नयी दिल्ली,19 जून । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि देश की सीमा पर कोई चौकी किसी के भी कब्जे में नहीं है और न ही भारतीय सीमा में कोई घुसा हुआ है।
श्री मोदी ने भारत चीन सीमा की मौजूदा स्थिति पर विचार-विमर्श के लिए बुलाई सर्वदलीय बैठक का समापन करते हुये आश्वस्त किया कि भारतीय सेना किसी भी चुनौती का का सामना करने में सक्षम है और तीनों सेनाएं एक साथ अभियान चला सकती हैं।
श्री मोदी ने कहा,“ न वहां कोई हमारी सीमा में घुसा हुआ है, न ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में हैं”
लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शहीद हुए सैनिकों का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा,“ लद्दाख में हमारे 20 जांबाज शहीद हुए, लेकिन जिन्होंने भारत माता की तरफ आंख उठाकर देखा था, उन्हें वे सबक सिखाकर गए।”
श्री मोदी ने कहा कि कोई घटनाक्रम हो, कोई कार्रवाई हो या जवाबी कार्रवाई करनी हो, जल-थल-नभ में हमारी सेनाओं को देश की रक्षा के लिए जो करना है, वह कर रही है।
उन्होंने कहा, “आज हमारे पास यह क्षमता है कि कोई हमारी एक इंच जमीन की तरफ आंख उठाकर भी नहीं देख सकता। आज भारत की सेनाएं अलग-अलग सेक्टर में एक साथ अभियान करने में भी सक्षम हैं।”
चीन संकट पर देश को अंधेरे में रखा गया: सोनिया
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चीन सीमा पर पैदा हुए संकट से जुड़े घटनाक्रम पर देश को अंधेरे में रखने का आरोप लगाते हुए सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि इस मामले पूरा विवरण साझा कर विपक्ष को भी विश्वास में लिया जाना चाहिए।
श्रीमती गांधी ने शुक्रवार को यहां चीन मुद्दे को लेकर आयोजित सर्वदलीय बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार जो बैठक आज कर रही है उन्हें लगता है कि इस तरह की पहल लद्दाख और अन्य जगहों पर चीनी सैनिकों की घुसपैठ की पांच मई को मिली खबरों के फौरन बाद बुलानी चाहिए थी। अगर सरकार ने यह पहल कर दी होती तो पूरा देश हमेशा की तरह चट्टान भांति एक साथ खड़ा होता और देश की सीमाओं की अखंडता की रक्षा के लिए सरकार के कदमों को अपना पूरा सहयोग देता।
उन्होंने इस बात पर खेद जताया कि सरकार ने देश की जनता तथा विपक्ष को अहमियत नहीं दी इसलिए इस तरह की कोई बैठक नहीं बुलाई गयी।
उन्होंने कहा “वास्तव में, इतना समय गुजर जाने के बाद भी इस संकट के अनेक महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में हमें अंधेरे में रखा गया है। कांग्रेस पार्टी का मानना है कि पांच मई से लेकर छह जून के बीच का बहुमूल्य समय हमने गंवा दिया, जब दोनों देशों के कोर कमांडर्स की बैठक हुई।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी के साथ ही सभी विपक्षी दल हमारे सैनिकों के साथ एकजुट हैं तथा हमारी सेनाएं सभी चुनौतियों से निपटने में सक्षम हैं और अखंडता की रक्षा के लिए कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हैं। संकट की इस घड़ी में देश के लोग सरकार से उम्मीद करते हैं कि वो पूरे देश और विपक्ष को विश्वास में लें और लगातार पूरे घटनाक्रम की जानकारी दें। तभी हम दुनिया के सामने अपनी एकजुटता ओर सहयोग सुनिश्चित कर सकेंगे।
श्रीमती गांधी ने कहा, “हम आज एक दर्दनाक टकराव के बाद मिल रहे हैं। हमारे मन गहरी वेदना और आक्रोश से भरे हैं। सबसे पहले मैं अपनी सेना के उन साहसी सैनिकों को श्रद्धांजलि देती हूँ, जिन्होंने सीमा पर अपने प्राण न्योछावर किये। मैं उनके शोकाकुल परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया। हम घायल सैनिकों के जल्द से जल्द ठीक होने की कामना करते हैं।”
उन्होंने जवानों के शहीद होने को लेकर सरकार से सवाल पूछे और कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि चीनी सेनाओं ने लद्दाख में हमारे क्षेत्र में किस तारीख़ को घुसपैठ की और सरकार को इस बारे में कब जानकारी मिली।
उन्होंने यह भी पूछा कि क्या सरकार को नियमित रूप से देश की सीमाओं के सेटेलाइट से चित्र नहीं मिलते हैं। क्या सरकार को खुफिया एजेंसियों से घुसपैठ की जानकारी नहीं दी गयी और क्या भारतीय क्षेत्र में चीनी सेना की मौजूदगी के बारे सचेत नहीं किया गया। अगर ऐसा है तो सरकार को अपनी खुफिया नाकामयाबी को स्वीकार करना चाहिए।