नयी दिल्ली, 14 जनवरी । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत दौरे पर आज यहां आए इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सारे प्रोटोकोटल तोड़ते हुए खुद हवाई अड्डे जाकर अगवानी की और पूरी गर्मजोशी के साथ गले लगार उनका स्वागत किया।
इजराली प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए हवाई अड्डे पर विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह के अलावा कई शीर्ष अधिकारी मौजूद थे।
हवाई अड्डे से श्री नेतन्याहू और श्री मोदी सीधे तीन मूर्ति स्मारक पहुंचे और भारत और इजरायल के बीच दोस्ताना रिश्तों को और प्रगाढ़ बनााने के लिए एक दूसरे के प्रति अपनी सदाशयता और सम्मान के प्रतीक स्वरूप प्रथम विश्व युद्ध के दौरान इजरायल के हाइफा शहर को आजाद कराने में अपनी शहादत देने वाले भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ ही तीन मूर्ति चौक का नाम बदलकर हाइफा चौक रखने की घोषणा की।attacknews.in
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रोटोकॉल को परे रखते हुए आज इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू की अगवानी की। नेतान्याहू छह दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचे।
मोदी ने नेतान्याहू की हवाई अड्डे पर अगवानी की। उन्होंने नेतान्याहू के यहां पहुंचने पर उन्हें गले लगाकर उनका स्वागत किया। नेतान्याहू के साथ उनकी पत्नी सारा भी आयी हैं।attacknews.in
मोदी ने अंग्रेजी और हिब्रू भाषा में ट्वीट किया, ‘‘मेरे मित्र प्रधानमंत्री नेतान्याहू, भारत में आपका स्वागत है। भारत की आपकी यह यात्रा ऐतिहासिक और विशेष है। इससे हमारे देशों के बीच मित्रता और मजबूत होगी।’’ इस यात्रा के दौरान दोनों नेता विभिन्न मुद्दों पर व्यापक बातचीत करेंगे।attacknews.in
दोनों नेता दोपहर में यहां तीनमूर्ति मेमोरियल में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए । कार्यक्रम का आयोजन तीन मूर्ति चौक का नाम औपचारिक रूप से तीन मूर्ति हयफा चौक करने के लिए किया गया । हयफा इस्राइल का शहर है।attacknews.in
तीन मूर्ति पर कांस्य की तीन मूर्तियां हैदराबाद, जोधपुर और मैसूर के सैनिकों का प्रतिनिधित्व करती हैं जो 15 इमीरियल सर्विस कैवेलरी ब्रिगेड का हिस्सा थे। ब्रिगेड ने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान 23 सितम्बर, 1918 को हैफा पर हमला किया था और उसमें जीत हासिल की थी।
ऐसे हुआ तीन मूर्ति चौक का नाम हैफा-
ऐतिहासिक तीन मूर्ति चौक का नाम बदलकर इस्राइली शहर हैफा के नाम पर रखा गया गया है। सालभर पहले एनडीएमसी ने इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया था।attacknews.in
इ्स्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू की निर्धारित भारत यात्रा के बाद यह घोषणा की गयी है।
पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस्राइल यात्रा के दौरान नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने तीन मूर्ति मार्ग और चौक का नाम हैफा के नाम पर रखने का प्रस्ताव रखा।attacknews.in
अप्रैल में एक बैठक में एनडीएमसी के कुछ सदस्यों ने दावा किया कि यह प्रस्ताव पारित हो गया है लेकिन पर परिषद के अध्यक्ष नरेश कुमार ने बाद में घोषणा की थी कि यह मुद्दा टाल दिया गया।
परिषद के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हैफा की लड़ाई के सौंवे साल में भारत और इ्स्राइल के बीच मित्रता के प्रतीक के तौर पर तीन मूर्ति चौक का नाम अब तीन मूर्ति हैफा चौक होगा।’’ attacknews.in
द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों ने हैफा को ऑटोमन साम्राज्य के कब्जे से मुक्त कराया था। 15 वीं इंपेरियल सर्विस कैवलरी ब्रिग्रेड के बहुत सारे भारतीय सैनिक इस शहर को आजाद कराने की लड़ाई में शहीद हुए थे और करीब 900 का इस्राइल में अंतिम संस्कार किया गया था।
पिछले कुछ सालों में आरएसएस समेत कई संगठनों ने तीनमूर्ति चौक रोड और चौक का नाम बदलने की मांग की थी।attacknews.in