बार पश्चिम बंगाल की इस दुख की घड़ी में आपके साथ हूं। जल्द से जल्द आप इस संकट से बाहर निकलें, इसके लिए मैं पूरी तरह आपके साथ रहूंगा।
बहुत-बहुत धन्यवाद।