नईदिल्ली 6 फरवरी ।प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आश्वस्त किया है कि नागरिकता संशोधन कानून से कोई भारतीय नागरिक प्रभावित नहीं होगा। उन्होंने आज लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए यह बात कही।
नागरिकता संशोधन कानून पर विस्तार से बोलते हुए प्रधानमंत्री ने सदन को आश्वस्त किया कि इस कानून का देश के किसी भी नागरिक पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में इस कानून पर पूर्ववर्ती सरकार के रूख का भी जिक्र किया और कहा कि पिछली सरकार भी ऐसा ही कानून लाने के हक में थी। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का हवाला देते हुए कहा कि वह पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को भारत में शरण देने के लिए नागरिकता कानून में संशोधन के हक में थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ राजनीतिक दल देश में विभाजन के पाकिस्तानी एजेंडो को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा “मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि नागरिकता संशोधन कानून के लागू होने से कोई भी भारतीय नागरिक चाहे वह किसी भी धर्म या सम्प्रदाय का हो, प्रभावित नहीं होगा।’’
सीएए पर मिलकर सोंचे, अर्थव्यवस्था पर निराशा नहीं फैलायेंं : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिक संशोधन कानून (सीएए)पर हो रहे विरोध प्रदर्शन के लिए विपक्ष काे जिम्मेदार ठहराते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि इस पर सबको मिल बैठकर सोचने की जरुरत है और देश की अर्थव्यवस्था मजबूत है और इस पर निराशा नहीं फैलायी जानी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर तीन दिन तक चली चर्चा का उत्तर देते हुए कहा कि सीएए पर विपक्ष लोगों को गुमराह कर रहा है। यह कानून वास्तव में देश के महापुरुषों राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, बाबा साहेब अम्बेडकर, पंडित जवाहर लाल नेहरु और लाल बहादुर शास्त्री का भावना के अनुरुप है। उन्होेंने आश्वस्त किया कि इससे किसी भी भारतीय नागरिक को कोई खतरा नहीं है।
श्री मोदी ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और जनगणना को सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया बताते हुये विपक्ष से इसका विरोध नहीं करने की अपील की और कहा कि इससे विपक्ष की गरीब विरोधी मानसिकता प्रकट होती तथा वह सिर्फ वोट बैंक की राजनीति कर रही है जिससे देश में अविश्वास की स्थिति बनती है।
उन्होंने विपक्ष के अर्थव्यवस्था को लेकर किये गये हमलों का खारिज करते हुए कहा कि इसके मूल आधार मजबूत हैं और अर्थव्यवस्था काे लेकर निराश होने की जरुरत नहीं है।
श्री माेदी के जवाब के दोनों सदनों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। राज्यसभा में विपक्ष के बहिर्गमन के बीच इस प्रस्ताव का अनुमोदन किया और लोकसभा में विपक्ष ने केवल अपना विरोध प्रकट किया।
श्री मोदी ने दोनों सदनों में हिन्दी – उर्दू के कवियों और शायरों की पंक्तियों काे उद्धृत करते विपक्ष पर तीखे प्रहार किये और कहा कि विपक्ष ठहर गया है और आगे बढ़ने का नाम नहीं ले रहा है जबकि भारतीय जनता पार्टी पुरानी लीक से हट कर नयी लकीर बना रही है।
चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष आजाद ने पूर्वोत्तर की स्थिति की चर्चा की थी। मोदी ने इसका जिक्र करते हुए कहा, ‘‘ आजाद जी, पूर्वोत्तर यदि जलता होता तो आपने अपने सांसदों का प्रतिनिधि मंडल वहां भेजा होता, संवाददाता सम्मेलन किया होता, फोटो डाली होती है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरा पूर्वोत्तर शांति की राह पर आगे बढ़ रहा है। वहां नाकेबंदी खत्म हो गयी है। आंदोलन समाप्त हो गये हैं। ब्रू समस्या को समाप्त किया गया है।
ब्रू जनजाति की समस्या का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मिजोरम सहित अधिकतर पूर्वोत्तर राज्यों में कांग्रेस और त्रिपुरा में उसके मित्र दल की सरकार थी। यदि कांग्रेस चाहती तो केन्द्र में रहते हुए इस समस्या का समाधान किया जा सकता था।
उन्होंने कहा कि ब्रू लोगों का सीमित वोट था, इसलिये समाधान की तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ लेकिन हमारी सोच अलग है। हम सबका साथ, सबका विकास एवं सबका विश्वास की नीति लेकर सभी की समस्याओं का समाधान निकालने की कोशिश में लगे हुए हैं। आज देश को गर्व होगा कि 29 हजार ब्रू लोगों को सम्मान से जीवन जीने का अवसर मिला है।’’
प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि बजट सत्र में आर्थिक विषयों पर गहन चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसका सुझाव उन्होंने सर्वदलीय बैठक में दिया था। उन्होंने कहा कि इस विचार मंथन से अवश्य अमृत निकलेगा।
आर्थिक क्षेत्रों में उनकी सरकार द्वारा उठाये गये कदमों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस शासित प्रदेशों की तरफ से भी जीएसटी परिषद में विषय आते हैं। हमारा मत है कि समयानुकूल परिवर्तन आवश्यक हों तो उन्हें करना चाहिए।
चर्चा में जीएसटी को लेकर विपक्षी सदस्यों के विभिन्न सुझावों का जिक्र करते हुए उन्होंने विपक्ष से पूछा कि यदि जीएसटी को लेकर उनके पास इतना ही ज्ञान और विजन था तो इसे सरल क्यों नहीं बनाया गया? इसे लटका कर क्यों रखा गया?
मोदी ने कहा कि गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी से कहा था कि उत्पादक राज्यों के मुद्दों को हल करना चाहिए। लेकिन बाद में तत्कालीन वित्त मंत्री अरूण जेटली ने उन मुद्दों को हल किया और इसके बाद सभी राज्यों में जीएसटी को लागू किया जा सका।
उन्होंने कहा कि नयी उड़ान योजना के तहत पिछले दिनों 250 हवाई मार्गों का उद्घाटन हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारे पास 65 परिचालनरत हवाई अड्डे थे जिनकी संख्या 100 से अधिक हो गयी है। आज सवा लाख से अधिक पंचायतों में ब्रॉडब्रैंड सेवा पहुंच गयी है। दुनिया के अनेक देश भीम एप के बारे में जानकारी हासिल कर रहे हैं। यह एक बहुत मजबूत एप बन गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस जनवरी में दो लाख 16 हजार करोड़ रूपये के लेनदेन मोबाइल फोन से भीम एप के जरिये किये गये। भारत का रूपे कार्ड अपनी एक विशेष जगह बना रहा है।
उन्होंने कहा कि 100 से अधिक आकांक्षी जिले सहकारी संघवाद का सर्वोत्तम उदाहरण हैं। कई क्षेत्रों के बहुत सारे जिले काफी पिछड़े हुए हैं। हमने 100 से अधिक आकांक्षी जिलों की पहचान कर उनके प्रशासन में बदलाव के प्रयास किये हैं और इसके लिए राज्य सरकारों से भी प्रयास करने को कहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के उन बयानों को भी उद्धृत किया जिनमें पाकिस्तान में उत्पीड़न के शिकार अल्पसंख्यकों का समर्थन किया गया था।
मोदी ने कहा ‘‘क्या देश को गुमराह करना और गलत जानकारी देना सही है ? क्या ऐसा करने वाला कोई भी व्यक्ति किसी अभियान का हिस्सा हो सकता है ? सीएए पर कई विपक्षी दलों ने जो रास्ता चुना है वह दुर्भाग्यपूर्ण है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा ‘‘केरल के मुख्यमंत्री एक ओर तो आगाह करते हैं कि राज्य में सीएए विरोधी प्रदर्शनों में चरमपंथी तत्व शामिल हो रहे हैं और दूसरी ओर वाम दल के सदस्य राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ऐसे प्रदर्शनों का समर्थन भी करते हैं।’’
मोदी ने कहा कि सीएए के विरोध में प्रदर्शनों की आड़ में अलोकतांत्रिक गतिविधियों को छिपाने के प्रयास हुए हैं। उन्होंने कहा कि इन प्रदर्शनों से किसी को भी राजनीतिक लाभ नहीं होने जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सीएए को लेकर लोगों को डराने के बजाय सही जानकारी मुहैया कराए जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा ‘‘सीएए के विरोध में जो हिंसा हुयी उसे आंदोलन का अधिकार मान लिया गया, सीएए के बारे में जो भी प्रचारित किया जा रहा है उसके बारे में सभी साथियों को खुद से पूछना चाहिये कि क्या उन्हें देश को गुमराह करना चाहिये। यह रास्ता सही नहीं हैं। हम सब मिल कर इस पर विचार करें ।’’
मोदी ने कहा ‘‘अल्पसंख्यकों की दुहाई देने वाले लोग उनकी पीड़ा भी महसूस करें जो पड़ोस में अल्पसंख्यक बन गये। जो लोग कभी “साइलेंट” थे वे आज “वायलेंट” हैं।’’
प्रधानमंत्री के अनुसार, ‘‘समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया ने कहा था ‘हिंदुस्तान का मुसलमान जिये और पाकिस्तान का हिंदू जिये। मैं इस बात को ठुकराता हूं कि पाकिस्तान के हिंदू पाकिस्तान के नागरिक हैं इसलिये हमें उनकी परवाह नहीं करना चाहिये।’’
मोदी ने 1947 में कांग्रेस की कार्यसमिति में पाकिस्तान से आने वाले गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने के बारे में पास किए गये एक प्रस्ताव का भी हवाल दिया।
उन्होंने सीएए के विरोध के लिए कांग्रेस के नेताओं का नाम लिये बिना कहा, ‘‘यह कैसा दोहरा चरित्र है कि आप हमेशा अल्पसंख्यकों की दुहाई देते हैं। पड़ोस में अल्पसंख्यकों के साथ जो हो रहा है, उसे लेकर आपको पीड़ा क्यों नहीं होती?’’ मोदी ने विपक्षी नेताओं से अपील की वे दूसरे लोगों को डराने के बजाय उन्हें सही जानकारी दें।