नयी दिल्ली, 10 फरवरी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान आंदोलन में बाहरी तत्वों के शामिल होने की बात दोहराते हुए आज उन पर तीखा प्रहार किया और कहा कि किसान के पवित्र आंदोलन को ये आंदोलनजीवी’ कलंकित कर रहे हैं।
श्री मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए बुधवार को कहा कि लोकतंत्र में आंदोलनाें का महातम्य होता है। लोकतंत्र में आंदोलन होने चाहिए लेकिन जब ‘आंदोलनजीवी’ अपने फायदे के लिए आंदोलन का इस्तेमाल शुरू करते हैं तो इसका बहुत नुकसान होता है। किसानों के पवित्र आंदोलन को जो लोग अपवित्र कर रहे हैं उन्होंने ही टोल प्लाजा पर कब्जा किया है और किसानों के पवित्र आंदोलन को कलंकित करने का काम किया है।
उन्होंने कहा “किसान आंदोलन को मैं पवित्र मानता हूं।हमारे लोकतंत्र में आंदोलन का महत्व है लेकिन जब आंदोलनजीवी पवित्र आंदोलन को अपने लाभ के लिए अपवित्र करने निकल पड़ते हैं तो क्या होता है। दंगा करने वालों, सम्प्रदायवादी, आतंकवादियों जो जेल में हैं, उनकी फोटो लेकर उनकी मुक्ति की मांग करना, यह सब किसानों के आंदोलन को अपवित्र करना है।”
श्री मोदी ने कहा कि देश में एक बहुत बड़ा वर्ग है जो सही काम करने को गलत मानता है। इस वर्ग की पहचान है कि सही बात कहने में कोई बुराई भी नहीं हैं लेकिन वे लोग सही करने वालों से नफरत करते हैं। यही वह वर्ग है जो दिल्ली में पर्यावारण प्रदूषण के खिलाफ न्यायालय जाता है लेकिन पराली जलाने के मुद्दे पर किसानों के साथ खड़ा होता है। लिंग के आधार पर भेदभाव का विरोध करता है और ऐसे काम को अन्याय मानता है लेकिन जब तीन तलाक की बात आती है तो विरोध में खड़ा हो जाता है।
पुरानी सोच से किसानों, खेती का भला नहीं होगा : मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने तीन कृषि सुधार कानूनों को ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ के मकसद पर आधारित बताया और कहा कि पुरानी सोच से किसानों एवं खेती का भला नहीं होगा और असफलता के डर से बदलावों को रोका नहीं जा सकता है।
श्री मोदी ने यहां लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर 14 घंटे से अधिक चली चर्चा का उत्तर देते हुए कृषि सुधार कानूनों का डटकर बचाव किया।
विपक्ष की भारी टोका टाकी, व्यवधान और बहिर्गमन के बीच प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर भी तीखे हमले किये और कहा, “सरकार आंदोलन कर रहे सभी किसान भाइयों का सम्मान एवं आदर करती है और हमेशा करेगी। सरकार के वरिष्ठ मंत्री लगातार सम्मान आदर के भाव से वार्ता कर रहे हैं। किसानों की शंकाओं को ढूंढ़ने का गंभीरता से प्रयास कर रहे हैं। अगर कोई कमी होगी और उससे किसानों को नुकसान हो रहा होगा तो सरकार उसे बदलने के लिए तैयार है।”
कोरोना से देश को मिला ‘अत्मनिर्भर’ बनाने का अवसर : मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि जिस तरह से दो विश्व युद्धों से दहलने के बाद दुनिया में शांति की नयी सोच पैदा हुई उसी तरह से कोराना से सहमे विश्व में भी बदलाव अवश्यंभावी है इसलिए विश्व में मजबूत उपस्थिति दर्ज करने के लिए भातर को कोरोना से ‘आत्मनिर्भर’ बनाने का अवसर मिला है।
श्री मोदी ने कहा कि कोराेना के बाद दुनिया की सोच में बदलावा आएगा और यह परिवर्तन कैसा होगा इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है लेकिन बदलाव आएगा और इस बदलाव में भारत चुप नहीं रह सकता है।
उन्होंने कहा कि विश्व स्तर पर आने वाले बदलाव के इस माहौल में भारत को अपनी मजबूत उपस्थिति दिखानी है। हमें यह ध्यान रखना है कि हम जनसंख्या के आधार पर दुनिया में मजबूत हैं लेकिन सिर्फ जनसंख्या के बल पर हम विश्व स्तर अपनी मजबूती को प्रदर्शित नहीं कर सकते हैं इसलिए दुनिया के समक्ष अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करने के लिए हमें आत्मनिर्भर भारत बनाना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का सिद्धांत किसी राजनेता या राजनीतिक दल ने नहीं दिया है बल्कि यह सिद्धांत हमारी ‘सर्वेभवंतु सुखीना’ की सोच से मिला है। दुनिया सब सुखी रहें यह सिद्धांत हमें हमारे वेदों और उपनिषदों से मिला है और हमारे गौरव का यह भाव हमारे लिए आज आत्मनिर्भर बनने के काम आ रही है और फार्मेसी में हम आज दुनिया में सबसे आगे हैं।