नयी दिल्ली, छह फरवरी । प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है और वह न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने, फसल बीमा को प्रभावी बनाने, वर्षों से लटकी सिंचाई योजनाओं को पूरा करके इस दिशा में प्रतिबद्धता से काम कर रही है ।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए मोदी ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में कहा, ‘‘ सिंचाई से लेकर उद्योग तक, सड़क से लेकर बंदरगाह तक और हवाई मार्ग से लेकर जल मार्ग तक हमने अनेक पहल की हैं। गत 5 वर्षों में देश ने यह सब देखा है और देखा है तभी तो यहां दोबारा बैठाया है ।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ किसानों की आय बढ़े, यह हमारी प्राथमिकता है। लागत कम हो यह हमारी प्राथमिकता है। हमारे देश में पहले 7 लाख टन दाल और तिलहन की खरीद हुई थी। जबकि हमारे कार्यकाल में 100 लाख टन दाल और तिलहन की खरीद हुई ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे आने से पहले कृषि मंत्रालय का बजट 27 हजार करोड़ रुपये था, अब इसे करीब पांच गुना बढ़ाकर लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये तक हमने पहुंचाया है । ’’
मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किसानों में एक विश्वास पैदा हुआ है। इस योजना के अंतर्गत किसानों से करीब 13 हजार करोड़ रूपये का प्रीमियम आया । लेकिन प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों को जो नुकसान हुआ, उसके लिए किसानों को करीब 56 हजार करोड़ इस बीमा योजना से मिले।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम जानते हैं कि डेढ़ गुना एमएसपी का विषय लंबे समय से अटका था, यह किसानों के प्रति हमारी जिम्मेदारी थी और हमने उसे पूरा किया। वर्षों से लटकी करीब 99 सिंचाई परियोजनाओं पर 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर हमने उन्हें पूरा किया और अब किसानों को उसका लाभ मिल रहा है । ’’
देश को निराश होने की जरुरत नहीं: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्थव्यवस्था के आधार मजबूत होने का दावा करते हुए कहा कि देश को निराश होने की आवश्यकता नहीं है और पांच हजार अरब डालर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने के लिए सबको मिलकर काम करने की जरुरत है।
श्री मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद पर तीन दिन तक चली चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था मूल आधार पूरी तरह से सशक्त है और देश काे एकजुटता के साथ आगे बढ़ना है।
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को लेकर देश में निराशा का माहौल की जरुरत नहीं है और इससे देश का भला नहीं होगा। उन्हाेंने कहा कि जो लोग इसका विरोध करते हैं, उन्हें भी पांच हजार अरब डालर की अर्थव्यवस्था की दिशा में बढ़ना हाेगा।
प्रधानमंत्री ने संसद के वर्तमान सत्र को पूरी तरह से अर्थव्यवस्था पर केंद्रित करने का अाह्वान करते हुए कहा कि इस सत्र को पूरी तरह से आर्थिक मुद्दों पर समर्पित कर देना चाहिए। एक दूसरे का विरोध करने की बजाय या “ तू- तू मैं- मैं” की जगह आपस में मिलकर विचार करने तथा आत्ममंथन करने की जरुरत है।
उन्होंने डिजीटल इंडिया, कौशल विकास, स्टार्टअप इंडिया आैर छोटे उद्योगों की मदद देने और अन्य योजनाओं की सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार समाज की मानसिकता बदलने में कामयाब हुई है अौर ‘अब माेहल्ले में खेलने की बजाय दुनिया के सामने खेलने’ का समय आ गया है।